वर्मीकम्पोस्ट (केंचुआ खाद) का गार्डनिंग में उपयोग, फायदे और बनाने की विधि – Vermicompost For Plants In Hindi

पौधों के लिए पूर्ण रूप से जैविक खाद के रूप में वर्मीकम्पोस्ट (केंचुआ खाद) का उपयोग आर्गेनिक गार्डनिंग में अच्छे परिणाम प्राप्त करने के लिए किया जाता है। वर्मीकम्पोस्ट के गुणों और केंचुआ खाद के फायदों के आधार पर जैविक खेती और गार्डनिंग के लिए इसका उपयोग करना जरूरी हो जाता है। आइए जानते हैं, वर्मीकम्पोस्ट क्या है (Vermicompost for plants in Hindi), इसे कैसे तैयार किया जाता है, वर्मीकम्पोस्ट (केंचुआ खाद) के फायदे क्या हैं, वर्मी कंपोस्ट में कौन कौन से तत्व पाए जाते हैं? NPK अनुपात और केंचुआ खाद का गार्डन में उपयोग करने के तरीकों के बारे में।

वर्मीकम्पोस्ट (केंचुआ खाद) क्या है – What Is Vermicompost In Hindi

वर्मीकम्पोस्ट क्या है - What Is Vermicompost In Hindi

केंचुआ के मल (earthworm poop) या केंचुआ कास्टिंग (earthworm castings) को वर्मीकम्पोस्ट कहा जाता है। आर्गेनिक फ़र्टिलाइज़र वर्मीकम्पोस्ट को केंचुआ खाद भी कहा जाता है। वर्मीकम्पोस्टिंग (Vermicomposting) वह प्रक्रिया है, जिसमें विशेष रूप से केंचुओं और अन्य सूक्ष्मजीवों (कृमि) के माध्यम से जैविक कचरे (आर्गेनिक अपशिष्ट) का अपघटन किया जाता है, और उन्हें लाभदायक मिट्टी में बदला जाता है। अपघटन के बाद बने मिट्टी उत्पाद को वर्मीकम्पोस्ट कहा जाता है। केंचुआ खाद (वर्मी कम्पोस्ट) को पौधों को स्वस्थ रखने और तेजी से विकास करने के लिए उपयोग में लाया जाता है। वर्मीकम्पोस्ट में किसी भी प्रकार के रसायन नहीं पाए जाते हैं।

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वर्मीकम्पोस्ट का NPK कितना होता है – What Is The Npk Of Vermicompost In Hindi

आम तौर पर वर्मीकम्पोस्ट का एनपीके (NPK) अनुपात 2:1:1 से लेकर 3:2:2 तक होता है अर्थात वर्मीकम्पोस्ट में नाइट्रोजन 2 से 3%, पोटेशियम 1 से 2% और फास्फोरस 1 से 2% होता है। इस जैविक खाद में सूक्ष्म पोषक तत्व उपस्थित होते हैं।

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वर्मीकम्पोस्ट के गुण – Properties Of Vermicompost In Hindi

वर्मीकम्पोस्ट के गुण - Properties Of Vermicompost In Hindi

  1. एक अच्छी गुणवत्ता वाली वर्मीकम्पोस्ट नम और गहरे काले रंग की होती है और मिट्टी से हल्कि होती है।
  2. इसमें स्वच्छ मिट्टी की गंध होती है।
  3. वर्मीकम्पोस्ट में पानी में घुलनशील पोषक तत्व पाए जाते हैं।
  4. यह मृदा कंडीशनर (soil conditioner) है।
  5. इस खाद में पौधे के विकास के लिए हार्मोन होते हैं।
  6. वर्मीकम्पोस्ट में एनपीके, सल्फर, कैल्शियम, मैग्नीशियम और आयरन जैसे पोषक तत्व पाए जाते हैं। इसके अलावा मैंगनीज, जिंक, कॉपर, बोरॉन और मोलिब्डेनम जैसे सूक्ष्म पोषक तत्व भी उपस्थित होते हैं। पोषक तत्वों की दृष्टि से वर्मीकम्पोस्ट, गाय के गोबर की खाद से श्रेष्ठ है।

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वर्मी कम्पोस्ट कैसे बनाते हैं  How To Make Vermicompost In Hindi

  1. वर्मी कम्पोस्ट तैयार करने के लिए आप एक हवादार नम पात्र या किसी समतल भूमि का चुनाव करें। वर्मीकम्पोस्ट बनाने के लिए उस स्थान का चयन करें जहाँ सीधी धूप न पड़े और हवायुक्त छायादार क्षेत्र हो।
  2. इस पात्र में 2 इंच मोटी रेत या बजरी बिछाएं और उसके ऊपर 6 इंच मोटी काली या दोमट मिट्टी की परत बिछा दें। ध्यान रहे मिट्टी में कांच, पत्थर और धातु के दुकड़े नहीं होने चाहिए।
  3. अब इस मिट्टी पर आसानी से अपघटित होने वाले पदार्थ या आधे अपघटित पदार्थ जैसे- नारियल की बूछ, सब्जी की छिलके, गन्ने के पत्ते, ज्वार के डंठल और केले जैसे अपशिष्ट की 2 इंच मोटी परत बिछाएं।
  4. इसके ऊपर 2 इंच मोटी अपघटित गोबर खाद की परत बिछाएं। ध्यान रखें कि गोबर ताजा न हो।
  5. अब इस पर केचुओं को डालकर, गोबर और अन्य अपशिष्ट की 6 इंच मोटी परत से ढक दें।
  6. अपशिष्ट डालने की बाद इसे मोटी टाट पट्टी या बोरे से ढकें, जिससे हवा अवरुद्ध न हो और नमी अधिक समय तक बनी रहे।
  7. ध्यान रखें यह पूरा मिश्रण पर्याप्त नमी युक्त होना चाहिए तथा तापमान 25 से 30 डिग्री सेंटीग्रेट होना चाहिए।
  8. नमी बनाये रखने के लिए इसपर प्रतिदिन पानी छिड़कते रहें, और प्रतिसप्ताह ऊपरी गोबर खाद और कचड़े को पलटकर हल्का करते रहें।
  9. यदि 30 दिन बाद छोटे छोटे केंचुएँ दिखाई देने लगें, तो इसपर पुनः कूड़े-कचड़े की 2 इंच मोटी परत बिछा दें और पानी छिडकें।
  10. लगभग 2 महीने में वर्मी कम्पोस्ट या केंचुआ खाद बनकर तैयार हो जाएगी। यह दिखने में चायपत्ती जैसी गहरे काले रंग की और मिट्टी से हल्की होगी।

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वर्मीकम्पोस्ट बनाते समय सावधानियां – Precautions While Making Vermicompost In Hindi

केंचुआ खाद बनाते समय निम्न सावधानियां रखनी चाहिए, जैसे:

  1. मिट्टी में किसी भी प्रकार के पत्थर, कांच, प्लास्टिक या धातु के टुकड़े नहीं होने चाहिए।
  2. मिश्रण में पर्याप्त नमी होनी चाहिए, नमी की कमी न हो। ध्यान रखें खाद के मिश्रण को बहुत अधिक पानी नहीं देना चाहिए, इससे मिट्टी में वायु प्रवाह अवरुद्ध हो सकता है।
  3. इस खाद को बनाते समय तापमान 30 से 35 डिग्री सेंटीग्रेट से अधिक नहीं होना चाहिए।
  4. अपशिष्ट के मिश्रण में किसी भी प्रकार के रसायन या कीटनाशक मौजूद नहीं होना चाहिए, तथा इनके छिड़काव से बचना चाहिए।

पौधों के लिए वर्मीकम्पोस्ट का उपयोग कब करें – When To Use Vermicompost For Plants In Hindi

आर्गेनिक गार्डनिंग में एक अच्छी खाद के रूप में वर्मीकम्पोस्ट का उपयोग किया जाता है। वर्मीकम्पोस्ट का उपयोग किसी भी मौसम में और पौधों की ग्रोथ के किसी भी चरण में इसका उपयोग किया जा सकता है। इसे पौधों की मिट्टी के साथ मिलाया जाता है। आप पौधे लगाने के लिए पौष्टिक मिट्टी तैयार करते समय या पौधे लगे गमले की मिट्टी को अधिक उपजाऊ बनाने के लिए इसे मिट्टी में डाल सकते हैं।यदि आप पौधे लगाते समय वर्मीकम्पोस्ट को मिट्टी में अच्छी तरह मिलाते हैं, तो बार-बार इसका उपयोग करने की आवश्यक नहीं होती है। यदि आप पौधा लगे गमले की मिट्टी में वर्मीकम्पोस्ट डालते हैं, तो 1 महीने से पहले इसका दोबारा प्रयोग न करें।

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गार्डनिंग में वर्मीकम्पोस्ट का उपयोग कैसे करें – How To Use Vermicompost For Gardening In Hindi

केंचुआ खाद (वर्मीकम्पोस्ट) को गोबर की खाद के स्थान पर या दोनों को एक साथ इस्तेमाल किया जा सकता है। पौधे लगाने के लिए गमले की मिट्टी तैयार करते समय इसे मिट्टी के साथ लगभग 30% अनुपात में मिलाया जाता है। यदि आप पौधे लगे गमले की मिट्टी (पॉटिंग मिश्रण) में इस जैविक खाद का उपयोग करना चाहते हैं, तो इसे आम तौर पर महीने में एक या दो बार, एक मुट्ठी वर्मीकम्पोस्ट को मिट्टी की ऊपरी सतह पर डाल सकते हैं। अपने पौधों की मिट्टी में वर्मीकम्पोस्ट का उपयोग (Vermicompost for plants in Hindi) करने के बाद रासायनिक उर्वरक व कीटनाशक का उपयोग न करें।

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पौधों के लिए वर्मीकम्पोस्ट का उपयोग करने के फायदे – Vermicompost Benefits For Plants In Hindi

पौधों के लिए वर्मीकम्पोस्ट का उपयोग करने के फायदे - Vermicompost Benefits For Plants In Hindi

  1. वर्मी कम्पोस्टिंग का प्राथमिक लाभ यह है कि, यह तरह से आर्गेनिक और पर्यावरण के अनुकूल है इसमें किसी भी प्रकार के रसायन नहीं होते हैं। वर्मीकम्पोस्टिंग के माध्यम से अपशिष्ट का निपटारण भी होता है।
  2. वर्मीकम्पोस्ट के प्रयोग से पौधों की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है और पौधों में अधिक मात्रा में उच्च गुणवत्ता के फल और फूल लगते हैं। वर्मीकम्पोस्ट वाली मिट्टी में खरपतवार बहुत कम उगती है।
  3. यह उर्वरक मिट्टी की जल धारण करने की क्षमता में सुधार करता है और लाभकारी जीवाणुओं (जैसे केंचुआ) की संख्या में वृद्धि करता है। वर्मीकम्पोस्ट अपने वजन से 9 गुना तक अधिक पानी धारण कर सकता है।
  4. केंचुआ खाद मिट्टी के पीएच को संतुलित करने में मदद करती है, क्योंकि केंचुआ खाद में अमीनों एसिड्स की मात्रा पाई जाती है। यह सामान्य मिट्टी की अपेक्षा NPK का एक अच्छा स्रोत है। यह खाद पौधों को लम्बे समय तक पोषक तत्वों को प्रदान करने के लिए उन्हें सहेजकर रखने में मदद करती हैं।
  5. मिट्टी को वातित (aerated) रखने और पौधों की जड़ों तक ऑक्सीजन पहुंचाने के लिए केंचुआ खाद फायदेमंद होती है। इसके प्रयोग से पौधों पर किसी भी प्रकार का हानिकारक प्रभाव देखने नहीं मिलता है।
  6. किसी भी प्रकार की अप्रिय गंध न होने के कारण, वर्मीकम्पोस्ट को घर के अंदर लगे पौधों (इनडोर प्लांट) के लिए भी उपयोग में लाया जा सकता है।
  7. वर्मीकम्पोस्ट केंचुओं से प्राप्त खाद होती है हालाँकि इसमें केंचुएँ नहीं होते हैं लेकिन इसमें उनके अंडे हो सकते हैं यही कारण हैं कि मिट्टी के साथ वर्मीकम्पोस्ट को मिक्स करने से मिट्टी में लाभदायक केंचुओं की संख्या बढती है।
  8. वर्मीकम्पोस्ट खाद (Vermicompost for plants in Hindi) का प्रयोग करने से उत्पादन क्षमता में 15 से 20% की वृद्धि हो जाती है।

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  1. जैविक खेती के लिए यह एक बहुत अच्छा तरीका है

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