जानिए रस्ट फंगस (जंग कवक) रोग क्या है और पौधों को कैसे बचाएं – Rust Fungus Disease Of Plant And How To Control In Hindi

पौधे में होने वाला रस्ट फंगस जिसका अर्थ है, जंग रोग। सुनने में यह रोग कुछ इस प्रकार लगता है जैसे पौधों में जंग लगना। हालांकि, यह असंभव है, क्योंकि पौधों में कभी जंग नहीं लग सकती, जंग धातुओं पर लगती और पौधा एक धातु नहीं है। वास्तव में रस्ट फंगस पौधे में होने वाला एक कवक रोग है, जो ठंडी, नमी वाली स्थितियों में पनपता है। इस रोग से प्रभावित पौधे कमजोर तथा उनकी उत्पादकता कम हो जाती है। यदि आपने गार्डन में बहुत से पौधों को लगाया है, तो पौधों को रस्ट बीमारी से बचाने के लिए आपको यह जानना जरूरी है, कि रस्ट फंगस रोग क्या है, जंग कवक बीमारी के लक्षण, कारण तथा अनुकूल परिस्थितियां और इस रोग से पौधों को बचाने तथा नियंत्रण के उपाय क्या हैं? पौधों में होने वाले रोग रस्ट फंगस के बारे में विस्तार से जानने के लिए आर्टिकल पूरा पढ़ें।

रस्ट फंगस या जंग कवक रोग क्या है – What Is Rust Fungus Disease In Hindi

रस्ट फंगस या जंग कवक रोग क्या है - What Is Rust Fungus Disease In Hindi

जंग कवक या रस्ट फंगस पौधों में होने वाला एक फंगल रोग है, जो प्यूकिनिलेस (Pucciniales) कवक (जो पहले Uredinales नाम से जाना जाता था) के कारण होता है। यह रोग पौधे पर नमी और पानी का स्तर अधिक होने के कारण फैलता है। रस्ट फंगस रोग से संक्रमित पौधे की पत्तियों पर जंग के समान लाल, सुनहरे रंग की परत दिखाई देती है और नमी का स्तर अधिक होने के कारण इस रोग का संक्रमण और भी अधिक फैलता जाता है।

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रस्ट फंगस से कौन से पौधे प्रभावित होते हैं – What Plants Are Affected By Rust Fungus In Hindi

जंग कवक रोग एक आम फंगल संक्रमण हैं, जिससे पेड़, झाड़ियाँ, हेरबेसियस प्लांट (herbaceous), घास, फल और सब्जियों इत्यादि सभी पौधे प्रभावित हो सकते हैं। यह रोग फूलों की एक विस्तृत श्रृंखला को प्रभावित करता है, जिनमें शामिल हैं:

  1. एस्टर (Aster)
  2. कार्नेशन (Carnation)
  3. फ्यूशिया (Fuchsia)
  4. जेरेनियम (geranium)
  5. ग्लेडियोलस (Gladiolus)
  6. लिलियम (Lilium)
  7. मैरीगोल्ड (Marigold)
  8. पोइनसेटिया (Poinsettia)
  9. स्नैपड्रैगन (Snapdragons)
  10. वायोला (Viola)
  11. पैंसी (pansy)

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पौधों पर रस्ट फंगस लगने की अनुकूल स्थिति – Favorable Conditions For Rust Fungus Infection In Hindi

संक्रमण के लिए इष्टतम स्थिति तब होती है, जब तापमान 20 से 30 डिग्री सेल्सियस के बीच होता है और पत्ते लम्बे समय तक गीले रहते हैं। पौधे की पत्तियां लगातार 6-10 घंटे तक गीली रहने के बाद, जब वातावरण का अधिक तापमान और सूर्य का प्रकाश उन पत्तियों पर सीधा पड़ता है, तब इस स्थिति में रस्ट लगने की संभावना बढ़ जाती है। अर्थात जब पौधे जो पूरी रात गीले रहते है, इसके बाद सुबह की धूप और गर्म तापमान का प्रभाव उन पौधों पर पड़ता है, तो यह स्थिति रस्ट फंगस को आमंत्रण देती है।

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पौधों में रस्ट फंगस रोग के कारण – Causes Of Rust Fungus Disease In Plant In Hindi

गार्डन में लगे हुए पौधों में रस्ट फंगस रोग होने के कारण निम्न हैं:-

  1. पौधे की पत्तियों में लगातार नमी बनी रहना।
  2. बारिश के समय पौधे अधिक समय तक गीले रहना।
  3. मौसम में तेज़ी से बदलाव होना।
  4. अधिक मात्रा में खाद का उपयोग करना।
  5. पुराने पौधों के संक्रमण के कारण।
  6. शाम के समय पौधे की पत्तियां गीली होना।
  7. पौधों को पर्याप्त सूर्य का प्रकाश न मिलना।

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रस्ट फंगस रोग के लक्षण – Symptoms Of Rust Fungus Disease In Hindi

रस्ट फंगस रोग के लक्षण – Symptoms Of Rust Fungus Disease In Hindi

इस रोग के संक्रमण के प्रमुख लक्षण निम्न हैं:-

  1. पौधे की पत्तियों की निचली सतह पर सुनहरे, पीले व लाल रंग के धब्बे या धारियाँ दिखाई देना।
  2. पत्तियों के नीचे के हिस्से पर लाल से नारंगी रंग के छाले पढ़ना, जिन्हें पस्ट्यूल (Pustules) कहा जाता है।
  3. आमतौर पर पौधे की पत्तियां अनियमित आकार की हो जाती हैं।
  4. पत्ती के डंठल, तनों पर और कभी-कभी, फूलों तथा फलों पर भी पस्ट्यूल बनते हुए दिखाई दे सकते हैं।
  5. गंभीर रूप से प्रभावित पौधे की पत्तियां अक्सर पीली हो जाती हैं और समय से पहले गिर जाती हैं।
  6. अधिक संक्रमण होने पर पौधा कमजोर तथा कभी-कभी पौधे की मृत्यु भी हो सकती है।

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पौधों में रस्ट लगने से कैसे बचाएं – Rust Fungus Prevention Tips In Hindi

पौधों में रस्ट लगने से कैसे बचाएं – Rust Fungus Prevention Tips In Hindi

गार्डन में लगे हुए पौधों को रस्ट फंगस रोग से बचाने के उपाय निम्न हैं:-

  1. इस रोग के संक्रमण से बचने के लिए, आपको अपने गार्डन में रस्ट रोग की प्रतिरोधी किस्मों को लगाना चाहिए।
  2. यदि नर्सरी से छोटे पौधे को अपने गार्डन में लगाते हैं, तो घर लाने से पहले उन पौधों में संक्रमण की जांच अच्छी तरह से करनी चाहिए।
  3. यदि आप गार्डन में किसी नए पौधे को लगाने जा रहे हैं, तो उस पौधे को एक से 2 सप्ताह के लिए बाकि पौधों से अलग रखना चाहिए, जिससे उस पौधे पर संक्रमण का प्रभाव देखा जा सके।
  4. पौधों को पानी देते समय पत्तियों को गीला नहीं करना चाहिए, क्योंकि जंग कवक रोग गीली पत्तियों के माध्यम से होता है।
  5. पुराने संक्रमित पौधों और उनके हिस्सों का उचित तरीके से निपटान करना चाहिए, जिससे संक्रमण वापस न फ़ैल पाए।
  6. यदि गार्डन में कोई पौधा रस्ट रोग से संक्रमित है, तो उस पौधे को हटा देना चाहिए, जिससे बाकि पौधों को संक्रमित होने से बचाया जा सके।
  7. जंग रोग के संक्रमण को गर्म पानी के स्प्रे से भी दूर किया जा सकता है, लेकिन अधिक गर्म पानी का उपयोग करने से पौधों को नुकसान भी हो सकता है।
  8. गार्डन में स्वच्छता का विशेष ध्यान रखना चाहिए, यदि कोई पुराना संक्रमित मलवा पड़ा हुआ दिखे, तो उस मलवे को हटा कर नष्ट कर देना चाहिए।
  9. पौधों को पर्याप्त दूरी पर रखना चाहिए, जिससे कि उनके मध्य हवा का प्रवाह बना रहे और पौधों को पर्याप्त धूप प्राप्त हो सके।

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संक्रमित पौधों को रस्ट फंगस से बचाने के उपाय How To Treat Rust On Plants In Hindi

संक्रमित पौधों को रस्ट फंगस से बचाने के उपाय – How To Treat Rust On Plants In Hindi

यदि आपके गार्डन में लगे हुए पौधे इस बीमारी से संक्रमित हो चुके हैं तथा उन पर संक्रमण का प्रभाव बढ़ता जा रहा है, तो आइये आगे जानते हैं रस्ट फंगस से छुटकारा कैसे पायें? संक्रमित पौधों को रस्ट फंगस रोग से बचाने के उपाय निम्न हैं:-

  1. पौधों के संक्रमित भाग को काटकर नष्ट कर दें, इस मलवे को खाद में न मिलाएं, क्योंकि इसमें फंगस अधिक समय तक जीवित रह सकती है।
  2. पौधों के आसपास की मिट्टी को रेक करें, जिससे कि वह मिट्टी अच्छी तरह से सूख जाए।
  3. पौधों को सुबह के समय पानी दें, जिससे कि उन्हें सूखने का पर्याप्त समय मिल सके। पानी देने के लिए ड्रिप सिंचाई या वाटर कैन का उपयोग भी कर सकते हैं।
  4. रस्ट रोग से ग्रस्त पौधों पर नाइट्रोजन रिच खाद का उपयोग न करें, क्योंकि यह फंगस की नई ग्रोथ को बढ़ावा देती है। आप गार्डन में लगे हुए पौधों पर जैविक फंगीसाइड का उपयोग कर सकते हैं।
  5. पौधों के आसपास हवा का प्रवाह बनाये रखने के पौधे की प्रूनिंग करें, लेकिन यह ध्यान रखें कि प्रूनिंग करते समय प्रत्येक कट के बाद प्रूनर को कीटाणुरहित कर लें, जिससे संक्रमण अधिक न फ़ैल पाए।
  6. गार्डन की मिट्टी को अच्छी तरह साफ़ करने के बाद गीली घास या जैविक खाद से मल्चिंग करें, इससे संक्रमण बढ़ने से रोका जा सकता है।
  7. पौधों की पत्तियों पर सल्फरयुक्त या कॉपरयुक्त फंगीसाइड का स्प्रे करके इस बीमारी के संक्रमण को कम किया जा सकता है।

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रस्ट फंगस को नियंत्रित करने के लिए जैविक फंगीसाइड – Organic Fungicide To Control Rust Fungus

In Hindi

रस्ट फंगस को नियंत्रित करने के लिए जैविक फंगीसाइड - Organic Fungicide To Control Rust Fungus In Hindi

रस्ट फंगस रोग के संक्रमण को नियंत्रित करने के लिए, आप निम्न घरेलू जैविक कवकनाशी (organic fungicide) का उपयोग कर सकते हैं:-

  1. बेकिंग सोडा से तैयार कवकनाशी
  2. कैमोमाइल चाय से तैयार कवकनाशी
  3. दालचीनी से तैयार कवकनाशी
  4. मिल्क स्प्रे से तैयार फंगीसाइड
  5. नीम तेल
  6. एप्पल विनेगर
  7. 3 जी पेस्टीसाइड

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उपरोक्त लेख में आपने जाना, कि रस्ट फंगस रोग या जंग कवक रोग क्या है, इस बीमारी के लक्षण, कारण तथा अनुकूल परिस्थितियां और इसके संक्रमण से बचाव तथा नियंत्रण के उपाय क्या है? उम्मीद है यह लेख आपको पसंद आया होगा, इस लेख से संबंधित आपके जो भी सवाल हैं, हमें कमेंट में अवश्य बताएं।

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