पौधों में जिंक की कमी के लक्षण और दूर करने के उपाय – Zinc Deficiency In Plants In Hindi

पोषक तत्व पौधों के विकास और वृद्धि के लिए बहुत जरूरी होते हैं। गमले या ग्रो बैग में लगे पौधों में अन्य पोषक तत्वों के साथ-साथ जिंक तत्व की भी आवश्यकता होती है। जिंक (जस्ता) पौधों के लिए बेहद आवश्यक होता है और इसकी कमी से पौधों के विकास में रुकावट आ सकती है। जब भी पौधों में इस तत्व की कमी होती है तो, पौधे में देखे जाने वाले लक्षणों से इसका पता लगाया जा सकता है। इस लेख में आप जानेंगे कि, पौधों में जिंक कैसे डालें, पौधों में जिंक की कमी के लक्षण क्या होते हैं और उन्हें दूर करने के उपाय क्या हैं, पूरी जानकारी के लिए इस आर्टिकल को पूरा पढ़ें।

अगर आपके घर या गार्डन में लगे पौधे भी अच्छी तरह से ग्रो नहीं कर पा रहे हैं तो, आपको यह लेख जरूर पढ़ना चाहिए। आइये जानते हैं पौधों में जिंक की कमी के लक्षण और इसके निवारण के बारे में।

पौधों में जिंक की कमी के कारण – Zinc Deficiency Causes in Plants in Hindi

पौधों में जिंक तत्व की कमी होने के कई कारण हो सकते हैं। जिनमें से कुछ मुख्य कारण निम्न हैं:

  1. पौधे लगे गमले की मिट्टी में जिंक बहुत कम मात्रा में होना।
  2. मिट्टी का तापमान कम हो जाना।
  3. मिट्टी का PH मान संतुलित न होना।
  4. गमले की मिट्टी में पानी भरा रहना।
  5. चूना का बहुत ज्यादा उपयोग, मिट्टी में जिंक की कमी करता हैं।
  6. मिट्टी में फास्फोरस बहुत अधिक पाया जाना, जिसके कारण जिंक का पौधों में स्थानान्तरण कम हो पाना।
  7. पौधों को जस्ता (जिंक) से युक्त खाद उचित मात्रा में न देना।

(ये भी जानें: पौधों में नाइट्रोजन की कमी के लक्षण…)

पौधों में जिंक की कमी के लक्षण – Zinc Deficiency Symptoms in plants in Hindi

पौधों में जिंक की कमी के लक्षण - Symptoms of zinc Deficiency in plants in Hindi

जस्ता (जिंक) पौधों के लिए जरूरी पोषक तत्व है क्योंकि, यह पौधों में क्लोरोफिल बनाने में सहायक होता है। जब भी पौधे लगे गमले की मिट्टी में जिंक की कमी होती है तो, इसकी वजह से पत्तियों में क्लोरोसिस (chlorosis) हो जाता है, जिसकी वजह से पौधे की पत्तियां पीली पड़ने लगती हैं। बता दें कि, पेड़-पौधों में क्लोरोसिस (chlorosis), क्लोरोफिल की कमी से उत्पन्न हुई एक ऐसी स्थिति है, जिससे पत्तियां क्षतिग्रस्त हो जाती हैं। इसके आलावा पौधों में जिंक की कमी होने पर निम्न लक्षण दिखाई देते हैं:

  1. जिंक तत्व की कमी से पौधे की पत्तियां पीली पड़ने लगती हैं।
  2. यदि पौधे में जस्ता (जिंक) की बहुत अधिक कमी हो जाती है तो, पौधे की पत्तियां भूरी या बैंगनी हो जाती हैं और परिणाम स्वरूप पत्तियां नष्ट भी हो सकती हैं।
  3. पौधों में जिंक की कमी होने पर पत्तियां मुड़ने और झुलसने लगती हैं।
  4. अन्य पोषक तत्व और जिंक की कमी के लक्षणों में सबसे बड़ा अंतर यह होता है कि, जिंक की कमी की वजह से क्लोरोसिस (पत्तियों का पीला होना) निचली पत्तियों से शुरू होता है और ऊपर की ओर बढ़ता है। लेकिन जब पौधे में लोहे, मैंगनीज या मोलिब्डेनम जैसे तत्वों की कमी होती है तो, इसमें क्लोरोसिस पौधे की ऊपरी पत्तियों से शुरू होता है।

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पौधों में जिंक की कमी का पता कैसे लगाएं – How to Identify Zinc Deficiency in plants in Hindi

जब भी आपको लगे की पौधों में जिंक तत्व की कमी है तो, ऐसे में मिट्टी का परीक्षण करना सबसे बेहतर होगा। इसके अलावा आप पौधे की पत्तियों को देखकर भी जिंक की कमी का पता लगा सकते हैं।

पौधों में जिंक की कमी को दूर कैसे करें – How to Treat Zinc Deficiency in plants in Hindi

पौधों में जिंक की कमी को दूर कैसे करें - How to Treat zinc Deficiency in plants in Hindi

यदि समय रहते पौधों में जिंक की कमी को पूरा नहीं किया गया तो, इससे पौधों में कई गंभीर बीमारी हो सकती हैं। लेकिन आप जितने जल्दी इस समस्या को पकड़ लेते हैं, इसे ठीक करना उतना ही आसान होगा। आइये जानते हैं, पौधों में जिंक की कमी को दूर करने के तरीको के बारे में।

  • आप पौधों में जिंक की कमी को दूर करने के लिए मिट्टी में वर्मीकम्पोस्ट, पुरानी गोबर खाद, ग्रीन लीफ खाद और पोल्ट्री खाद मिलाकर इस तत्व की कमी को पूरा कर सकते हैं।
  • फोलियर स्प्रे से सिर्फ पौधे में जिंक की कमी को दूर किया जा सकता है लेकिन, इससे मिट्टी में जिंक की कमी को पूरा नहीं कर सकते।
  • कई बार पौधे लगे गमले की मिट्टी में बहुत अधिक पानी देने या मिट्टी में जलभराव होने से भी पौधे में जिंक की कमी हो सकती है। ऐसे में आपको मिट्टी में जलभराव से बचना चाहिए।
  • आप पौधों में फास्फोरस वाले उर्वरकों का अधिक इस्तेमाल न करें क्योंकि, यह पौधों में उपलब्ध जिंक की मात्रा को कम करते हैं।
  • यदि मिट्टी का PH बहुत अधिक है, तो इसे ठीक करना बेहद जरूरी है। बता दें कि, ज्यादा PH पौधे में जिंक की पहुंच को कम कर सकता है।
  • ज्यादातर पौधों में पीएच 6.0 से 7.0 के बीच आदर्श माना जाता है।

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जिंक की कमी से पौधों में कौन सा रोग होता है – Zinc deficiency diseases in plants in Hindi

जिंक की कमी से पौधों में कौन सा रोग होता है - Which disease occurs in plants due to deficiency of zinc in hindi

पौधों में जिंक तत्व की कमी से निम्न रोग हो सकते हैं:

  • मक्का में इस तत्व की कमी से सफेद कली (white bud) रोग होता है, जिसके कारण इसके पत्तों पर पीली लकीरें और सफेद धब्बे आने लगते हैं।
  • जस्ता (जिंक) की कमी से धान के पौधों में खैरा रोग (Khaira disease) होता है, जिसके परिणाम स्वरूप इसकी पत्तियां पीली पड़ने लगती हैं और बाद में ये कत्थई रंग की हो जाती हैं।

(ये भी जानें: पौधों में पोटाश या पोटेशियम की कमी के लक्षण और उपाय…)

जिंक पौधे में क्या काम करता है – What Does Zinc Do In Plants In Hindi

जस्ता (जिंक) पौधों में क्लोरोफिल के निर्माण में सहायक होता है, जिससे पत्तियां अच्छी रहती हैं। इसके अलावा यह तत्व पौधों में नाइट्रोजन के पाचन में भी सहायक होता है।

पौधों में जिंक कैसे डालें – How To Add Zinc To Plants In Hindi

आप पौधों में जैविक खाद जैसे वर्मीकम्पोस्ट, कम्पोस्ट और गोबर खाद आदि में जिंक सल्फेट मिलाकर इसे मिट्टी में डाल सकते हैं। इसके अलावा आप जिंक सल्फेट मिट्टी में सीधे भी मिला सकते हैं।

निष्कर्ष – Conclusion

इस आर्टिकल में आपने जाना कि, जिंक की कमी से पौधों में कौन से रोग होते हैं, पौधों में जिंक कैसे डालें और भी बहुत कुछ जाना। उम्मीद है कि, यह लेख आपको अच्छा लगा होगा। हमारी और भी उपयोगी पोस्ट पढ़ने के लिए Organicbazar.net पर विजिट करें। यह लेख आपको कैसा लगा, कमेंट में जरूर बताएं।

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