कम्पेनियन प्लांटिंग क्या है, जानें सम्पूर्ण जानकारी – What Is Companion Planting, Know Complete Information In Hindi

क्या आप पौधों को उगाने की, एक ऐसी विधि जानना चाहते हैं जिसके जरिये कम जगह में भी कई सारे स्वस्थ पौधों को ग्रो किया जा सकता है? इस सवाल का जबाब हाँ हैं, तो हम आपको इस आर्टिकल में कम्पेनियन प्लांटिंग या साथी रोपण के बारे में बताने जा रहें हैं, जिसमें पौधों के पारस्परिक लाभ के लिए विभिन्न पौधों को एक साथ उगाया जाता है। इस मेथर्ड में रोग और कीट के संक्रमण को रोकने में मदद करने के लिए साथी रोपण या कम्पेनियन प्लांटिंग काफी लाभदायक होती है। कम्पेनियन प्लांटिंग (companion planting) क्या है? इसके फायदे क्या हैं? कम्पेनियन गार्डन कैसे तैयार करें? और बेस्ट सब्जी, फूल, और हर्ब्स कम्पेनियन प्लांट्स के नाम जानने के लिए इस लेख को पूरा पढ़े। Companion Planting In Hindi

कम्पेनियन प्लांटिंग क्या है? – What Is Companion Planting In Hindi

कम्पेनियन प्लांटिंग क्या है? – What Is Companion Planting In Hindi

जब विभिन्न पौधों को एक-दूसरे के लाभ के लिए, एक साथ उगाया जाता है तो इसे ही कम्पेनियन प्लांटिंग कहते हैं। इस विधि को मिक्स्ड क्रॉपिंग (mixed cropping) और इंटरक्रॉपिंग (intercropping) के नाम से भी जाना जाता है। जिन पौधों को एक साथ उगाया जाता है उन्हें कम्पेनियन प्लांट्स (companion plants) कहते हैं। कम्पेनियन प्लांटिंग का एक फेमस उदाहरण थ्री सिस्टर्स प्लांटिंग (three sisters planting) है, जिसमें तीन पौधों क्लाइम्बिंग बीन्स, मक्का और स्क्वैश को एक साथ लगाया जाता है।

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कम्पेनियन प्लांटिंग के फायदे क्या हैं? – What Are The Benefits Of Companion Planting In Hindi

अलग-अलग पौधों (different plants) को एक साथ लगाने (grow together) से गार्डन में कई तरह के फायदे होते हैं: उदाहरण के लिए, अगर आपके गार्डन में चींटी (Ant) की समस्या है, तो पुदीना (Mint) को लगाकर उनसे छुटकारा पा सकते हैं। लेमनग्रास (Lemongrass) और सिट्रोनेला (citronella) पौधों को एक साथ लगाने से मच्छर नहीं आते हैं। गार्डन में लैवेंडर (Lavender) मधुमक्खियों (bees) को आकर्षित करता है। इस तरह अलग-अलग वैरायटी (variety) के पौधों को एक साथ गार्डन में लगाने या कम्पेनियन प्लांटिंग (companion planting) करने से कई फायदे होते हैं। आइए कुछ फायदों पर नजर डालते हैं।

  1. हानिकारक कीटों से छुटकारा
  2. छोटे पौधों के लिए छाया
  3. खरपतवारों से छुटकारा
  4. गार्डन में पोलिनेटर्स अट्रैक्ट होना
  5. मिट्टी में नाइट्रोजन की मात्रा को बढ़ाना
  6. कम जगह में ज्यादा प्लांट्स ग्रो कर पाना
  7. मिट्टी का कटाव रुकना
  8. बेल वाले पौधों को सहारा मिलना

कीट नियंत्रण – Companion Gardening For Pest Control In Home garden In Hindi

कम्पेनियन गार्डन (companion garden) में कुछ पौधे कीट विकर्षक (Pest Repellent) के रूप में कार्य करते हैं। इन पौधों से निकलने वाली गंध के कारण हानिकारक कीड़ें (pest) पौधों से दूर रहते हैं। उदाहरण के लिए टमाटर को तुलसी के साथ लगाने से हॉर्नवॉर्म (hornworm) और थ्रिप्स (thrips) जैसे कीट टमाटर के पौधों में नहीं लगते हैं। और कोलार्ड्स (Collards) को कैलेंडुला (calendula) के साथ लगाने से एफिड्स जैसे कीट पौधे से दूर रहते हैं।

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पोलिनेटर्स आकर्षित होना – Companion Plants Attract Beneficial Insects And Pollinators In Hindi

पोलिनेटर्स आकर्षित होना - Companion Plants Attract Beneficial Insects And Pollinators In Hindi

कुछ पौधे लाभकारी कीड़ों और पोलिनेटर्स जैसे भंवरा, मधुमक्खी को भी आकर्षित करते हैं। उदाहरण के लिए बोरेज हर्ब (Borage) फ्लावर प्लांट परागण (pollinate) करने वाली मधुमक्खियों (Bees) और छोटे कीट-खाने वाले ततैया (wasp) को आकर्षित करता है। एलिसम, केरियोप्सिस (Coreopsis), कॉसमॉस, गेंदा, तुलसी, पार्सले, थाइम, सौंफ, डिल आदि पोलिनेटर फ्रेंडली प्लांट्स (pollinator friendly plants) हैं, जिनको सब्जियों और फल वाले पौधों के साथ लगाकर एक हेल्दी कम्पेनियन गार्डन बनाया जा सकता है।

छोटे पौधों के लिए छाया होना – Companion Planting Shades Other Plants In Hindi

कुछ पौधे होते है जिन्हें धूप से सुरक्षा की आवश्यकता होती है, इसीलिए कम्पेनियन प्लांटिंग में बड़े या लम्बे पौधों के पास छोटे पौधों को लगाया जाता है, जिससे उन्हें छाया मिलती है। उदाहरण के लिए, मक्के का पौधा लेट्यूस और बुश बीन्स के पौधे को छाया प्रदान करता है, इसलिए इन्हें पास-पास उगाया जाता है।

खरपतवारों से छुटकारा – Companion Planting Keeps Weeds Out From Garden In Hindi

गार्डन में अधिक पौधे लगा देने से खरपतवार के पौधों को उगने के लिए जगह नहीं मिल पाती और कई पौधों की पत्तियां बड़ी और फैली हुई होती हैं, जिनके कारण भी खरपतवारों के बीजों को प्रकाश नहीं मिल पाता और वे अंकुरित नहीं हो पाते। इस तरह कम्पेनियन प्लांटिंग द्वारा गार्डन में उगने वाली खरपतवारों से छुटकारा पाया जा सकता है।

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नाइट्रोजन उपलब्ध कराना – Companion Plants Add Nitrogen To The Soil In Hindi

कुछ प्लांट्स जैसे सेम (beans), मटर (peas) और अन्य फलियां, मिट्टी में नाइट्रोजन को उपलब्ध कराने में मदद करती हैं। नाइट्रोजन युक्त मिट्टी उन फसलों के लिए फायदेमंद होती है जो बहुत अधिक नाइट्रोजन का उपयोग करती हैं, जैसे कि रूबर्ब (rhubarb) और ब्रसेल्स स्प्राउट्स (brussels sprouts)।

कम जगह में ज्यादा पौधे उगा पाना – Companion Planting Saves Space In Hindi

कम जगह में ज्यादा पौधे उगा पाना - Companion Planting Saves Space In Hindi

कम्पेनियन गार्डनिंग की मदद से आप कम जगह में भी कई सारे पौधे गार्डन या ग्रो बैग में उगा सकते हैं।

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मिट्टी के कटाव की रोकथाम – Companion Planting Prevent Soil Erosion In Hindi

गार्डन में कम्पेनियन प्लांटिंग करने से पौधे की जड़ें मिट्टी को अच्छे से बांधे रखती हैं, जिससे मिट्टी का कटाव या मृदा अपरदन नहीं हो पाता है। इस तरह कम्पेनियन प्लांटिंग करने से पौधों को ग्रोथ करने के लिए अनुकूल वातावरण मिलता है जिसके फलस्वरूप पैदावार (production) में भी वृद्धि होती है। पौधों की ग्रोथ के लिए अच्छी मिट्टी खरीदने के लिए नीचे दी गई लिंक पर क्लिक करें:

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कम्पेनियन प्लांटिंग कैसे करें – How To Start Companion Planting In Hindi

होम गार्डन में कम्पेनियन प्लांटिंग करने के लिए आगे बताई गयी स्टेप्स को फॉलो करें:

  1. जिन पौधों को उगाना है उनके बारे में जानकारी प्राप्त करें।
  2. जानें किस पौधे को कब लगाना है।
  3. यह भी जाने की किन पौधों को साथ में नहीं लगाना है।
  4. ऐसे प्लांट्स लगायें जो अन्य पौधों को छाया या सहारा दें।

जानें कम्पेनियन गार्डनिंग में कौन से पौधे ग्रो करना है – Know Which Plant You Want To Grow For Companion Planting In Hindi

कम्पेनियन प्लांटिंग में विभिन्न पौधे अलग-अलग लाभ देते हैं। इसीलिए कौन से पौधे से क्या फायदे होते हैं, इसके बारे में अच्छे से जानकारी प्राप्त कर लें। जैसे कुछ पौधे गार्डन में पोलिनेटर्स को आकर्षित (Attract pollinators) करते हैं, तो कुछ हानिकारक कीटों (pest control) को दूर रखते हैं।

जानें किस पौधे को कब लगाना है – Grow Plants On Right Time In Companion Gardening In Hindi

कम्पेनियन प्लांटिंग में किस पौधे को कब लगाना है, यह जानना काफी जरूरी है। जैसे थ्री सिस्टर्स प्लांटिंग करने के दौरान सबसे पहले मकई के बीजों (corn seeds) को लगाया जाता है और जब इसके पौधे पर्याप्त बड़े हो जाते हैं तब बीन्स के बीजों (beans seeds) को लगाया जाता है। इससे बीन्स की बेल आसानी से मकई के पौधे का सहारा लेकर बढ़ने लगती है। इसके बाद स्क्वैश के पौधे लगाए जाते हैं।

यह भी जानें कि किन पौधों को पास-पास नहीं लगाना है – Plants That Should Not Be Planted Together In Hindi

कुछ प्लांट्स होते हैं जिनको नजदीक न लगाया जाये तो ही बेहतर होता है, क्योंकि ये एक दूसरे की ग्रोथ में बाधा पहुंचाते हैं। उदाहरण के लिए आलू और खीरा को एक साथ नहीं लगाना चाहिए, क्योंकि खीरा, ब्लाइट (Blight) रोगजनकों को आकर्षित करता है, जिससे आलूओं (Potatoes) को भी नुकसान पहुँच सकता है।

अच्छे कम्पेनियन प्लांट्स के उदाहरण – Examples Of Best Companion Plants To Grow Together In Hindi

आगे इस आर्टिकल में हम आपको सब्जी (vegetables), फूल (flowers) और हर्ब्स प्लांट्स (herbs) के बारे में बताने जा रहें हैं, जिनको होम गार्डन में कम्पेनियन प्लांट्स के रूप में ग्रो किया जा सकता है।

सब्जी वाले पौधों की कम्पेनियन प्लांटिंग – Companion Planting For Vegetable Garden In Hindi

आइये जानते हैं कम्पेनियन प्लांटिंग के लिए बेस्ट सब्जी वाले पौधों के बारे में:

तोरई और पालक – तोरई (sponge gourd) के बगल में पालक (Spinach) अच्छे से ग्रोथ करती है, और इसे तोरी की छाया से लाभ भी होता है। बदले में तोरी, पालक के पोषक तत्वों से लाभान्वित होती है।

टमाटर और तुलसी – टमाटर और तुलसी के पौधों को एक साथ लगाने से एफिड्स (aphids), हुकवॉर्म (hookworm), व्हाइटफ्लाई जैसे कीट टमाटर के पौधे को प्रभावित नहीं कर पाते हैं।

कॉर्न, पोल बीन्स और स्क्वैश – इन तीनों को एक साथ लगाने से तीनों पौधों को एक दूसरे से लाभ होता है। जैसे बीन्स (beans) मिट्टी में नाइट्रोजन स्थिरीकरण (Nitrogen fixation) करती हैं, जिससे मकई (Corn) और स्क्वैश (Squash) के पौधों को भी लाभ होता है। मकई के पौधे के सहारे बीन्स की बेल को बढ़ने में मदद मिलती है।

फ्लावर प्लांट्स की कम्पेनियन प्लांटिंग – Companion Planting For Flowers In Hindi

आइये जानते हैं कम्पेनियन प्लांटिंग के लिए बेस्ट फूल वाले पौधों के बारे में:

जेरेनियम और गुलाब – जेरेनियम के पौधे (geranium) गुलाब (rose) के तनों के बीच रिक्त स्थान को भरने में मदद करते हैं। इन दोनों को एक साथ लगाने से एफिड्स जैसे कीट पौधों से दूर रहते हैं, और साथ ही दोनों एक-दूसरे की सुंदरता को भी बढ़ाते हैं।

गेंदा और लैवेंडर गेंदे (marigold) की विशिष्ट सुगंध एफिड्स और अन्य कीटों को गार्डन में आने से रोकती है। लैवेंडर (lavender) अपने साथ लगाये गए पौधों को परागित (pollinate) करने में मदद करने के लिए मधुमक्खियों और तितलियों को आकर्षित करता है।

हर्ब्स की कम्पेनियन प्लांटिंग – Companion Planting For Herbs In Hindi

आइये जानते हैं कम्पेनियन प्लांटिंग के लिए बेस्ट हर्बल प्लांट्स बारे में:

तुलसी और ओरिगैनो तुलसी (basil), कुछ कीटों जैसे व्हाइटफ्लाइज़, मच्छरों, स्पाइडर माइट्स और एफिड्स को दूर भगाने के लिए एक बेस्ट हर्ब्स है, इसीलिए इसे गार्डन में ओरिगैनो (oregano) और पार्सले (parsley) हर्ब्स के साथ लगाया जा सकता है।

पुदीना और ओरिगैनो – कम्पेनियन गार्डन बनाने के लिए पुदीने (mint) के पौधे को ओरिगैनो (oregano) हर्ब्स के साथ लगाया जा सकता है।

कम्पेनियन प्लांटिंग करने के दौरान इन गलतियों से बचें – Mistakes To Avoid While Doing Companion Planting In Hindi

आपको होम गार्डन में कम्पेनियन गार्डनिंग करते समय निम्न गलतियों को करने से बचना चाहिए:

  • जिन पौधों को समान मात्रा में जगह, पानी और पोषक तत्वों की जरूरत होती हैं, उन्हें एक साथ न लगायें। यदि इन्हें पास-पास लगा दिया जाए, तो इससे वे एक-दूसरे से पोषक तत्वों (Nutrients) के लिए कॉम्पिटिशन करते हैं।
  • जिन प्लांट्स की समान रोग से प्रभावित होने की सम्भावना होती है, उन्हें भी एक दूसरे के नजदीक न लगायें। जैसे टमाटर के साथ मकई के पौधे को न लगाएं, क्योंकि इससे मकई में इयरवॉर्म (earworms) कीट लगने की सम्भावना रहती है।
  • अलग पौधे जो एक दूसरे के विकास में बाधा डालते हैं, उन्हें भी एक दूसरे के नजदीक नहीं लगाना चाहिए। जैसे प्याज (onion) के बगल में बीन्स लगाने से बीन्स के पौधे (beans plant) अच्छे से ग्रोथ नहीं कर पाते हैं।
घर पर गार्डनिंग करने के लिए आवश्यक चीजें यहाँ से खरीदें:
अच्छी किस्म के बीज
पॉटिंग सॉइल
गमले या ग्रो बैग
वर्मीकम्पोस्ट
गोबर खाद
रॉक फास्फेट
प्लांट ग्रोथ प्रमोटर
नीम तेल
प्रूनर
कैंची
स्प्रे पंप
वॉटर केन
स्टिकी ट्रैप

निष्कर्ष – Conclusion 

आशा करते हैं इस आर्टिकल को पढ़कर आप कम्पेनियन प्लांटिंग के बारे में काफी कुछ जान चुके होंगे, जैसे कम्पेनियन गार्डनिंग क्या है, इसके फायदे क्या हैं, कम्पेनियन गार्डन कैसे तैयार करें आदि। यदि इस लेख से सम्बंधित आपके कुछ सवाल या सुझाव हों तो उन्हें कमेन्ट अवश्य करें।

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