फूलों के पौधों की देखभाल कैसे करें, जानें 10 बेहतरीन टिप्स – Top 10 Flower Plant Care Tips In Hindi

यदि आपने भी अपने घर पर गमले या गार्डन में फूल के पौधे लगा रखे हैं और आप चाहते हैं कि, वे तेजी से बढ़ें, हरे-भरे रहें और उनमें जल्दी और ज्यादा संख्या में फूल खिलें, तो यह लेख आपके लिए ही है। इस लेख में बताई गई फूलों की देखरेख से जुड़ी 10 टिप्स, आपके घर पर लगे गुलाब, गुड़हल, गेंदा, मोगरा जैसे पौधों पर बहुत सारे फूल खिला सकती हैं। फूल वाले पौधों की देखभाल कैसे करें, पौधों में ज्यादा फूल कैसे लाएं और फूलों के पौधों को तेजी से बड़ा करने और हरा भरा रखने के लिए क्या करना चाहिए, इसकी सारी जानकारी आपको इस लेख में मिलेगी।

गमले में फूल वाले पौधों की देखभाल कैसे करें – How To Take Care Of Flower Plants In Pots At Home In Hindi

यदि आपके घर पर फूलों के पौधे लगे हैं, तो उनकी ठीक से देखभाल करने के लिए आपको निम्न टिप्स फॉलो करनी चाहिए:

1. फूलों को सही से पानी दें – How Often To Water Flowering Plants In Hindi 

फूलों को सही से पानी दें - How Often To Water Flowering Plants In Hindi 

गर्मी के मौसम में आपको अपने फूलों के पौधों में दिन में कम से कम एक बार पानी जरूर डालना चाहिए। इस मौसम में पौधों में बहुत अधिक पानी की कमी हो जाती है और अगर उन्हें अच्छी तरह से पानी नहीं दिया गया तो, वे मुरझा सकते हैं या उनकी ग्रोथ रुक ​​सकती है। अन्य मौसम काफी ठंडे और नमी वाले होते हैं, जिनमें आप फूलों को, हप्ते में दो बार पानी दे सकते हैं। जब फूल के पौधों में पानी की मात्रा निर्धारित करने की बात आती है, तब आपको, फूलों की प्रजातियों और उनकी पानी की आवश्यकताओं पर विचार करना चाहिए। वैसे सभी पौधे की ऊपरी कुछ इंच की मिट्टी सूखी होने पर पानी देना सही रहता है।

ध्यान दें: जरूरत से ज्यादा पानी देने से फूल के पौधों पर फफूंद जनित रोग (Fungal Disease) हो सकते हैं। इसलिए यह सलाह दी जाती है कि सही मात्रा में और सही तरीके से पानी डालें। पानी देने के लिए वाटरिंग कैन जैसे गार्डन टूल का इस्तेमाल करें। पौधे की पत्तियों को गीला करने से बचें।

(और पढ़ें: पौधों को पानी देने के लिए बेहतरीन गार्डन टूल्स…)

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2. फूल वाले पौधे में खाद डालें – Fertilizer For Flowering Plants In Pots In Hindi

फूल वाले पौधे में खाद डालें - Fertilizer For Flowering Plants In Pots In Hindi

गमले की मिट्टी में समय के साथ पोषक तत्वों की कमी होती जाती है। ऐसे में आपको तुरंत अपने फूल वाले पौधों में खाद या उर्वरक डालने की आवश्यकता होती है। पानी में घुलनशील या तरल उर्वरक फूलों के लिए सबसे अच्छे उर्वरक होते हैं। बायो एनपीके (bio npk fertilizer), सीवीड (seaweed fertilizer), प्लांट ग्रोथ प्रमोटर (plant growth promoter fertilizer) जैसे जैविक और तरल उर्वरकों का यूज आपको फूलों के पौधों में करना चाहिए। इनके प्रयोग से पौधे तेजी से बढ़ते हैं, वे हरे-भरे रहते हैं, और उनमें फूल भी ज्यादा और तेजी से आते हैं। पौधे के ग्रोइंग सीजन में प्रोम खाद (PROM) का भी उपयोग कर सकते हैं। यह फास्फोरस से भरपूर खाद होती है। फास्फोरस, पौधों में फूल लाने के लिए सबसे जरूरी पोषक तत्व है।

(और पढ़ें: फूल वाले पौधों के लिए खाद तथा सबसे अच्छे उर्वरक…)

3. पौधों को पर्याप्त धूप दिखाएं – How Much Sunlight Is Required For Flowering Plants In Hindi 

सूर्य का प्रकाश पौधों में ऊर्जा का प्रमुख स्रोत है, इसलिए आपको फूल के पौधों को पर्याप्त धूप वाली जगह पर रखना चाहिए। कुछ फूलों (जैसे गेंदा, गुड़हल) को हर दिन 6-8 घंटे धूप की जरूरत होती है, जबकि अन्य (इनडोर फूल के पौधे) फूलों को बस कुछ घंटों (3-4 घंटे) की धूप जरूरी होती है। इस वजह से पर्याप्त प्रकाश प्रदान करने के लिए अपने पौधों की प्रकाश सम्बंधित आवश्यकताओं को जान लेना चाहिए। गर्मियों के मौसम में दोपहर की तेज धूप से फूल के पौधों को बचाने के लिये, उन्हें छाया वाली जगह पर रख दें या ग्रीन शेड नेट से छाया कर दें।

4. पौधों को कीड़ों से बचाएं – Pest Control And Pesticides For Flowering Plants In Hindi

कीट, फूलों के पौधों को आसानी से नष्ट कर सकते हैं, इसलिए उन्हें रोकना महत्वपूर्ण है। आप अपने बगीचे को कचरे से मुक्त रखकर कुछ कीटों को अपने गार्डन से दूर रख सकते हैं। इसके अलावा स्टिकी ट्रैप नाम के गार्डन टूल की मदद से भी आप पौधों को कीड़ों से बचा सकते हैं। मिलीबग, एफिड्स, व्हाइटफ़्लाइज आदि कीट फूलों के पौधों को नुकसान पहुंचाते हैं। इन कीटों से बचाव के लिए आपको फूलों पर नीम तेल कीटनाशक के घोल का छिड़काव करना चाहिए।

(और पढ़ें: नीम केक क्या है, गार्डन में इसका उपयोग और लाभ…)

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5. फूलों की मल्चिंग करें – What Is The Best Mulch For Flower Garden In Hindi 

मल्चिंग में मिट्टी को प्राकृतिक या सिंथेटिक सामग्री से ढकना शामिल है। जैसे घास, लकड़ी के चिप्स, सूखे पत्ते, कोकोपीट, आदि नेचुरल मल्च हैं तथा पॉलिथीन, फेब्रिक आदि सिंथेटिक मल्च हैं। मल्चिंग मुख्य रूप से मिट्टी में नमी बनाए रखने के लिए की जाती है। पानी की कमी वाले स्थानों या तेज गर्मी के मौसम में फूल के पौधों की मल्चिंग करना जरूरी होता है। मल्चिंग करने के अन्य लाभ भी होते हैं, जैसे खरपतवारों का नियंत्रण, तापमान का नियंत्रण आदि।

6. पौधों की कटाई-छटाई करें – Trimming And Pruning Of Flowering Plants In Hindi

पौधों की कटाई-छटाई करें - Trimming And Pruning Of Flowering Plants In Hindi

फूल के पौधों की देखभाल में उनकी कटाई-छटाई करना भी शामिल है। ज्यादा घने हो चुके फूल के पौधे की छटाई करने से, उनमें और ज्यादा शाखाएं निकलती हैं और पौधे हरे-भरे रहते हैं। फूल वाले पौधों की सूख चुकी या रोगग्रस्त टहनी को भी काट कर अलग कर देना चाहिए।

(और पढ़ें: पौधों की कटाई छटाई करने के लिए बेस्ट टूल्स…)

7. फूलों की डेडहेडिंग करें – Deadheading Flowers In Garden In Hindi 

फूलों की डेडहेडिंग करें - Deadheading Flowers In Garden In Hindi 

डेडहेडिंग से मतलब है, पौधों के सूख चुके या मुरझाए हुए फूलों को तोड़ कर अलग कर देना। इस प्रक्रिया से पौधों की उर्जा और अधिक नए फूलों को खिलने में खर्च होती है। इस वजह से पौधे से पुराने या मृत फूलों और उनकी कलियों को हटा देना चाहिए। फूलों को आप हाथों से या किसी प्रूनर टूल से तोड़ सकते हैं।

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8. गमले की मिट्टी से खरपतवार हटाएं – Remove Weeds And Grass From Flower Bed In Hindi 

खरपतवार, फूल के पौधों को पोषक तत्व अवशोषित करने में बाधा उत्पन्न करती है और साथ ही कई कीटों भी आकर्षित करती है। इस वजह से फूल वाले पौधों की अच्छी ग्रोथ के लिए, उनके नजदीक उगने वाली खरपतवारों को हटाने की आवश्यकता होती है। जब भी गमलों में लगे फूल के पौधों की मिट्टी में खरपतवार उगे, तब तुरंत उन्हें उखाड़ कर फेंक दें।

9. बड़े गमलों में लगाएं पौधे – Repotting Flower Plants Into Bigger Pot In Hindi

बड़े गमलों में लगाएं पौधे - Repotting Flower Plants Into Bigger Pot In Hindi

तेजी से बड़े होते फूल के पौधों की जड़ों को बढ़ने के लिए, ज्‍यादा जगह चाहिए होती है। छोटी जगह या छोटे गमले में पौधे की ग्रोथ ठीक से नहीं हो पाती है। इस वजह से जब गमला छोटा पड़ने लगे और जड़े मिट्टी से बाहर दिखाई देने लगें, तब फूल के पौधों को पुराने गमले से निकाल कर किसी बड़े गमले में लगा देना चाहिए।

(और पढ़ें: फूल वाले पौधे लगाने के लिए ग्रो बैग का साइज…)

10. फूलों के पौधों में रोग लगने से रोकें – Disease Control In Flower Plants In Hindi

फूलों के पौधों में रोग लगने से रोकें - Disease Control In Flower Plants In Hindi

कीटों की तरह, रोग भी फूलों के लिए काफी हानिकारक होते हैं। अधिकांश पौधों की बीमारियाँ कवक, बैक्टीरिया और वायरस के कारण होती हैं। फूल के पौधों में एन्थ्रेक्नोज, बैक्टीरियल लीफ स्पॉट, व्हाइट रस्ट जैसी बीमारियाँ होती हैं। फूल के पौधे में अत्यधिक पानी डालने से बचें, इससे फंगल रोगों को रोकने में मदद मिलती है। यदि आपके पौधे किसी रोग से संक्रमित हो जाते हैं, तो आपको रोग पैदा करने वाले सूक्ष्मजीवों को मारने के लिए जैविक कीटनाशक जैसे नीम तेल का उपयोग करना चाहिए।

(और पढ़ें: पौधों में कवक से होने वाले रोगों के लक्षण और रोकथाम के उपाय…)

इस लेख में हमने आपको गमले में लगे फूलों के पौधे की देखरेख से जुड़ी 10 आसान टिप्स बताई हैं। यदि फ्लावर प्लांट्स की केयर से जुड़े इस लेख को लेकर आपका जो भी सवाल या सुझाव हो, उसे कमेन्ट करके जरूर बताएं।

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