होम गार्डनिंग में कोकोपीट का उपयोग कैसे करें – How To Use Cocopeat In Home Gardening In Hindi

नारियल छीलते समय उसके रेशों से जो धूल (Coconut Husk) झड़ती है, उसे ही कोको पीट कहा जाता है। कोकोपीट में पानी को सोखने की क्षमता काफी अधिक होती है, यह काफी हल्का होता है और अच्छा ड्रेनेज और हवा का प्रवाह बनाए रखने के कारण पौधों की जड़ों को फैलने में हेल्प करता है। इन्हीं खासियतों की वजह से गार्डनिंग में कोको पीट का इस्तेमाल बीज से सीडलिंग तैयार करने में, मिट्टी रहित पॉटिंग मिक्स बनाने और मिट्टी में मिलाकर उसे कड़क होने से रोकने में किया जाता है। इनके अलावा भी होम गार्डन में कोकोपीट का यूज कई तरह से किया जाता है, जिनके बारे में आप इस आर्टिकल में जानेंगे। कोको पीट क्या होता है, इसके फायदे और उपयोग क्या हैं, होम गार्डनिंग में कोको पीट का उपयोग कैसे करें, पौधे लगाने के लिए कोकोपीट का इस्तेमाल करने से सम्बन्धित जानकारी के लिए आर्टिकल को पूरा पढ़ें।

कोकोपीट क्या है – What Is Coco Peat In Hindi

कोकोपीट क्या है – What Is Coco Peat In Hindi

कोको पीट, नारियल के छिलकों को बारीक पीसकर बनाया गया भुरभुरा (Friable) पदार्थ है। इसे कॉयर डस्ट (Coir Dust), कॉयर पिथ (Coir Pith) और कोको कॉयर (Coco Coir) के नाम से भी जाना जाता है। गार्डनिंग में इस्तेमाल करने के लिए कोकोपीट ऑनलाइन बड़ी आसानी से मिल जाता है। यह ऑनलाइन वेबसाइट पर ईंट (Coco Brick), कॉइन (Coco Coin), और मल्चिंग मैट (Mulching Mat) के रूप में बिकता है।

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गार्डन में कोकोपीट का इस्तेमाल करने के फायदे – Benefits Of Using Coco Peat In The Garden In Hindi

होम गार्डनिंग में कोकोपीट का इस्तेमाल पेड़-पौधों के लिए पॉटिंग मिक्स बनाने में किया जाता है। इसके इस्तेमाल से पौधों को निम्न फायदे होते हैं:

  1. कोकोपीट में लम्बे समय तक नमी बनी रहती है और इसमें फंगल रोग भी नहीं लगते हैं। इस वजह से बीजों को उगाने के लिए कोकोपीट बहुत फायदेमंद है।
  2. अधिक पानी सोखने की क्षमता के कारण कोकोपीट पौधे में नमी बनाये रखता है और उसे सूखने से बचाता है।
  3. मिट्टी में कोकोपीट मिलाने से मिट्टी कड़क नहीं हो पाती है और ऐसी मिट्टी में हवा का प्रवाह अच्छा बना रहने से पौधों की जड़ों की ग्रोथ भी बहुत अच्छे से होती है।
  4. कोकोपीट में खरपतवार उगने का खतरा नहीं रहता है। इस वजह से पौधों की ग्रोथ अच्छे से हो पाती है।
  5. कोकोपीट इस्तेमाल करने से पौधों में रूट डिजीज (जड़ संबंधी बीमारियाँ) जैसे जड़ गलन आदि होने का खतरा नहीं रहता है।

(यह भी जानें: गार्डनिंग के लिए कोकोपीट के लाभ और सम्पूर्ण जानकारी…..)

कोको ब्रिक से कोकोपीट तैयार करने की विधि – Best Method To Make Cocopeat From Cocopeat Brick In Hindi

कोको ब्रिक से कोकोपीट तैयार करने की विधि - Best Method To Make Cocopeat From Cocopeat Brick In Hindi

मार्केट से या ऑनलाइन कोकोपीट खरीदने पर वह ब्रिक (ईंट) के रूप में आती है। गार्डनिंग में इस्तेमाल करने के लिए सबसे पहले कोको ब्रिक को बारीक़ कोकोपीट में बदला जाता है। कोको ब्रिक को कोकोपीट में बदलने के लिए:

  1. सबसे पहले एक बड़ा टब, ट्रे या बाल्टी लें।
  2. इसके बाद कोकोपीट ईंट (ब्रिक) को उस बर्तन में रख दें।
  3. अब वाटरिंग कैन में पानी भर लें और पानी को कोकोपीट ईंट के ऊपर से डालना शुरू करें।
  4. कोकोपीट को पूरी तरह से पानी में डुबो दें। ऐसा करने से कोकोपीट फूलने लगती है।
  5. जब कोकोपीट अच्छे से पानी को सोख ले, तब ब्लॉक (ईंट) को हाथ से तोड़कर टब में अच्छे से फैला लें। इसके बाद टब में और पानी डालें, ताकि कोकोपीट अच्छे से पानी को अवशोषित कर सके।
  6. अब कोकोपीट को हाथ में लेकर अच्छे से निचोड़ें, ताकि उसमें भरा सारा पानी बाहर निकल जाए। कोकोपीट से पानी को पूरी तरह निकल जाने के बाद उसे कुछ घंटो के लिए धूप में रख दें, ताकि वह सूख सके। सूखने के बाद कोकोपीट पॉटिंग मिक्स के रूप में उपयोग करने के लिए तैयार है।

(यह भी जानें: वर्मीकम्पोस्ट का आर्गेनिक गार्डनिंग में उपयोग, फायदे और बनाने की विधि…..)

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कोको पीट का यूज कैसे करें – How To Use Coco Peat Powder In Gardening In Hindi

होम गार्डन में कोकोपीट का यूज कई तरीके से किया जाता है, जैसे:

  1. बीज से सीडलिंग तैयार करने के लिए ग्रोइंग मीडिया के रूप में कोकोपीट का उपयोग किया जाता है।
  2. गमले की मिट्टी (पॉटिंग मिक्स) तैयार करने में कोकोपीट का उपयोग किया जाता है।
  3. मिट्टी रहित पॉटिंग मिक्स बनाने के लिए कोकोपीट का इस्तेमाल किया जाता है।
  4. कड़क हो चुकी मिट्टी में सुधार करने के लिए कोकोपीट का यूज किया जाता है।
  5. पेड़-पौधों की मल्चिंग करने के लिए भी कोकोपीट का इस्तेमाल किया जाता है।

कोकोपीट का उपयोग कर बीज उगाना – Using Coco Peat For Seed Germination In Hindi

कोकोपीट का उपयोग कर बीज उगाना – Using Coco Peat For Seed Germination In Hindi

आजकल सब्जी, फल, फूल या हर्ब्स के बीजों से पौध (सीडलिंग) तैयार करने के लिए कोकोपीट का उपयोग किया जाने लगा है। कोकोपीट की नमी बनाये रखने की क्षमता से बीजों को उगने में आसानी होती है। कोकोपीट में बीजों को उगाने के लिए:

  1. सबसे पहले सीडलिंग ट्रे लें।
  2. इसके बाद कोकोपीट को सीडलिंग ट्रे के खानों में (Holes) भरें। आप बीजों को अंकुरित करने के लिए कोकोपीट कॉइन का भी यूज कर सकते हैं, इसे बस सीडलिंग ट्रे के खानों में रखकर ऊपर से पानी डालें। इससे कॉइन फूलकर आकार में बड़ा हो जाता है।
  3. अब कोकोपीट में ऊँगली की मदद से छोटा छेद बनाकर बीजों को उचित गहराई में बो (Sow Seeds) दें और बीजों को कोकोपीट से कवर कर दें।
  4. इसके बाद स्प्रे बोतल से बीजों के ऊपर पानी का छिडकाव करें।

(यह भी जानें: सफलतापूर्वक बीजों को अंकुरित करने की जानकारी…..)

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कोकोपीट से सीड स्टार्टिंग मिक्स बनाना – Making Seed Starting Mix With Coco Coir In Hindi

कोकोपीट से सीड स्टार्टिंग मिक्स बनाना – Making Seed Starting Mix With Coco Coir In Hindi

कई बार कुछ बीजों को सीधे गमले में बोया जाता है। ऐसी स्थिति में बीज अंकुरित होने के बाद सीडलिंग की ग्रोथ आगे भी अच्छे से होती रहे, इसके लिए पोषक तत्व से भरपूर पॉटिंग मिक्स में बीजों को लगाने की जरूरत होती है। कोकोपीट में पोषक तत्व नहीं पाए जाते हैं, इसी वजह से पॉटिंग मिक्स बनाने के लिए वर्मीकम्पोस्ट खाद की जरूरत भी होती है। इसके अलावा पर्लाइट और वर्मीकुलाइट मिलाने से पॉटिंग मिक्स और भी पोरस (हवादार) बन जाता है। सीड स्टार्टिंग मिक्स बनाने के लिए:

  1. सबसे पहले एक टब या बड़ा बर्तन लेकर उसमें कोकोपीट और वर्मीकम्पोस्ट को बराबर मात्रा (लगभग 40-40%) में मिला लें।
  2. इसके बाद मिश्रण में 10% पर्लाइट और 10% वर्मीकुलाइट भी मिला लें। इन सभी सामग्रियों को अच्छे से मिक्स करने के बाद आप इसे गमले में भर कर बीजों को लगा सकते हैं।

(यह भी जानें: पॉटिंग सॉइल और पॉटिंग मिक्स में अंतर…..)

कोकोपीट का यूज कर गमले की मिट्टी तैयार करना – Making Potting Soil With Coco Peat In Hindi

कोकोपीट का यूज कर गमले की मिट्टी तैयार करना – Making Potting Soil With Coco Peat In Hindi

आजकल जगह की कमी की वजह से ज्यादातर लोग जमीन की बजाय घर की छत पर गमलों में पौधे लगाते हैं। छत पर गमलों में पौधे उगाते समय थोड़े कम वजन वाले पॉटिंग मिक्स की जरूरत होती है, ताकि छत पर ज्यादा वजन न पड़े। ऐसे में हल्का पॉटिंग मिक्स बनाने के लिए मिट्टी में कोकोपीट को मिलाया जाता है, क्योंकि कोकोपीट का वजन बहुत ही कम होता है। गमले की मिट्टी तैयार करने के लिए मिट्टी और अन्य चीजों को निम्न अनुपात में लें:

  1. मिट्टी 40%,
  2. कोकोपीट 30%
  3. गोबर खाद या वर्मीकम्पोस्ट 30%

इन सभी चीजों को ऊपर बताए गए अनुपात (Ratio) में लेकर अच्छे से मिक्स कर लें। इसके बाद तैयार पॉटिंग मिक्स का उपयोग पौधों को लगाने के लिए कर सकते हैं।

(यह भी जानें: सर्दियों में गार्डन की मिट्टी में सुधार कैसे करें…..)

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कोकोपीट से मिट्टी रहित पॉटिंग मिक्स बनाना – Make Soilless Potting Mix With Coco Peat In Hindi

शहरों में आसानी से मिट्टी न मिल पाने की वजह से लोगों ने बिना मिट्टी के भी पौधे उगाने का तरीका ढूढ़ लिया हैं। इसके लिए मिट्टी रहित पॉटिंग मिक्स (Soilless Media) बनाया जाता है। मिट्टी रहित पॉटिंग मिक्स बनाने के लिए कोकोपीट, पर्लाइट या वर्मीकुलाइट, वर्मीकम्पोस्ट और नीम केक पाउडर की जरूरत होती है। मिट्टी रहित पॉटिंग मिश्रण तैयार करने के लिए:

  1. सबसे पहले एक बड़ा बर्तन लेकर उसमें कोकोपीट (50%) और वर्मीकम्पोस्ट (30%) को लें।
  2. इसके बाद मिश्रण में नीम केक पाउडर (10%) और पर्लाइट या वर्मीकुलाइट (10%) को मिक्स करें। नीम केक मिलाने से मिक्स में फंगस लगने का खतरा नहीं रहता है और पर्लाइट मिलाने से पॉटिंग मिक्स में जल भराव नहीं हो पाता और वायु प्रवाह भी अच्छे से बना रहता है।
  3. सभी चीजों को अच्छे से मिलाने के बाद तैयार पॉटिंग मिक्स को गमलों में भरकर पौधे लगाने के लिए उपयोग कर सकते हैं।

कोकोपीट से पौधों की मल्चिंग करना – Mulching With Cocopeat In Hindi

ऑनलाइन गार्डनिंग साईट पर मल्चिंग मैट या कॉयर मल्च के नाम से डिस्क के जैसी गोल आकार की कोकोपीट बिकती हैं। इसका उपयोग पौधों की मल्चिंग करने के लिए किया जाता है। कोकोपीट मल्चिंग करने से पौधों की मिट्टी में खरपतवार भी नहीं उगती है और गर्मियों के समय मिट्टी में नमी भी बनी रहती है। कोकोपीट कॉयर से भी पौधों की मिट्टी को ढका (मल्चिंग) जा सकता है।

(यह भी जानें: गर्मियों में पौधों की देखभाल कैसे करें…..)

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बगीचे में कोकोपीट का उपयोग – Use Coco Peat In The Garden In Hindi

सीधे बगीचे में बीज या पौधे लगाने से पहले वहां की मिट्टी (रोपण क्षेत्र) की गुड़ाई कर लें और फिर उसमें कुछ मात्रा में कोकोपीट मिला दें। ऐसा करने से मिट्टी कड़क नहीं हो पाती है, उसमें पानी जमा नहीं हो पाता और लगाए जाने वाले पौधों की ग्रोथ भी अच्छे से होती है।

(यह भी जानें: गार्डनिंग टूल्स और उनके उपयोग की जानकारी…..)

कोकोपीट इस्तेमाल करते समय कभी न करें ये गलतियाँ – Avoid These Mistakes While Using Cocopeat In Gardening In Hindi

नारियल की खेती समुद्री इलाके में ज्यादातर होती है, जिस वजह से जब नारियल की छाल से कोकोपीट बनाया जाता है, तब समुद्री पानी का इस्तेमाल किया जाता है। ऐसा करने से कोकोपीट में भी साल्ट (लवण) की मात्रा मिल जाती है। इसी वजह से कोको पीट का उपयोग करने से पहले अच्छे से धोने की सलाह दी जाती है। कोकोपीट का इस्तेमाल करते समय निम्न गलतियों को करने से बचें:

  1. कभी भी कोकोपीट खरीदने के बाद उसे बिना धोये मिट्टी में न मिलाएं। कोकोपीट को बिना धोये मिट्टी में मिला दिया गया, तो इससे पौधे को नुकसान पहुँच सकता है।
  2. कोकोपीट धोने के बाद जो पानी बचता है उसे भी पौधों पर इस्तेमाल बिलकुल न करें, क्योंकि इस पानी में साल्ट (लवण) घुला रहता है, जो पौधों को जला सकता है।

इस पोस्ट में कोकोपीट को गार्डनिंग में इस्तेमाल करने के तरीके के बारे में बताया गया है। उम्मीद करते हैं कोको पीट का इस्तेमाल कैसे करें? आपको इस सवाल का जवाब मिल गया होगा। इस आर्टिकल के बारे में आपकी जो भी राय या सवाल हो उसे कमेन्ट बॉक्स में जरूर लिखें।

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