बारिश के मौसम में फूलों की देखभाल कैसे करें – How To Take Care Of Flowers In Rainy Season In Hindi

अगर आपने बारिश या बरसात के दौरान अपने टेरिस गार्डन के गमलों में फूल वाले पौधे लगा रखे हैं और आप उनमें अच्छी फ्लावरिंग चाहते हैं, तो यह लेख आपके लिए हेल्पफुल साबित हो सकता है। इस आर्टिकल के माध्यम से आप, मानसून गार्डन में फूलों की केयर कैसे करें, के बारे में जानेंगे। बारिश या बरसात के मौसम में फूलों के पौधों की देखभाल कैसे करें, रैनी सीजन फ्लावर प्लांट केयर तथा फूल के पौधों की देखभाल के तरीके जानने के लिए लेख को पूरा पढ़ें। (Flower Plants Care In Monsoon Garden In Hindi)

बरसात में फूलों की देखभाल के टिप्स – Flowers Plant Care In Rainy Season Garden In Hindi

वर्षा का पानी पौधो की ग्रोथ बढ़ाने के लिए फायदेमंद होता है और फूल वाले पौधों में अच्छी फ्लावरिंग होती है, लेकिन यदि तेज बारिश के दौरान पौधों की उचित देखरेख न की जाए, तो ये फूलों के पौधों के लिए नुकसानदायक भी हो सकता है। इस आर्टिकल में हम आपको फूलों के पौधों की देखभाल करने के तरीके के बारे में बताने जा रहें हैं, जिनको अपनाकर आप बारिश के दौरान भी अपने फूलों के पौधों को सुरक्षित रख सकते हैं। आइये जानते हैं, बरसात में फूलों की केयर करने के तरीके के बारे में।

  1. बरसात में फूल के पौधे लगे गमलों को उचित स्थान रखें
  2. पौधे लगे गमले की मिट्टी में खरपतवार नियंत्रित करें
  3. तेज हवाओं से फूलों की रक्षा करें
  4. तेज बारिश से फूलों को बचाने के लिए शेड नेट का करें इस्तेमाल
  5. फ्लावर प्लांट को कीट व रोगों से बचाएं
  6. फूलों की डेड हेडिंग (dead heading) करें
  7. बारिश में फूल के पौधों को समय पर खाद व उर्वरक दें
  8. रैनी सीजन में फूलों के पौधों को पर्याप्त प्रकाश में रखें
  9. फूलों के पौधों को उचित मात्रा में पानी दें
  10. फूल के पौधों को एक दूसरे से उचित दूरी पर लगाएं
  11. पौधों के लिए बारिश का पानी इकट्ठा करें

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फूल वाले पौधों को सहारा दें – Give Support To Flowering Plants During Strong Wind In Hindi

बारिश के सीजन में चलने वाली तेज हवाओं के कारण फूलों के पौधों को कई प्रकार के नुकसान हो सकते हैं, जैसे खिले हुए फूलों का गिरना, शाखाओं का टूटना आदि। इसीलिए जब भी आंधी-तूफ़ान चले तब पौधों की देखभाल के लिए निम्न स्टेप्स को फॉलो करें, जैसे:

  • बेल या लता वाले फूलों के पौधों को लकड़ी के डंडे या क्रीपर नेट से सहारा दें, ताकि तेज हवा के दौरान पौधे सुरक्षित रहें। इसके अलावा भारी पौधों को भी सहारा दें।
  • बरसात के दौरान तेज हवा चले या तूफान आए, तब नाजुक फूलों को घर के अन्दर रख लें। आप तेज हवा चलने के दौरान पोर्टुलाका (Portulaca), ट्यूलिप (Tulip), आर्किड (Orchid) आदि फ्लावर प्लांट को इंडोर रख सकते हैं और जब मौसम साफ हो जाए, तब पौधों को बाहर रखें।
  • इसके अतिरिक्त आप पौधों को हवा और तेज बारिश से बचाने के लिए शेड नेट का इस्तेमाल कर सकते हैं।

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रैनी सीजन में फूल के पौधों को उचित स्थान पर रखें – Keep Flowering Plants In Proper Place In Rain Time In Hindi

रैनी सीजन में फूल के पौधों को उचित स्थान पर रखें - Keep Flowering Plants In Proper Place In Rain Time In Hindi

बरसात के दौरान फूल वाले पौधों को उचित स्थान पर रखने से उनकी केयर करना आसान होता है और फूल के पौधे स्वस्थ बने रहते हैं। आइये जानते हैं, बारिश के दौरान फूलों के पौधों को कहाँ रखना चाहिए।

  • मानसून के दौरान फूल के पौधे लगे गमलों को ऊँचे स्थान पर रखें, ताकि वहां बारिश का पानी एकत्रित न हो।
  • पौधे लगे गमले या ग्रो बैग को ड्रेनेज मेट पर रखें, जिससे अगर पानी गमलो में भर भी जाता है तो वह आसानी से बाहर निकल सके और पौधों में ओवरवाटरिंग न हो।
  • यदि आपके फूलों के पौधे गार्डन की मिट्टी या बड़े पॉट में लगे हैं, जिन्हें दूसरी जगह रखना संभव नहीं हैं तो आप पौधों को तेज बारिश से बचाने के लिए शेड नेट का इस्तेमाल कर सकते हैं। और यदि आपके पौधे छोटे गमले में लगे हैं, जिन्हें आसानी से उठाया जा सकता है, तो आप फ्लावर पॉट को इंडोर भी रख सकते हैं।

नोट – शेड नेट लगाने से पौधों पर बारिश का पानी धीमी बूंदों के रूप में गिरता है, जिससे नाजुक फूलों को कोई नुकसान नहीं होता है।

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बरसात में पौधों को आवश्यकता अनुसार पानी दें – Flowering Plants Need Water In Rainy Season In Hindi

बरसात में पौधों को आवश्यकता अनुसार पानी दें – Flowering Plants Need Water In Rainy Season In Hindi

रैनी सीजन में फूल वाले पौधों को पानी देने की जरूरत नहीं होती है, क्योंकि बारिश से पौधों को पानी मिलता रहता है और साथ ही वातावरण में नमी रहने से पौधे की मिट्टी नम बनी रहती है। अतः इस समय पौधों को पानी देने से बचें, अन्यथा जड़ें गल सकती हैं। आप बरसात के मौसम में पौधों को पानी तब दे सकते हैं, जब बहुत दिनों तक पानी न गिरे और पौधे लगे गमले की मिट्टी 2 इंच की गहराई तक सूखी हो।

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बारिश में फूल वाले पौधों को कीट और रोगों से बचाएं – Control Pest And Disease In Flowering Plants In Rain In Hindi

बारिश में फूल वाले पौधों को कीट और रोगों से बचाएं - Control Pest And Disease In Flowering Plants In Rain In Hindi

मानसून सीजन में कीट जैसे मिली बग, एफिड्स, लीफ हॉपर, स्लग आदि फूलों के पौधों को बुरी तरह से प्रभावित कर सकते हैं। इसीलिए पौधों में लगने वाले इन कीटों से बचाव के लिए एक अच्छे प्रभावी कवकनाशी का इस्तेमाल करें। आप स्लग और स्नेल नामक कीट से बचाव के लिए फूल के पौधे लगे गमले के चारों ओर नमक का छिड़काव कर सकते हैं। इसके अलावा आप कीटों से बचाव के लिए एक लीटर पानी में एक चम्मच नीम तेल मिलाकर घोल को पौधों पर स्प्रे कर सकते हैं। कीटनाशक का स्प्रे करते समय ध्यान रखें कि, मौसम साफ हो अन्यथा बारिश से पौधों पर किया गया स्प्रे धुल सकता है। फूल के पौधे को रोगों से बचाने के लिए पौधे से रोगग्रस्त भागों को हटा दें और संक्रमित भाग पर नीम तेल का स्प्रे करें।

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खरपतवार को नियंत्रित करें – Weed Control In Flower Plants In Rain Season In Hindi

रैनी सीजन गार्डन में फूलों के पौधों के आस-पास खरपतवार ज्यादा उगती है, जिससे पौधों को हानि पहुँचाने वाले कीट यहाँ पर छिप सकते हैं। इसके अतिरिक्त खरपतवार के पौधे हमारे फूलों के पौधों (मुख्य पौधे) के साथ मिट्टी में उपस्थित पोषक तत्वों के लिए प्रतिस्पर्धा करते हैं, फलस्वरूप हमारे पौधों को पोषक तत्व कम मिलने के कारण पौधे खराब होने लगते हैं। इसीलिए इस समय उगने वाली खरपतवार को खुरपा या वीडिंग टूल्स की मदद से निकाल दें। खरपतवार हटाते समय ध्यान रखें कि, फूलों के पौधों की जड़ों को कोई नुकसान न पहुंचे।

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बरसात में फूलों की करें डेड हेडिंग – Deadheading Of Flowers In Rainy Time In Hindi

बरसात में फूलों की करें डेड हेडिंग - Deadheading Of Flowers In Rainy Time In Hindi

बारिश के समय पौधों में नए और अधिक फूल खिलने के लिए पुराने मुरझाये, मृत या डैमेज फूलों को आधार सहित पौधे से हटा दिया जाता है, जिसे फूलों की डेडहेडिंग करना कहते हैं। डेडहेडिंग (deadheading) करने से पौधे की ऊर्जा व्यर्थ नहीं जाती, जिससे पौधों में ज्यादा से ज्यादा फूल खिलते हैं और पौधा सुंदर भी दिखने लगता है।

घर पर गार्डनिंग करने के लिए जरूरी सामग्री यहाँ से खरीदें:

गमले या ग्रो बैग
पॉटिंग मिश्रण
वर्मीकम्पोस्ट
गोबर खाद
प्लांट ग्रोथ प्रमोटर
एप्सम साल्ट
रॉक फॉस्फेट
नीम तेल
क्रीपर नेट
शेड नेट
प्रूनर
स्प्रे पंप
वॉटर केन

फूल वाले पौधों को खाद और उर्वरक दें – Fertilize Flowering Plants In Monsoon Season In Hindi

फूल वाले पौधों को खाद और उर्वरक दें - Fertilize Flowering Plants In Monsoon Season In Hindi

घर पर गमले या गार्डन की मिट्टी में लगे फूलों के पौधों को बारिश शुरू होने से 10-15 दिन पहले जैविक खाद और उर्वरक देना चाहिए, क्योंकि बारिश के पानी से उर्वरक मिट्टी में अच्छे से अवशोषित हो जाते हैं। फूलों के पौधों को जैविक खाद के रूप में आप बोन मील, वर्मी कम्पोस्ट, रॉक फास्फेट, फिश इमल्सन आदि दे सकते हैं। खाद और उर्वरक मिट्टी में थोड़ी गहराई में डालें, ताकि तेज बारिश के पानी से खाद न बहे। इसके अलावा आप पौधों को इस समय लिक्विड खाद भी दे सकते हैं।

(यह भी जानें: बरसात में पौधों की ग्रोथ के लिए बेस्ट ऑर्गेनिक फर्टिलाइजर…)

बारिश के समय फूलों को पर्याप्त रोशनी में रखें – Keep Flower Plants In Bright Light During Rainy Season In Hindi

बारिश के समय फूलों को पर्याप्त रोशनी में रखें - Keep Flower Plants In Bright Light During Rainy Season In Hindi

बरसात के मौसम में फूल वाले पौधों को ऐसी जगह पर रखें, जहाँ उन्हें उचित मात्रा में धूप मिलती रहे। क्योंकि वर्षा ऋतू के दौरान पौधे लगे गमले की मिट्टी में लंबे समय तक नमी बनी रहती है, जिसके कारण फूलों के पौधों में फंगस लगने तथा जड़ें सड़ने का खतरा बढ़ जाता है। इसीलिए बरसात के दौरान जब भी धूप निकले तो पौधों को धूप जरूर दिखाएँ। बरसात में पौधों को पर्याप्त धूप दिखाने से पौधों में रोग आदि लगने का खतरा कम रहता है और प्लांट भी सुरक्षित बने रहते हैं।

(यह भी जानें: बरसात में पौधे क्यों मर जाते हैं, जानें कारण और बचाने के उपाय…)

फूलों के पौधों को उचित दूरी लगाएं – Put Flowering Plants Proper Distance In Garden In Hindi

बरसात के दौरान फ्लावर प्लांट पास-पास लगे होने के कारण उनमें वायु का प्रवाह ठीक से नहीं हो पाता है। फलस्वरूप पौधे की पत्तियां अधिक समय तक गीली रहती हैं, जिससे उनमें कई प्रकार के रोग और कीट लगने लगते हैं। इन सभी समस्याओं से पौधों को बचाने के लिए उन्हें उचित दूरी पर लगाएं। यदि पौधे पहले से ही पास-पास लगे हैं, तो उनके क्षतिग्रस्त या अनावश्यक रूप से बढ़ रहे भागों को प्रून करें, जिससे पौधों में हवा का प्रवाह आसानी से हो सके और फूल के पौधे सुरक्षित रहते हैं।

(यह भी जानें: फ्लावर प्लांट प्रूनिंग क्या है, यह कब और कैसे करें…)

वर्षा का पानी एकत्रित करें – Collect Rain Water For Flower Plant In Hindi

बारिश का पानी सभी पौधों लिए फायदेमंद होता है, इसीलिए बरसात (बारिश) के पानी को एकत्रित कर लें, क्योंकि जब बारिश न हो तब फूल वाले पौधों को पानी दिया जा सके। पौधों को पानी देने के लिए आप वॉटर केन या स्प्रे पंप का इस्तेमाल कर सकते हैं।

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FAQ

प्रश्न (1) क्या बारिश में फूल खराब हो जाते हैं? Do Flowers Get Ruined In The Rain In Hindi?

उत्तर – नहीं, बारिश के दौरान फूल ख़राब नहीं होते हैं, लेकिन तेज बारिश के समय पोर्टुलाका जैसे नाजुक पौधों को छाया में या घर के अन्दर रख लेना चाहिए।

प्रश्न (2) कम देखरेख में भी आसानी से उगाए जाने वाले फूल कौन से हैं?What Is Low Maintenance Flower Plants In Hindi?

उत्तर – गेंदा, पिटुनिया, कनेर, जीनिया आदि फ्लावर प्लांट्स कम देख-रेख में भी आसानी से उग जाते हैं।

निष्कर्ष – Conclusion

उम्मीद करते हैं यह लेख आपको पसंद आया होगा, जिसमें आपने बरसात के दौरान फूलों की देखभाल करने के तरीकों के बारे में जाना। इस लेख से सम्बंधित आपके जो भी सवाल या सुझाव हैं, हमें कमेन्ट करके अवश्य बताएं। गार्डनिंग से रिलेटेड और भी लेख पढ़ने के लिए Organicbazar.net पेज पर जाएं।

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