मानसून की गार्डनिंग की ये 10 बातें आपको कोई नहीं बताएगा – Monsoon Gardening Tips in Hindi

Monsoon Gardening Tips in Hindi: बारिश का मौसम किसे नहीं पसंद है चारों तरफ हरियाली पानी की हल्की हल्की बूंदे ठंडा मौसम जैसे ही हम यह सब देखते हैं, हमारा मन खुश हो जाता है। लेकिन मानसून का समय हमारे गार्डन में लगे हुए पौधों के लिए थोड़ा कठिन होता है तो आज मैं आपको 10 ऐसी चीजें बताने वाला हूं जो आपको बारिश के मौसम में जरूर कर लेनी चाहिए, ताकि आपके गार्डन में लगे हुए पौधे भी हरे भरे रहें और उनसे ढेर सारे फूल और फल आपको मिले।

यह ऐसा समय होता है जब परिस्थितियां बदलती रहती हैं पानी धूप सब का पैटर्न बदल जाता है। इस समय आपको अपने पौधों पर विशेष ध्यान देने की जरूरत होती है इसलिए आपको इस मानसून सीजन में अपने गार्डन को पहले से तैयार कर लेना है ताकि आप उसमें जो भी सब्जियां या फिर दूसरे पौधे लगाएं उनसे आपको ढेर सारी पैदावार मिले।

चलिए जानते हैं बारिश के मौसम में गार्डनिंग करते समय आपको किन 10 खास बातों का ध्यान रखना जरूरी होता है।

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सब्जियों के बीज उगाने के लिए उन्हें घर के अंदर वह लगाना शुरू करें

मानसून के मौसम में आप सब्जियों के बीज को घर के अंदर लगाना शुरू करें क्योंकि जब बीज अंकुरित होते हैं तो उनके पौधे बहुत ही कोमल और नाजुक होते हैं। अगर आप उन्हें बाहर तेज बारिश में रख देंगे तो वह बीज खराब हो जाएंगे और आपके बीज से नए पौधे भी नहीं बनेंगे। आप अपने घर के अंदर खिड़की के सामने किसी भी प्रो ट्रे (सीड सीडलिंग ट्रे) या फिर गमले में बीज को लगाना शुरू कर सकते हैं। इसके लिए कमरे की खिड़की सबसे अच्छा विकल्प होती है हालांकि सभी बीजों को घर के अंदर नहीं उगाना चाहिए।

आप मुख्य रूप से गोभी, टमाटर, ब्रोकली, बैंगन, फूलगोभी, मिर्च, अजवाइन जैसी सब्जियों के पौधों को अपने घर के अंदर होगा सकते हैं। हालांकि आप घर के अंदर क्या उगा सकते हैं और क्या नहीं होगा सकते, इसके पीछे कोई स्पेशल रूल नहीं है यह डिपेंड करता है कि आपकी पसंद क्या है आपका अनुभव क्या है। स्थान और पौधे के आधार पर आप सिलेक्ट कर सकते हैं कि कौन कौन से पौधों को आपको घर के अंदर उगाना है। जब पौधे थोड़े बड़े हो जाएं तो आप इन्हें फुल सनलाइट में ओपन जगह पर भी रख सकते हैं।

अच्छी जल निकासी वाली मिट्टी तैयार करें

बरसात के मौसम में सब्जियां उगाने के लिए आपको इस तरह की मिट्टी तैयार करनी है जिसमें जलभराव की समस्या ना हो। क्योंकि देखा गया है बरसात का मौसम अपने साथ जलभराव की समस्या लेकर आता है जो आपके गार्डन में लगे हुए पौधों को बढ़ने से रोकता है यदि स्थिति गंभीर हो जाती है तो पौधों की जड़ें सड़ने लगती हैं। क्योंकि उन्हें पर्याप्त मात्रा में ऑक्सीजन नहीं मिलती और धीरे-धीरे पौधा मर जाता है। इसलिए अपने पौधों को सुरक्षित रखने के लिए और उनकी अच्छी ग्रोथ के लिए मॉनसून का मौसम शुरू होने से पहले या उसके दौरान उचित जल निकासी वाली मिट्टी बना लीजिए।

बरसात के मौसम में पौधे लगाने के लिए आप 50% नॉर्मल गार्डन सॉइल, 50% कंपोस्ट या फिर किसी भी तरह की खाद और 10% रेत या परलाइट मिलाकर मिट्टी तैयार करेंगे तो उसमें पानी बिल्कुल भी नहीं रुकेगा और इस मिट्टी में जब अप पौधे लगाएंगे तो उनकी ग्रोथ भी काफी अच्छी होगी।

नियमित रूप से मिट्टी और गमले की जांच करते रहे

भारी बारिश में मिट्टी की ऊपर की जो लेयर होती है वह कठोर हो जाती है। इसलिए आपको हर दिन अपने गमले की मिट्टी की जांच करना जरूरी हो जाता है, ताकि उस में किसी भी तरह का पानी ना रुके और साथ में उसमें छेद बराबर बने रहें ताकि उस में किसी भी तरह की फंगल या फिर एलगी की ग्रोथ ना हो। इसके लिए आप देखिए कि आप के गमले में ड्रेनेज होल सही से बने हुए हैं कि नहीं उन से पानी बाहर आ रहा है कि नहीं। अगर वह सही से नहीं बने होंगे तो आप देखेंगे गमले के ऊपर साइड एलगी जिसे हम शैवाल बोलते हैं वह बनने लगते हैं। इस समय आपको अपने गमले की मिट्टी से उन्हें हटाना है और उसकी हल्की गुड़ाई करनी है ताकि उसमें किसी भी तरह की एलगी की ग्रोथ ना हो।

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गर्मियों में की गई मल्चिंग को हटा दें

मल्चिंग अपने पौधों को तेज गर्मी से बचाने के लिए की जाती है। अब वह समय आ गया है कि आप उसे हटा दें और कोशिश करें कि मिट्टी को ओपन रखें ताकि वहां पर ज्यादा से ज्यादा हवा जा पाए और वहां पर पानी ना रुके और किसी भी तरह की फंगस ग्रोथ ना हो। इसलिए यदि आपने अपने गार्डन में लगे हुए पौधों में मल्चिंग कर रखी है तो उसे अभी के अभी हटा दें, बारिश के मौसम में मल्चिंग ना करें तो ज्यादा अच्छा होता है।

गार्डन से घोंघे को हटाने के लिए घरेलू उपाय अपनाएं

जहां मानसून का मौसम चारों और हरियाली लेकर आता है वही यह कुछ अवांछित मेहमानों को भी अपने साथ लाता है उसमें से एक हैं घोंघे। ये घोंघे अपने पौधे को नुकसान पहुंचाते हैं, इसे रोकने का सबसे अच्छा तरीका है नमक का इस्तेमाल करना। आप पौधों के चारों और नीम के पत्ते और लौंग को रख कर भी कुछ हद तक घोंघे को उससे दूर रख सकते हैं।

घेंगे कोमल पौधे की तलाश करते हैं और वह कोमल पौधे की पत्तियों को खाते जाते हैं। घेंगे ज्यादातर रात में पौधे की पत्ती को खाते हैं क्योंकि वह निशाचर होते हैं। आप अपने गार्डन में देखेंगे कि उन्होंने आपके किसी पौधे को नुकसान पहुंचा दिया है। यदि आपको वह दिखाई देते है तो उन्हें तुरंत वहां से हटाने की कोशिश कीजिए। ऊपर बताए गए घरेलू उपाय अपनाकर आप  घोंघे से पौधे की सुरक्षा कर सकते हैं।

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बारिश के पानी को स्टोर करें और उन्हें पौधों पर इस्तेमाल करें

दोस्तों बारिश का पानी किसी भी फर्टिलाइजर से ज्यादा फायदेमंद होता है आप बारिश के पानी को किसी भी टब या फिर बाल्टी में स्टोर करें और फिर जब धूप निकले और आप के पौधों को पानी की जरूरत हो तो आप इसी पानी का इस्तेमाल पौधों को देने के लिए करें। इससे आपको दो फायदे होंगे एक तो आप रेन वाटर हार्वेस्टिंग करेंगे साथ में आपके पौधों पर जो आप यह पानी देंगे तो उससे उनकी ग्रोथ भी काफी अच्छी होगी। आप अपने गार्डन में कुछ बड़े टब या फिर बाल्टिया रख सकते हैं जिसमें आप पानी को स्टोर कर सकते हैं और बाद में अपने गार्डन में लगे हुए सभी पौधों में उसका इस्तेमाल कर सकते हैं।

लंबे बेल वाले पौधे को क्रीपर नेट का सहारा दें

आप के गार्डन में जो भी बेल वाले पौधे लगे हैं उनकी बेल बारिश के मौसम में बहुत तेजी से बढ़ती है इस समय आपको ध्यान रखना है कि बेल वाली सब्जियों के लिए आप सही तरीके से क्रीपर नेट को लगाएं। क्रीपर नेट बेल वाली सब्जियों को ऊपर चढ़ाने के लिए बहुत ही अच्छा तरीका है, आप चाहे तो क्रीपर नेट खुद घर पर बना सकते हैं या फिर आप इससे हमारे गार्डनिंग स्टोर Organicbazar.net से भी खरीद सकते हैं।

अगर आपने टमाटर और बैंगन जैसे पौधे लगाए हैं तो इन्हें भी आप किसी लकड़ी का सहारा जरूर दें। क्योंकि बैंगन और टमाटर जब थोड़े बड़े होने लगते हैं तो उनको इस टाइम को सहारा देने की जरूरत होती है वरना तेज हवा उन्हें गिरा सकती है और उन्हें बीच से तोड़ सकती है जिससे आप के पौधों को काफी नुकसान हो सकता है इसलिए मानसून के सीजन में अपने पौधों को सहारा जरूर दें। मानसून की तेज हवाओं के दौरान पौधे अक्सर टूट जाते हैं या झाड़ जाते हैं आप जमीन से अच्छी तरह जुड़ी हुई लकड़ी की मोटी छड़ियों का उपयोग कर अपने पौधों को बहुत अच्छा सहारा दे सकते हैं और तेज हवा के नुकसान से उन्हें बचा सकते हैं।

सब्जियों वाले पौधों की नियमित कटाई छटाई करते रहें

दोस्तों हो सकता है आपके गार्डन में पहले से कुछ सब्जियों वाले पौधे जैसे कि बैंगन वगैरह लगे हो तो आपको इन पौधों की नियमित कटाई छटाई करनी है। बैंगन के पौधे की जैसे ही आप कटिंग करेंगे, उसकी जो ब्रांच को काट देंगे तो फिर वहां से नई ग्रोथ स्टार्ट होगी नए पत्ते आएंगे और उनमें ढेर सारे फल लगेंगे। तो अपने गार्डन में लगे हुए पौधों की समय-समय पर कटाई छटाई जरूर करते रहे इससे दो फायदे होते हैं एक तो हमारे पौधे में नई ग्रोथ होती है और दूसरा उनसे पत्तियां कम होती हैं जिससे उनमें   कीट पतंगे लगने का जो खतरा है वह भी कम हो जाता है।

कुछ पौधों को गमले सहित बारिश के तेज पानी से बचाने के लिए घर के अंदर रखें

बारिश के मौसम में ज्यादातर पौधे बहुत अच्छे से बढ़ते हैं लेकिन कुछ पौधे ऐसे होते हैं जिन्हें आपको बारिश से बचाना होता है इसमें स्पेशली जैसे कि एलोवेरा प्लांट या फिर कुछ इस तरह के पौधे जो कि मरुस्थलीय पौधे होते हैं मतलब कि सर्कुलेंट पौधे होते हैं। इन्हें आपको बारिश के तेज पानी से बचाना होगा अगर आप इन्हें तेज बारिश में रखा छोड़ देंगे तो यह पौधे गर्ल कर वहीं पर मर जाएंगे, तो आप इन्हें गमले सहित उठाकर किसी ऐसे स्थान पर रख दीजिए जहां पर भारी बारिश इन पौधों पर ना आए और हल्की हल्की धूप भी मिलती रहे। यह तरीका अपनाने पर आप इन पौधों को तेज बारिश से भी बचा लेंगे और पौधे मानसून सीजन में भी सुरक्षित और हरे-भरे बने रहेंगे।

नियमित रूप से कीट नियंत्रण के लिए नीम ऑयल का स्प्रे करते रहें

मानसून का मौसम अपने साथ कीड़े मकोड़ों को भी लेकर आता है इस मौसम में गार्डन में कीड़े मकोड़ों की प्रॉब्लम बढ़ जाती है। इसे आप को रोकने के लिए नीम ऑयल का स्प्रे अपने गार्डन में लगे हुए सभी पौधों पर करना जरूरी होता है। नीम ऑयल को लेकर इससे किसी भी डिश वॉश लिक्विड में मिलाइए और फिर सभी पौधों पर स्प्रे कीजिए। जब आप नीम ऑयल का स्प्रे करेंगे तो आप के पौधों पर एक प्रोटेक्टिव लेयर बन जाएगी जिससे कीड़े मकोड़े या फिर दूसरे कीट आप के पौधे की पत्तियों पर अटैक नहीं करेंगे और आप के पौधे रोगों से बचे रहेंगे।

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