पौधे लगाने के लिए गमले की मिट्टी कैसे तैयार करें – How To Prepare Soil For Planting In Hindi

गार्डनिंग के अच्छे परिणाम प्राप्त करने के लिए सबसे अधिक उपयोगी चरण है, गुणवत्तापूर्ण  मिट्टी तैयार करना। रोपित पौधों के आधार पर मिट्टी तैयार कर आप पौधों से अच्छी पैदावार प्राप्त कर सकते हैं यदि आप गार्डनिंग या गमले में पौधे लगाने का विचार बना रहें है तो सर्वप्रथम आपको इसके लिए सभी पोषक तत्वों से परिपूर्ण और कीटाणु रहित मिट्टी तैयार करनी होगी। आज हम आपको आर्गेनिक मिट्टी तैयार करने के तरीके के बारे में बातायेगें। इसके साथ ही आप इस लेख में जानेगें कि गार्डनिंग के लिए सबसे अच्छी मिट्टी कौन सी है, आर्गेनिक मिट्टी तैयार करने से पहले क्या करना चाहिए, गमले की मिट्टी तैयार कैसे करें, तथा मिट्टी में आर्गेनिक सामग्री मिलाने के क्या फायदे होते हैं?

जितना अधिक आप अपनी मिट्टी को स्वस्थ रखेंगे, गार्डन उतना ही बेहतर विकसित होगा। मिट्टी तैयार करने के दौरान मिट्टी को पोषक तत्वों से भरपूर बनाना, मिट्टी में पाए जाने वाले लाभकारी जीवों की विविधता (diversity) और संख्या में वृद्धि करना तथा रोगाणुओं को नष्ट करना, इत्यादि पर ध्यान केन्द्रित किया जाता है।

गार्डनिंग के लिए अच्छी मिट्टी कौन सी है? – What Is Good Soil For Gardening In Hindi

गार्डनिंग के लिए अच्छी मिट्टी कौन सी है? - What Is Good Soil For Gardening In Hindi

अच्छी मिट्टी को नम (moist) और वातित (aerated) होना चाहिए। मिट्टी को सभी आवश्यक पोषक तत्वों से भरपूर होना चाहिए। देश के कई हिस्सों में, अच्छी मिट्टी मिलना मुश्किल है, लेकिन हम स्वयं मिट्टी को पौधों के लिए बेहतर बना सकते हैं। इसके लिए मिट्टी में अनेक कुछ अन्य सामग्री को जोड़कर एक नया मिश्रण बनाने की आवश्यकता होती है।

गार्डनिंग के लिए सबसे बेहतर मिट्टी दोमट मिट्टी (loam soil) होती है, दोमट मिट्टी में चिकनी मिट्टी (clay), रेत और गाद (silt) की बराबर मात्रा पाई जाती है, यह गार्डनिंग के लिए सबसे अच्छी मिट्टी माना जाता है। दोमट मिट्टी नमी को बनाये रखती है, उचित जल निकासी भी करती है, पौधों की जड़ों तक वायु प्रवाह सुगम होता है और ह्यूमस (कार्बनिक पदार्थ) से भरपूर होती है।

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गमले की मिट्टी तैयार करने से पहले – Before Soil Preparing In Hindi

  • मिट्टी को उपजाऊ बनाने के लिए पहला कदम है, मिट्टी के स्वास्थ्य का परीक्षण करना, बनावट और मिट्टी के प्रकार को समझना।
  • होम गार्डन की मिट्टी को खरपतवार या पत्तियों से पूरी तरह से साफ़ सुथरा करें। यदि मिट्टी गीली है तो इसे हवा युक्त वातावरण में सूखने दें। मिट्टी आमतौर पर संभालने के लिए बहुत गीली या बहुत सूखी नहीं होनी चाहिए।
  • परीक्षण करने के लिए आप अपनी मुट्ठी में मिट्टी को उठाएं और एक गेंद बनाएं, फिर इसे जमीन पर 3 फीट उंचाई से गिरा दें। यदि यह मिट्टी की गेंद आसानी से टूट जाती है, तो आप मिट्टी को तैयार करने के लिए उपयोग में ला सकते हैं। लेकिन यदि मिट्टी चिपक जाती है तो इसे कुछ दिनों के लिए सूखने दें। जब मिट्टी सूखकर बिखरने लगे तब इसे गमले और गार्डन में पौधे लगाने के लिए तैयार करने के लिए उपयोग में लाया जा सकता है।

मिट्टी तैयार करने से पहले जरूरी टिप्स – Important Tips Before Preparing The Soil In Hindi

  • रेतीली मिट्टी (Sandy soil) पौधों की जड़ों तक भरपूर हवा पहुँचाती है, लेकिन यदि मिट्टी अधिक रेतीली है, तो यह जल्दी अपनी नमी और पोषक तत्वों को खो देती है। अतः यदि आपकी मिट्टी रेतीली है तो इसमें आर्गेनिक खाद जैसे गोबर की खाद, वर्मीकम्पोस्ट मिलाना सुनिश्चित करें।
  • चिकनी मिट्टी (clay soil) रेतीली मिट्टी के विपरीत, अधिक मात्रा में मिट्टी की नमी को बनाये रखती है। चिकनी मिट्टी के महीन कण आपस में चिपक जाते हैं, जिससे जल निकासी और हवा को जड़ों तक पहुंचने के लिए बहुत कम जगह मिलती है। जिससे पौधों की ग्रोथ रुक जाती है और कुछ पौध मर जाते हैं। अतः यदि पौधे लगाने के लिए आपके द्वारा चुनाव की गई मिट्टी चिकनी है तो आप मिट्टी तैयार करते समय इसमें कुछ मात्रा में रेत और आर्गेनिक खाद मिलाएं, ताकि मिट्टी वातित और ढीली हो जाए।
  • दोमट मिट्टी में चिकनी मिट्टी (clay), रेत और गाद (silt) की बराबर मात्रा पाई जाती है, यह गार्डनिंग के लिए सबसे अच्छी मिट्टी मानी जाती है, इसमें ह्यूमस (कार्बनिक पदार्थ) की पर्याप्त मात्रा पायी जाती है।
  • आर्गेनिक खाद मिलाते समय मिट्टी नम होनी चाहिए, लेकिन गीली नहीं।
  • यदि मिट्टी क्षारीय है, तो पीएच कम करने के लिए मिट्टी में सल्फर युक्त यौगिक मिलाएं और यदि मिट्टी अम्लीय है, तो मिट्टी के पीएच को बढ़ाने के लिए चूना या लकड़ी की राख मिलाएं।
  • मिट्टी तैयार करते समय ताजी गोबर खाद का उपयोग न करें, क्योंकि इससे पौधों को नुकसान पहुँच सकता है तथा मिट्टी में रोगाणुओं की संख्या में वृद्धि हो सकती है।

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पौधा रोपण के लिए मिट्टी तैयार कैसे करें – How To Prepare Soil For Planting In Hindi

पौधा रोपण के लिए मिट्टी तैयार कैसे करें - How To Prepare Soil For Planting In Hindi

गमले की मिट्टी को उपजाऊ बनाने के लिए इसे निम्न प्रकार से तैयार किया जाना चाहिए:

मिट्टी तैयार करते समय नाइट्रोजन युक्त खाद डालें – To Prepare The Soil Add Nitrogen Rich Manure In Hindi

  1. मिट्टी की गुणवत्ता में धीरे-धीरे सुधार करने के लिए गमले की मिट्टी के साथ जैविक खाद का उपयोग करने की सलाह दी जाती है, जो नाइट्रोजन का अच्छा स्रोत होती है। जैविक खाद के प्रयोग से मिट्टी में ह्यूमस (humus) की मात्रा और जल धारण क्षमता में वृद्धि होती है। इसके साथ ही यह पौधों को मैक्रो पोषक तत्वों जैसे- एनपीके की आवश्यक मात्रा प्रदान करती है।
  2. पुरानी गोबर खाद (cow dung manure) को सबसे अच्छी जैविक खाद माना जाता है। मिट्टी तैयार करते समय ताजे गोबर के बजाय अच्छी तरह से सड़ी हुई गोबर खाद का उपयोग करना चाहिए। आदर्श जैविक खाद में कोई भी अप्रिय गंध नहीं होती है।
  3. इसके अलावा नाइट्रोजन के अच्छे स्रोत के रूप में आप मिट्टी के साथ अलसी खली पाउडर, बोन मील या नीम केक पाउडर को भी मिला सकते हैं। मिट्टी तियार करते समय मिट्टी और इन आर्गेनिक फ़र्टिलाइज़र का अनुपात 10:1 होना चाहिए।

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गार्डन की मिट्टी तैयार करने के लिए जैविक खाद  मिलाएं – Preparing Soil For Garden, Mix Organic Fertilizers In Hindi

गार्डन की मिट्टी तैयार करने के लिए जैविक खाद  मिलाएं - Preparing Soil For Garden, Mix Organic Fertilizers In Hindi

  1. गार्डनिंग के लिए वर्मी कम्पोस्ट (Vermicompost) खाद बहुत लाभदायक होती है। मिट्टी को उपजाऊ बनाने के लिए पौधे लगाने से पहले मिट्टी में वर्मी कम्पोस्ट का उपयोग करना आवश्यक होता है। वर्मी कम्पोस्ट को केंचुआ खाद भी कहा जाता है जिसमें पौधों के लिए उपयोगी पोषक तत्वों की भरपूर मात्रा और खाद्य अपशिष्ट पाए जाते हैं। इसके आलावा वर्मी कम्पोस्ट मिट्टी को हल्का करता है जिससे पौधों की जड़ों तक हवा का आदान प्रदान होता रहता है। इसके अलावा यह खाद मिट्टी के लिए आवश्यक जीवों जैसे- केंचुआ, के उत्पादन में भी सहायक होती है।
  2. कम्पोस्ट में सड़ी हुई पादप सामग्री होती है। इसलिए रोपण से पहले मिट्टी में ताजा कम्पोस्ट खाद का प्रयोग न करें, क्योंकि इसका इस्तेमाल पौधों को नुकसान पहुंचा सकता है।
  3. मिट्टी को अधिक उपजाऊ बनाने के लिए मिट्टी की 8 इंच मोटी परत पर 3 इंच कार्बनिक पदार्थ की परत बिछाकर अच्छी तरह मिलाएं। यदि मिट्टी चिकनी है तो आप इसमें 2 इंच साफ रेत को भी मिला सकते हैं।

आर्गेनिक मिट्टी तैयार करने के लिए जैविक उर्वरक फायदेमंद – Organic Fertilizer Beneficial For Preparing Organic Soil In Hindi

आर्गेनिक मिट्टी तैयार करने के लिए जैविक उर्वरक फायदेमंद - Organic Fertilizer Beneficial For Preparing Organic Soil In Hindi

मिट्टी में आवश्यक पोषक तत्वों को जोड़ने के लिए आप मिट्टी तैयार करते समय कुछ मात्रा में जैविक उर्वरक का प्रयोग कर सकते हैं। जैविक उर्वरक NPK का अच्छा स्रोत होते हैं। जैविक उर्वरक, रासायनिक उर्वरक की तुलना में धीमी गति से पोषक तत्व  प्रदान करते हैं, जिससे पौधों को जरुरत के हिसाब से पोषक तत्व मिलते जाते हैं और इनके ओवरडोज़ का भी डर नहीं रहता है। मिट्टी तैयार करते समय मिलाये जाने वाले जैविक उर्वरक में शामिल हैं:

आर्गेनिक मिट्टी तैयार करते समय 10 भाग मिट्टी में 1 भाग या इससे कम जैविक उर्वरक का प्रयोग करना लाभदायक होता है।

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मिट्टी तैयार करने के बाद – After Preparing The Soil In Hindi

सभी आवश्यक आर्गेनिक फ़र्टिलाइज़र और जैविक खाद मिलाने के बाद मिट्टी को कुछ सप्ताह के लिए गीली घास या नमी में ढक कर रखें। ऐसा करने से मिट्टी में लाभकारी सूक्ष्मजीव, केंचुए विकसित होगें और मिट्टी पूरी तरह से पोषक तत्वों से भरपूर हो जाएगी, ध्यान रहे मिट्टी तैयार करने के तुरंत बाद पौधा रोपण नहीं करना है।

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मिट्टी में आर्गेनिक सामग्री मिलाने के फायदे – Benefits Of Adding Organic Matter To Soil In Hindi

मिट्टी में आर्गेनिक सामग्री मिलाने से विभिन्न प्रकार के लाभ प्राप्त होते हैं, जैसे:-

  • कार्बनिक पदार्थ कठोर मिट्टी को ढीला और वातित करते हैं, जिससे हवा आसानी से पौधों की जड़ों तक पहुँचती है।
  • नमी को अधिक समय तक बनाए रखने के लिए मिट्टी की जल ग्रहण क्षमता में वृद्धि करते हैं, तथा जल निकासी को सुगम बनाते हैं।
  • सभी आवश्यक पोषक तत्वों को प्रदान करते हैं।
  • मिट्टी के लिए फायदेमंद आवश्यक सूक्ष्म जीवों (जैसे केंचुओं, कवक और लाभकारी बैक्टीरिया) के प्रजनन के लिए अनुकूल होते हैं।
  • आर्गेनिक पदार्थ मिट्टी के ph को संतुलित रखने में मदद करते हैं।
  • कार्बनिक पदार्थ धीमी गति से पोषक तत्वों में परिवर्तित होते हैं, जिसके कारण पौधों के विकास के लिए अन्य उर्वरकों पर निर्भर नहीं रहना पड़ता है।

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