मल्चिंग क्या है? अपने गार्डन को मल्च कैसे करें – What is Mulching? How to Mulch Your Garden in Hindi

सभी गार्डनर्स चाहते हैं कि, वे अपने होमगार्डन में गमलों में लगे हुए पौधों को सदैव हरा-भरा रखें। लेकिन गर्मियों के दौरान खाद व पानी देने के बाद भी अधिकतर गार्डनर्स अपने पौधों को तेज धूप व अधिक गर्मीं से नहीं बचा पाते। इस आर्टिकल में आज हम आपको मल्चिंग से जुड़ी हुई सारी महत्वपूर्ण जानकारी देंगे। मल्चिंग के माध्यम से आप तेज धूप व अधिक गर्मी में भी अपने पौधों को हरा-भरा रख सकते हैं। इस लेख में आप जानेंगे कि, मल्चिंग क्या है? और अपने गार्डन में मिट्टी व पौधों को स्वस्थ रखने के लिए मल्चिंग कैसे करें? अधिक जानकारी के लिए इस आर्टिकल को पूरा पढ़ें।

क्या है मल्चिंग – What is Mulching in Hindi 

मल्च (mulching) एक ऐसी प्रक्रिया है जिसका उपयोग मिट्टी में नमी बनाए रखने, खरपतवारों को दबाने, मिट्टी को ठंडा रखने और सर्दियों में पाले की समस्या से पौधों को सुरक्षित रखने के लिए मल्चिंग की प्रक्रिया को अपनाया जाता है। कार्बनिक मल्च धीरे-धीरे अपघटित होने के कारण ये मिट्टी की संरचना, जल निकासी और पोषक तत्वों को धारण करने की क्षमता में सुधार करने में भी मदद करती है।

मल्चिंग के प्रकार – Type of Mulching in Hindi 

मल्चिंग मुख्य रूप से दो प्रकार की होती है –

  1. कार्बनिक मल्च (Organic mulch)
  2. अकार्बनिक मल्च (Inorganic mulch)

कार्बनिक मल्च – Organic Mulch in Hindi 

कार्बनिक मल्च - Organic Mulch in Hindi 

ऑर्गेनिक मल्च मिट्टी में नमी बनाये रखने व खरपतवार नियंत्रण के साथ-साथ मिट्टी में धीरे-धीरे अपघटित होकर मिट्टी को आवश्यक पोषक तत्व प्रदान करती है। कार्बनिक मल्च धीरे-धीरे अपघटित होने के कारण ये मिट्टी की संरचना, जल निकासी और पोषक तत्वों को धारण करने की क्षमता में सुधार करने में भी मदद करती है। कुछ प्रमुख ऑर्गेनिक मल्च निम्न हैं –

  • घास और पुआल
  • कटी हुई पत्तियां
  • लकड़ी की छीलन या छाल के चिप्स (bark chips)
  • अखवार इत्यादि।

अकार्बनिक मल्च – Inorganic Mulch in Hindi 

अकार्बनिक मल्च भी मिट्टी में नमी बनाए रखने और खरपतवारों को रोकने के लिए उपयुक्त है, लेकिन वे मिट्टी को कोई पोषक तत्व प्रदान नहीं करते हैं। अकार्बनिक मल्च अपघटित नहीं होता, लेकिन जैसे ही प्लास्टिक सड़ता है, यह मिट्टी और पर्यावरण के लिए हानिकारक होता है। कुछ अकार्बनिक मल्च निम्न हैं –

  • प्लास्टिक शीट
  • लैंडस्केप फैब्रिक
  • पत्थर/बजरी

कैसे करें गार्डन को मल्चHow to Mulch Garden in Hindi

मल्चिंग करने के लिए सबसे पहले आप अपने गार्डन की एक बार सफाई कर लें, जिससे कि आपका गार्डन खरपतवार मुक्त हो जाये। इसके बाद आप चुनी हुई मल्च (गीली घास) की 2-3 इंच मोटी परत मिट्टी के ऊपर पौधों के आसपास बिछा दें। गार्डन में खरपतवार अधिक होने के कारण कई बार खरपतवार के विकास को पूरी तरह से रोकने के लिए, आपको गीली घास की 4-6 इंच मोटी परत बिछाने की आवश्यकता हो सकती है।

मल्चिंग कब की जाती है – When to Mulching Garden in Hindi 

वर्ष में मुख्यतः दो समय होते हैं जब गार्डन में सब्जियों, फल व फूलों के पौधों के आसपास मिट्टी में मल्चिंग करना आवश्यक होता है।

  • देर से शरद ऋतु में गार्डन में या आउटडोर लगे पौधों के चारों ओर मल्चिंग करें, ताकि पौधों को ठंडे वातावरण से सुरक्षित रखा जा सके।
  • गर्मियों में पौधों को गर्म वातावरण से बचाने व पौधों में आवश्यक नमी बनाए रखने एवं खरपतवारों के विकास को कम करने के लिए मल्चिंग की जाती है।

(और पढ़ें: पौधे की ग्रोथ के लिए अच्छी मिट्टी….)

गार्डन में मल्च करने के तरीके – Ways to Mulch in the Garden in Hindi 

गार्डन में मल्चिंग की प्रक्रिया कई उद्देश्यों को पूरा करने के लिए अपनाई जा सकती है। जैसे मिट्टी में नमीं बनाए रखना, मिट्टी में पोषक तत्व प्रदान करना और मिट्टी की गुणवत्ता में सुधार करना इत्यादि। लेकिन क्या आप जानते हैं कि, गार्डन में मल्चिंग कई तरीकों से की जा सकती है। आप गार्डन में कार्बनिक मल्चिंग व अकार्बनिक मल्चिंग कर सकते हैं। यह आपके द्वारा गार्डन में उगाए गए पौधों की प्रकृति पर निर्भर करता है। गार्डन में मल्चिंग करने के तरीके निम्न हैं:

कार्बनिक मल्च – Organic Mulch in Hindi

गार्डन में घास और पुआल से करें मल्चिंग – Do Mulching with hay and straw in the Garden in Hindi 

गार्डन में घास और पुआल से करें मल्चिंग - Do Mulching with hay and straw in the Garden in Hindi 

घास या पुआल से अपने गार्डन की मिट्टी पर मल्च करना बहुत ही आसान प्रक्रिया है और यह आसानी से उपलब्ध भी होती है। पुआल और घास धीरे-धीरे सड़ते हैं, जिसके कारण मिट्टी को लंबे समय तक पोषक तत्वों की प्राप्ति हो सकती है व मिट्टी को भी लंबे समय तक नम रखा जा सकता है। इस मल्चिंग का उपयोग मिट्टी जनित रोगों को पौधे के निचले हिस्से में फैलने से रोकने के लिए भी किया जाता है।

कटी हुई पत्तियों से करें गार्डन की मिट्टी में मल्च – Mulch in the Garden Soil with chopped Leaves in Hindi 

कटी हुई पत्तियों से करें गार्डन की मिट्टी में मल्च - Mulch in the Garden Soil with chopped Leaves in Hindi 

अगर आपके घर में पहले से ही हरा-भरा गार्डन है तो पत्तियों से मल्च करना आपके लिए आसान हो सकता है। पतझड़ मे बड़ी संख्या मे पेड़ों से पत्तियाँ गिरती हैं, जिनका इस्तेमाल आप ठंड के मौसम मे गार्डन में मल्च के रूप में कर सकते हैं।

(और पढ़ें: गर्मियों में पौधों को कब और कैसे दें पानी…)

पेपर कटिंग से करें गार्डन में मल्चिंग – Mulching in the Garden with paper Cutting in Hindi 

आजकल मल्चिंग के लिए अनेक युक्तियाँ उपलब्ध हैं जिनसे आप गार्डन की मिट्टी में मल्च कर सकते हैं, इन्ही में से एक है पेपर कटिंग। अगर आपके पास मल्चिंग के लिए घास, पुआल, पत्तियां इत्यादि उपलब्ध नहीं हैं तो आप अखबार (Newspaper) या कार्ड बोर्ड की कटिंग से अपने गार्डन की मिट्टी पर मल्च कर सकते हैं। इसके अलावा आप अपने गार्डन में ऑर्गेनिक मल्च के रूप में पेड़ की छाल, घास की कतरनें, कोको कॉयर, लकड़ी के छोटे-छोटे टुकड़े इत्यादि का भी उपयोग कर सकते हैं। जिससे आपके गार्डन की मिट्टी में नमी बनी रहे तथा आपके गार्डन की मिट्टी पोषक तत्वों से भरपूर रहे।

अकार्बनिक मल्च – Inorganic mulch in hindi

प्लास्टिक मल्चिंग का उपयोग – Use of plastic Mulching in Hindi 

प्लास्टिक मल्चिंग का उपयोग - Use of plastic Mulching in Hindi 

इस अकार्बनिक मल्च का उपयोग वसंत ऋतु में मिट्टी को गर्म करने के लिए किया जाता है। प्लास्टिक मे समान दूरी पर छेद करके बीज लगाया जाता है और ड्रिप इरीगेशन (drip irrigation) से पानी दिया जाता है। यह पारगम्य नहीं है इसलिए इसे पानी देना अधिक कठिन है। गर्मियों के समय इसके उपयोग से बचें, क्योंकि यह सूर्य के प्रकाश के संपर्क में आने पर टूट जाता है और प्लास्टिक के नीचे की मिट्टी गर्मियों में बहुत गर्म हो जाती है जिससे आपके पौधों को नुकसान हो सकता है।

नोट – प्लास्टिक मल्च का उपयोग खरपतवार अवरोधक के रूप में नहीं किया जाना चाहिए। क्योंकि यह हवा, पानी या पोषक तत्वों को मिट्टी में प्रवेश करने की अनुमति नहीं देता है।

(और पढ़ें: सब्जियों के लिए बेस्ट जैविक खाद और उर्वरक…)

लैंडस्केप फैब्रिक मल्चिंग – Landscape fabric Mulching in Hindi 

लैंडस्केप फैब्रिक मल्चिंग हवा, उर्वरक और पानी को मिट्टी में ले जाने की अनुमति देते हुए, मिट्टी को खरपतवार मुक्त बनाता है। लैंडस्केप फैब्रिक मल्चिंग मिट्टी की नमी बनाए रखने में भी मदद करते हैं।

पत्थर/बजरी से करें गार्डन को मल्च – Mulch the Garden with Stone/Gravel in Hindi

पत्थर/बजरी से करें गार्डन को मल्च - Mulch the Garden with Stone/Gravel in Hindi

कुचले हुए पत्थर, बजरी, संगमरमर या ईंट के छोटे-छोटे टुकड़े पौधों के चारों ओर एक स्थायी मल्च का काम करते हैं। लेकिन खरपतवार अभी भी पत्थरों में अपना रास्ता बना सकते हैं। पत्थर या बजरी का उपयोग मल्च के रूप में करने से पहले लैंडस्केप फैब्रिक का इस्तेमाल खरपतवार रोकने में मदद कर सकता है।

मल्चिंग के लाभ – Benefits of Mulching in Hindi

  1. सूर्य प्रकाश को मिट्टी की सतह तक पहुंचने से रोककर खरपतवार की वृद्धि को कम करता है।
  2. गमले या ग्रो बैग की मिट्टी में नमी बनाए रखने में मदद मिलती है।
  3. मिट्टी के तापमान को नियंत्रित करता है, ठंडी रातों में इसे गर्म रखता है और गर्म दिनों में ठंडा रखता है।
  4. मिट्टी की रक्षा करता है और मिट्टी के संघनन को कम करता है।
  5. सर्दियों के जमने, पाला व ठण्डी हवाओं की कठोर परिस्थितियों से पौधों की रक्षा करता है।
  6. मिट्टी की संरचना और रेतीली मिट्टी की नमी धारण क्षमता में सुधार करता है।
  7. पौधों के स्वास्थ्य और वृद्धि में सुधार करता है। साथ ही पौधों को हरा-भरा रखने में मदद करता है।
  8. मल्चिंग गार्डन को सुन्दर व आकर्षक बनाता है।

(और पढ़ें: गर्मियों के मौसम में घर पर लगाए जाने वाले फल…)

मल्चिंग के नुकसान – Disadvantages of Mulching in Hindi

वैसे तो मल्चिंग के उपयोग से आपके गार्डन की मिट्टी व पौधों को कई लाभ होते हैं, लेकिन कुछ कंडीशन में मल्चिंग का उपयोग आपके गार्डन के लिए हानिकारक हो सकता है। आइये जानते हैं मल्चिंग से कौन-कौन से नुकसान होते हैं।

  • बहुत अधिक मल्च (3 इंच से अधिक गहरी परत) के उपयोग से पानी और ऑक्सीजन पौधों की जड़ों तक नहीं पहुंच पाता है, फलस्वरूप यह आपके पौधों को नष्ट कर सकता है। ध्यान रखें कि, 2-3 इंच से अधिक मोटी मल्च की परत न बिछाएं।
  • पौधे के तनों के पास मल्च करने से हानिकारक कीट उत्पन्न हो सकते हैं, जो आपके पौधों को नुकसान पहुंचा सकते हैं। ध्यान रखें कि, पौधों के तनों से कुछ दूरी पर मल्च करें।
  • यदि ठीक से मल्च न की जाये तो यह गर्मियों व ठण्ड के समय आपके पौधों को वातावरण से होने वाले नुकसान से बचा नहीं पाएगी। ध्यान रखें कि आप मल्चिंग प्रक्रिया सावधानी पूर्वक करें।

(और पढ़ें: गर्मियों के समय पौधों को समर हीट से कैसे बचाएं…)

निष्कर्ष – Conclusion 

इस आर्टिकल में आपने जाना कि, मल्चिंग कितने प्रकार की होती है?, मल्चिंग करने का सही समय क्या है? तथा मल्चिंग से आपके पौधों को होने वाले फायदे व नुकसान क्या हैं? उम्मीद है कि, आपको हमारी पोस्ट अच्छी लगी होगी। हमारी और भी उपयोगी पोस्ट पढ़ने के लिए Organicbazar.net पर विजिट करें।

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