जानिए ब्लॉसम एंड रॉट क्या है, टमाटर को इस रोग से कैसे बचाएं – Tomato Blossom End Rot Treatment In Hindi

वैसे तो टमाटर के पौधे में बहुत से रोग या बीमारियाँ होती हैं, लेकिन आज हम बात करेंगे, एक नए रोग अर्थात फल की नोक की सड़न (Blossom End Rot) के बारे में। यह टमाटर में होने वाला एक गंभीर फल सड़न रोग है। इस रोग से प्रभावित टमाटर के फल की निचली सतह पर काले धब्बे के साथ त्वचा अंदर धंसने लगती है। यह रोग सिर्फ फलों को प्रभावित करता है तथा पूरा पौधा स्वस्थ दिखाई देता है। आमतौर पर ब्लॉसम एंड रोट जिसे फल सड़न रोग भी कहा जाता है कैल्शियम की कमी के कारण होता है, अतः कुछ उपाय अपनाकर टमाटर के फलों को सड़ने से बचाया जा सकता है। ब्लॉसम एंड रॉट (Blossom End Rot) रोग क्या है, ब्लॉसम एंड रोट के कारण, लक्षण तथा टमाटर के फल सड़न रोग को ठीक करने के उपाय या तरीके के बारे में जानने के लिए इस लेख को पूरा पढ़ें।

ब्लॉसम एंड रॉट रोग क्या है – What Is Blossom End Rot Disease In Hindi

ब्लॉसम एंड रॉट रोग क्या है - What Is Blossom End Rot Disease In Hindi

ब्लॉसम एंड रॉट टमाटर में होने वाला एक फल सड़न रोग है, जो सही से पानी न मिलने या कैल्शियम की कमी के कारण होता है। यह रोग कच्चे और पके हुए दोनों तरह के फलों को प्रभावित करता है। ब्लॉसम एंड रॉट रोग से प्रभावित पौधा तो स्वस्थ दिखाई देता है, लेकिन फल पर काले धब्बे दिखाई देते हैं तथा टमाटर को खाने पर उसका स्वाद खराब लगता है। यह रोग टमाटर के अतिरिक्त शिमला मिर्च, ककड़ी, स्क्वैश, बैंगन आदि फलों को भी प्रभावित करता है।

आइए आगे जानते हैं, टमाटर के फल की नोक की सड़न (Blossom End Rot) के कारण, लक्षण तथा टमाटर को ब्लॉसम एंड रॉट रोग से कैसे बचाएं, या बचाने के उपाय के बारे में।

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टमाटर में होने वाले ब्लॉसम एंड रॉट रोग के कारण – Causes Of Blossom End Rot Disease In Tomato Plant In Hindi

गार्डन या गमले की मिट्टी में लगे टमाटर में फल की नोक का सड़न रोग (Blossom End Rot) होने का सबसे प्रमुख कारण, अनिश्चित मात्रा में पानी देना तथा पौधे में कैल्शियम की कमी है। हालाँकि अतिरिक्त निम्न कारणों से भी यह रोग होता है, जैसे:-

  • पौधे में अधिक नाइट्रोजन युक्त उर्वरक का उपयोग करने के कारण।
  • मिट्टी के PH स्तर में बदलाव होने के कारण।
  • मिट्टी में लवण (salt) का स्तर उच्च होने के कारण।
  • फलों की विकसित होने की अवस्था में पानी की कमी के कारण।
  • पौधों की जड़ों को नुकसान पहुँचने के कारण।

(यह भी जानें: घर पर टमाटर कैसे उगाएं…..)

टमाटर में ब्लॉसम एंड रॉट रोग के लक्षण – Tomato Blossom End Rot Symptoms In Hindi

टमाटर में ब्लॉसम एंड रॉट रोग के लक्षण - Tomato Blossom End Rot Symptoms In Hindi

होम गार्डन या टेरेस गार्डन में लगे टमाटर के फल की नोक की सड़न (Blossom End Rot) के लक्षण, जो कि निम्न हैं:-

  • इस रोग के प्रभाव से टमाटर की निचली सतह अंदर धंसी हुई दिखाई देती है।
  • उस धंसे हुए हिस्से पर काला धब्बा दिखाई देता है, लेकिन टमाटर का पौधा स्वस्थ दिखाई देता है।
  • जब काला धब्बा बढ़ता है, तो यह पूरे टमाटर को खराब कर देता है।
  • जब हम उस टमाटर को खाने के लिए काटते हैं, तो वह अंदर से मैला और स्वाद में अच्छा नहीं लगता है।

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टमाटर को ब्लॉसम एंड रॉट रोग से बचाने के उपाय – How To Treat Blossom End Rot In Tomato Plants In Hindi

टमाटर को ब्लॉसम एंड रॉट रोग से बचाने के उपाय - How To Treat Blossom End Rot In Tomato Plants In Hindi

टमाटर को ब्लॉसम एंड रॉट रोग से कैसे बचाएं? या फल की नोक की सड़न (Blossom End Rot) रोग से बचाने के तरीके क्या हैं? जानने के लिए नीचे दिए गए टिप्स अपनाएं:-

  • अपने गार्डन में लगाने के लिए टमाटर की रोग प्रतिरोधी किस्म को चुनें।
  • 5 और 7.5 के बीच पीएच तथा पोषक तत्वों से युक्त, अच्छी जल निकासी वाली मिट्टी में टमाटर उगाएं।
  • टमाटर के पौधे पर फल-फूल लगने के दौरान कम नाइट्रोजन वाले, लेकिन उच्च फास्फोरस युक्त उर्वरकों (Fertilizer) का उपयोग करें।
  • मिट्टी की जाँच करें, कैल्शियम की कमी होने पर उसमें उचित मात्रा में चूना मिलाएं।
  • फल लगने की कंडीशन में पौधे के आसपास गहरा गड्ढा न खोदें, इससे पौधे की जड़ों को नुकसान हो सकता है। खरपतवार को हटाने के लिए सिर्फ कुदाल से ऊपरी परत ही खोदें।
  • मिट्टी में नमी की निरंतर आपूर्ति बनाए रखने के लिए, पौधे पर टमाटर लगने की कंडीशन में प्रति सप्ताह कम से कम 1 इंच पानी दें।
  • टमाटर को ब्लॉसम एंड रॉट रोग की रोकथाम के उपाय में से एक है, कि आप शुष्क मौसम में पौधे की मिट्टी में नमी बनाए रखें, जिसके लिए आप तने के आस-पास गीली घास से मल्चिंग कर सकते हैं।
  • बीज लगाते समय मिट्टी में कैल्शियम के उच्च स्तर को बनाए रखने के लिए, सीप का खोल, जिप्सम, कुचले हुए अंडे के छिलके मिलाना अच्छा होता है। इस रोग से प्रभावित पौधे पर दूध का स्प्रे भी किया जा सकता है।
  • इस रोग का संक्रमण दिखने पर प्रभावित फलों को पौधे से हटा दें। हालाँकि यह रोग एक फल से दूसरे फल में नहीं फैलता है तथा दूसरे पौधे को भी प्रभावित नहीं करता है, इसलिए पौधे पर किसी कवकनाशी और कीटनाशक का प्रयोग करना बेकार है।

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निष्कर्ष – Conclusion

इस लेख में आपने जाना फल की नोक की सड़न या ब्लॉसम एंड रॉट रोग क्या है, तथा इस रोग से टमाटर को कैसे बचाएं। यदि यह लेख आपको पसंद आया हो, तो अधिक से अधिक शेयर करें, तथा यदि इस लेख से सम्बंधित आपके जो भी सवाल हैं, तो हमें कमेंट बॉक्स में जरूर बताएं।

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