जानें भारत में किचन गार्डनिंग के लिए फुल गाइड – Complete Guide To Kitchen Gardening In India In Hindi

किचन गार्डनिंग सकारात्मक कारणों से हमारे बीच बेमिसाल लोकप्रियता हासिल कर रही है, यह एक ऐसा काम है जो हर कोई करना चाहता है। महंगाई के इस दौर में आप भी अपने घर पर किचन गार्डनिंग तैयार कर ताजे स्वादिष्ट फल/ सब्जियां / जड़ी-बूटियाँ प्राप्त कर सकते हैं और उनका आनंद ले सकते हैं। होम गार्डन को न्यूट्रीशन गार्डन, किचन गार्डन या वेजिटेबल गार्डन के नाम से भी जाना जाता है। किचन गार्डन क्या है, गार्डन कैसे बनाएं, किचन गार्डनिंग के टिप्स, फायदे तथा गमले में लगाए जाने वाले पौधे की जानकारी के लिए इस लेख को पूरा पढ़ें।

किचन गार्डनिंग क्या है – What Is Kitchen Gardening In Hindi

किचन गार्डनिंग क्या है - What Is Kitchen Gardening In Hindi

होम या किचन गार्डन एक ऐसी जगह है जहाँ आप गमले या ग्रो बैग में जरुरत के अनुसार जड़ी-बूटी, पत्तेदार साग, सब्जियां और फल आदि उगा सकते हैं तथा आप उनका रोजाना इस्तेमाल कर उनका आनंद ले सकते हैं। किचन गार्डनिंग, सामान्य गार्डनिंग की तरह नहीं है क्योंकि ये दिखने में सुन्दर और छोटी होती है और इसका उपयोग अपने लिए ताजा सब्जियों के उत्पादन के लिए किया जाता है न कि बिक्री के लिए। सब्जियों, जड़ी-बूटियों और फलों को उगाने के लिए किचन गार्डन सुलभ और अधिक उपयोगी है।

किचन गार्डन कैसे बनाएं – How To Make Kitchen Garden At Home In Hindi

आप अपने घर पर आसानी से किचिन गार्डन तैयार कर सकते हैं, आइये जानते हैं किचन गार्डन कैसे तैयार किया जाता है तथा इसे बनाने की विधि क्या है।

  • घर में किचन गार्डन बनाने के लिए सबसे पहले आपको ऐसे स्थान का चयन करना होगा, जहाँ आप किचन गार्डन बनाना चाहते हैं तथा यह सुनिश्चित करें कि आप जिस भी जगह का चुनाव कर रहे हैं वहां उचित धूप आती हो।
  • किचन गार्डनिंग करने के लिए आप विभिन्न डिजाइनिंग आईडिया जैसे कंटेनर गार्डनिंग, वर्टिकल गार्डनिंग, हैंगिंग कंटेनर्स गार्डनिंग तथा वॉल माउंटेड कंटेनर गार्डनिंग का विचार कर सकते हैं।
  • किचन गार्डनिंग करते समय गमले के साइज व पौधों के बीच एक निश्चित दूरी का ख़ास ध्यान रखें, तथा एक ही गमले में अधिक बीज को न बोएं। पौधों की बौनी किस्म (dwarf varieties) को छोटे गमलों में तथा लम्बे पौधों को बड़े गमलों में लगाएं।
  • अपना किचन गार्डन तैयार करने के लिए सही मिट्टी व खाद का उपयोग करें।
  • होम गार्डनिंग या किचन गार्डनिंग के लिए ऐसी सब्जियों का चुनाव करें, जिन्हें उगाना आसान हो और लम्बे समय तक उपज देती हों।

किचन गार्डनिंग के फायदे – Benefits Of Kitchen Gardening in Hindi

किचन गार्डन न सिर्फ दिखने में अच्छे लगते हैं, बल्कि ये हमारे लिए काफी उपयोगी होते हैं। आइये जानते हैं किचन गार्डन का महत्व तथा इससे होने वाले लाभ के बारे में।

  • आपको प्रतिदिन हानिकारक कीटनाशकों से मुक्त घरेलू मौसमी सब्जियां और जड़ी-बूटियां खाने को मिलती हैं।
  • किचन गार्डन में मौजूद पौधे अपने आस-पास की हवा को साफ करते हैं।
  • घर की खाली जगह का अच्छा उपयोग हो जाता है।
  • मन-पसंद सब्जियों या फलों का सेवन किसी भी समय कर सकते हैं।
  • सब्जियों को खरीदने के लिए बाहर नहीं जाना पड़ता, साथ ही पैसे की भी बचत होती है।
  • घर के वेस्ट मटेरियल का सदुपयोग खाद के रूप में कर सकते हैं।

(यह भी जानें: पोटेड प्लांट्स के लिए टॉप 10 होममेड जैविक खाद…)

किचन गार्डन बनाने के लिए सही जगह – Where To Make Kitchen Garden In Hindi

अन्य गार्डन की तरह ही किचन गार्डन के पौधों को भी उचित धूप की आवश्यकता होती है, खासकर सुबह की धूप बेहतर होनी चाहिए। इसलिए अपने किचन गार्डन के लिए ऐसी जगह का चयन करें, जहां गार्डन में लगे पौधों को रोजाना कम से कम 5 से 6 घंटे की पर्याप्त धूप मिलती हो। नीचे कुछ ऐसी जगह के सुझाव दिए गए हैं जहाँ आप अपना किचन गार्डन बनाने पर विचार कर सकते हैं।

बैकयार्ड Kitchen Garden In Backyard In Hindi

बैकयार्ड, किचन गार्डनिंग के लिए सबसे अच्छी जगह है क्योंकि यहाँ धूप पर्याप्त मात्रा में पौधों तक पहुँच जाती है। आप अपना किचन गार्डन, बैकयार्ड यानि घर के पीछे खाली जगह में आसानी से तैयार कर सकते हैं, साथ ही इससे आपको जगह की भी बचत होगी।

टेरेस – Kitchen Gardening Better Place In Terrace In Hindi

यदि आपके पास जगह का अभाव है तो आप अपने टेरेस पर किचन गार्डनिंग तैयार कर सकते हैं, लेकिन आपको टेरिस पर गार्डन बनाने के लिए अधिक प्रयास करने होंगे। अपनी सामग्री लेने के लिए या पौधों की देखभाल के लिए आपको कई बार चक्कर लगाने होंगे। लेकिन यदि आपके घर के अन्दर जगह की कमी है तो किचन गार्डनिंग के लिए टेरेस का विकल्प भी बेहतर है।

खिड़की के किनारे Growing Plants On Windowsill In Hindi

यदि आपके पास जगह की समस्या है तो खिड़की की दीवारें आपके किचन गार्डन के लिए बेहतरीन स्थान है, साथ ही खिड़की के पास लगे पौधों को पर्याप्त धूप भी मिलती रहेगी।

किचन गार्डन के लिए मिट्टी का उपयोग – Best Soil For Kitchen Garden In Hindi

किचन गार्डन के लिए मिट्टी का उपयोग - Best Soil For Kitchen Garden In Hindi

  • ग्रो बैग या गमले की मिट्टी का मिश्रण हमारे किचन गार्डन का बहुत ही महत्वपूर्ण हिस्सा है क्योंकि ये मिट्टी में पोषक तत्व निर्धारित करती है और पौधों को स्वस्थ रखती है।
  • आप पौधों के विकास के लिए पॉटिंग मिट्टी का इस्तेमाल भी कर सकते हैं।
  • यदि मिट्टी में पत्थर हों तो उन्हें मिट्टी से बाहर निकाल दें।
  • पौधों के लिए मिट्टी का मिश्रण तैयार करने के लिए आप इसमें वर्मीकम्पोस्ट, कोकोपीट, नीम केक, रॉक फास्फेट और गार्डन सोइल को बराबर मात्रा में मिला लें।
  • घर पर खुद का जैविक खाद बनाने के लिए मिट्टी में बकरी या गाय का पुराना गोबर मिलाएं या सब्जियों के छिलके और अन्य कचरे को मिट्टी में मिला कर तैयार कर सकते हैं।

(यह भी जानें: पौधे की ग्रोथ के लिए अच्छी मिट्टी…)

किचन गार्डन में उगाई जाने वाली सब्जियां – Vegetables Grown In Kitchen Garden In Hindi

यदि आप किचन गार्डनिंग करने का विचार कर रहे हैं, तो नीचे कुछ सब्जियों के नाम दिए गए हैं, जिन्हें आप आसानी से लगा सकते हैं। आइये जानते हैं किचन गार्डन में कौन-कौन सी सब्जियां लगाई जा सकती हैं।

टमाटर – Tomato in Hindi

टमाटर - Tomato in Hindi

टमाटर का पौधा गर्मी के मौसम में अच्छी तरह से विकसित होता है, जो 6 से 6.8 ph मान वाली मिट्टी में तेजी से ग्रो करता है। टमाटर के पौधे तेज़ी से बढ़ने वाले पौधे हैं जिसे घर के अंदर 6 से 7 इंच बढ़ने के बाद बाहर ऐसी जगह प्रत्यारोपित करना चाहिए, जहाँ उसे 7 से 8 घंटे की धूप मिल सके। तो आप भी अपने किचन गार्डन में स्वदिष्ट टमाटर के पौधे को आसानी से लगा सकते हैं।

(यह भी जानें: घर पर टमाटर कैसे उगाएं…)

बैंगन – Brinjal in Hindi

बैंगन - Brinjal in Hindi

 

बैंगन के पौधे को आप किचन या टेरेस गार्डन में आसानी उगा सकते हैं, इसे प्रतिदिन 5 से 6 घंटे धूप की आवश्यकता होती है। बैंगन के बीज को 0.4 इंच की गहराई पर रेतीली दोमट मिट्टी में लगाना उचित होता है और पौधे की अच्छी ग्रोथ के लिए प्रतिदिन पानी दें।

(यह भी जानें: घर पर बैंगन कैसे उगाएं…)

मिर्च – Chilli in Hindi

मिर्च - Chilli in Hindi

मिर्च के बीजों को पहले सीडलिंग ट्रे में अंकुरित करना चाहिए और जब पौधे बड़े हो जाते हैं तो इन्हें ऐसी जगह रखें, जहाँ पौधों को उचित मात्रा में धूप मिल सके। पत्तियों को मुरझाने से रोकने के लिए पौधों में नियमित रूप से पानी डालें, लेकिन गमले की मिट्टी में जलभराव से बचें।

(यह भी जानें: हरी मिर्च के बीज कैसे उगाएं…)

प्याज – Onion in Hindi

प्याज - Onion in Hindi

प्याज को लगाने का सही समय अगस्त और अक्टूबर के बीच का महीना होता है। बीज को मिट्टी में 1 इंच के गहराई में लगाएं, यदि आप सीधे गार्डन में पौधों को पंक्तियों में लगा रहे हैं, तो पंक्तियों के बीच कम से कम 1.5 से 2 फीट की जगह रखें। प्याज के बीजों को मिट्टी में लगाने के बाद बीज अंकुरित होने में लगभग 7 से 10 दिन का समय लग सकता है।

(यह भी जानें: घर पर हरी प्याज कैसे उगाएं…)

भिंडी – Okra (Lady finger) in Hindi

भिंडी - Okra (Lady finger) in Hindi

भिंडी के बीजों को गर्मी के मौसम में लगाया जाता है। बीजों को 1 इंच की गहराई में मिट्टी में लगाएं तथा पौधे की अच्छी ग्रोथ के लिए रोज सुबह पानी जरूर दें। कम देखभाल के साथ आप भिंडी के पौधे को अपने किचन गार्डन में आसानी से लगा सकते हैं।

(यह भी जानें: घर पर भिंडी कैसे उगाए…)

करेला – Bitter Gourd in Hindi

करेला - Bitter Gourd in Hindi

करेला बेल या लता के रूप में बढ़ने वाला पौधा है जिसकी बेल की लम्बाई 10 से 15 फीट तक हो सकती है। शुरूआती वसंत में करेले के बीज को लगाएं तथा पौधे लगे गमले की मिट्टी में नमी बनाए रखें।

(यह भी जानें: घर पर करेला कैसे उगाएं, जाने पूरी जानकारी…)

किचन गार्डन में उगने वाली जड़ी बूटी – Herbs To Grow In Kitchen Garden In Hindi

अपने किचन गार्डन में जड़ी-बूटियों के पौधे को लगाने का विचार सबसे अच्छा है जिन्हें लगाना बहुत सरल और फायदेमंद है। आप निम्न जड़ी बूटी के पौधे अपने किचन गार्डन में लगा सकते हैं।

धनिया – Coriander in Hindi

धनिया - Coriander in Hindi

धनिया पाचन संबंधी समस्याओं के लिये बहुत असरदार है। खाने को स्वादिष्ट बनाने के अलावा धनिया बहुत फायदेमंद जड़ी बूटी भी है, जिसे घर के किचन गार्डन में लगाने का विचार बहुत अच्छा है।

(यह भी जानें: घर पर धनिया कैसे उगाएं…)

पुदीना Mint in Hindi

पुदीना - Mint in Hindi

पुदीना लगाने का सही समय फरवरी से अप्रैल के बीच का होता है। पौधा लगाने के लिए सूखी मिट्टी का चयन करें, गमले या ग्रो बैग की मिट्टी में मिंट के बीज लगाने के बाद बीज अंकुरित होने में लगभग 2 हफ्ते का समय लग सकता है और 2 महीने से कम समय में पुदीना के पत्तों को तोड़ा जा सकता हैं। पुदीना को आप घर के अन्दर या बाहर कहीं भी लगा सकते है।

(यह भी जानें: पुदीना घर पर कैसे उगाएं…)

तुलसी Basil in Hindi

तुलसी - Basil in Hindi

हरी तुलसी, बैंगनी तुलसी, थाई तुलसी और तुलसी ग्रीक ये सब तुलसी की किस्में होती हैं जो तनाव कम करने और याददाश्त बढ़ाने के लिए बहुत फायदेमंद हैं। तुलसी पूरे साल अच्छी तरह से उगती है इसलिए आप इसे किसी भी मौसम में लगा सकते है। 7 से 10 दिनों में इसके बीज अंकुरित हो जाते हैं और 3 से 4 हफ्ते में तुलसी के पत्ते तोड़ने को मिल सकते हैं। आप तुलसी के पौधे को घर के अन्दर या बाहर जहाँ पर्याप्त धूप मिल सके वहां लगा सकते हैं।

(यह भी जानें: घर पर तुलसी का पौधा कैसे लगाएं…)

लेमनग्रास Lemongrass in Hindi

लेमनग्रास - Lemongrass in Hindi

लेमनग्रास बहुत असरदार जड़ी-बूटी है जो दर्द और सूजन को दूर करने, बुखार को कम करने, सुगर और कोलेस्ट्रॉल के लेवल में सुधार करने के लिए बहुत अच्छा है। फरवरी से अप्रैल के महीने में लेमनग्रास अच्छी तरह से ग्रो करता है तथा इसके लिए अच्छी जल निकासी वाली मिट्टी की आवश्यकता होती है। पौधे को अच्छी तरह पानी और पर्याप्त धूप देना जरूरी है वरना पौधे की पत्तियां पीली या भूरी हो सकती हैं।

(यह भी जानें: घर पर लेमनग्रास कैसे उगाएं…)

किचन गार्डन की देखभाल – Kitchen Garden Care in Hindi

किचन गार्डन की देखभाल करने के कुछ आसान तरीके जो निम्न प्रकार हैं:

  • घर के ऐसे हिस्से का चुनाव करें, जहां पौधों को 5-6 घंटे की पर्याप्त धूप मिले।
  • अपने किचन गार्डन के पौधों को नियमित रूप से पानी दें, बहुत ज्यादा या बहुत कम पानी पौधों के लिए नुकसानदायक हो सकता है।
  • मिट्टी में फलों और सब्जियों के पौधे लगाते समय मिट्टी और जलवायु का ध्यान रखें।
  • गार्डन को सुन्दर बनाने के लिए नियमित रूप से साफ़-सफाई करें।
  • शुरुआती दौर में पौधों को अधिक पालन-पोषण की जरुरत होती है, इसलिए पौधों की मिट्टी के अनुसार ही उन्हें पोषक तत्व देना चाहिए।
  • छोटे पौधों को पानी देना बहुत जरूरी है क्योंकि उनकी जड़ें इतनी गहरी नहीं होती, कि वे मिट्टी से पानी सोख सकें।
  • नियमित रूप से पौधों की कटाई करते रहें, क्योंकि प्रूनिंग पौधे को स्वस्थ रखने और तेजी से बढ़ने में मदद करता है।

(यह भी जानें: गर्मियों में पौधों की देखभाल कैसे करें…)

किचन वेस्ट का उपयोग – Kitchen Waste Compost In Hindi

घर से निकले किचन वेस्ट को फेकने के बजाय इसका उपयोग अपने पौधे को पोषक तत्व देने के लिए करें, इससे आपके किचन गार्डन के पौधों की ग्रोथ बढ़ेगी। आइये जानते हैं किचन वेस्ट के प्रयोग से पौधों के लिए खाद तैयार करने के तरीके के बारे में।

केले के छिलके का इस्तेमाल – केले के छिलके 2 से 3 दिनों के लिए पानी में भिगोएं और इसे पौधों के आधार के चारों मिट्टी में डालें। केले के छिलके से बनी खाद से पौधों को पर्याप्त पोटैशियम मिलता है।

सब्जी का छिलका या कोई भी हिस्सा – इन्हें कम्पोस्ट बिन में टॉस करें ताकि ये आपके किचन गार्डन के लिए पोषक तत्व में परिवर्तित हो सके।

बचा हुआ कॉफी ग्राउंड, इस्तेमाल हो चुका टी बैग्स या कार्डबोर्ड बॉक्स – इनको भी आप कुछ समय के लिए पानी में डालकर, इस पानी को आप अपने किचन गार्डन के पौधों को दे सकते हैं।

(यह भी जानें: केले के छिलके की खाद कैसे बनाएं…)

निष्कर्ष – Conclusion

इस आर्टिकल में आपने होम या किचन गार्डनिंग से सम्बन्धित जानकारी के बारे में जाना और आपने यह भी जाना कि किचन गार्डनिंग क्या है, किचन गार्डन में कौन-कौन सी सब्जियां तथा जड़ी-बूटियां उगाई जाती हैं, इत्यादि। यह लेख आपको कैसा लगा, कमेंट में जरूर बताएं। गार्डनिंग से जुड़े और भी उपयोगी लेख पढ़ने के लिए Organicbazar.net पेज पर जाएं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *