चुकंदर को घर पर कैसे उगाएं – How to grow beetroot at home in Hindi

चुकंदर मुख्य रूप से ठंडे मौसम की फसल है, इसलिए इसे पूरे मैदानी इलाकों में सर्दियों के समय उगाया जाता है। चुकंदर, जिसे बीट्स (Beats) या बीटा वल्गैरिस (beta vulgaris) के नाम से भी जाना जाता है। चुकंदर एंटीऑक्सिडेंट से भरपूर एक स्वादिष्ट और स्वस्थ सब्जी है। यह वास्तव में एंटीऑक्सिडेंट का स्रोत है फाइबर में उच्च और विटामिन ए और विटामिन सी से भरपूर, इसमें अन्य सब्जी की तुलना में अधिक आयरन (Fe) होता है। यह चेनोपोडियासियस (chenopodiaceae family) से ताल्लुक रखता है। यदि आप अपने घर पर स्वास्थ्यवर्धक सब्जी उगाने का विचार बना रहे हैं, तो चुकंदर बेस्ट सब्जी है जिसे आप आसान तरीके से घर के किचन गार्डन में या गमले में उगा सकते हैं। घर पर चुकंदर उगाने से संबंधित अधिक जानकारी के लिए इस लेख को पूरा पढ़ें।

चुकंदर उगाने से संबंधित जानकारी – Beetroot growing conditions in Hindi

चुकंदर उगाने से संबंधित जानकारी - Beetroot growing conditions in Hindi

  • बुवाई का मौसम (beetroot sowing season) – बरसात के मौसम में जून से अक्टूबर और सर्दियों के मौसम में अक्टूबर से फरवरी माह के मध्य कभी भी चुकंदर की बुआई की जा सकती है।
  • बुवाई का तरीका (beetroot sowing method) – बीजों को 0.5 इंच गहरी सीडलिंग ट्रे या कंटेनर या गमले की मिट्टी में बोएं।
  • अंकुरण का समय (beetroot seed germination time) – बुवाई से लगभग 6 से 8 दिन में बीज अंकुरित हो जाते हैं।
  • कटाई (beetroot harvesting time) – 8 से 12 सप्ताह या 2 से 3 माह में चुकंदर खुदाई के लिए तैयार हो जाती है।

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गमले में चुकंदर उगाने के लिए मौसम – Beetroot growing weather in Hindi

चुकंदर ठंडे मौसम की सब्जी है। ठंडे तापमान में चुकंदर अच्छी तरह ग्रो करता है और अत्यधिक ठंडे मौसम में भी जीवित रह सकता है। चुकंदर की कई अलग-अलग किस्में होती हैं जो बहुत जल्दी बढ़ती है। आप पूरे बरसात और ठण्ड के दौरान कभी भी चुकंदर के बीज की बुआई कर सकते हैं।

(और पढ़ें: चुकंदर के बीज कैसे उगाएं…)

चुकंदर के लिए सबसे अच्छी मिट्टी – Best soil for growing beets in Hindi

चुकंदर के लिए सबसे अच्छी मिट्टी - Best soil for growing beets in Hindi

चुकंदर को अलग-अलग प्रकार की मिट्टी पर उगाया जा सकता है, लेकिन इसकी अच्छी ग्रोथ के लिए दोमट और रेतीली मिट्टी को सबसे अच्छा माना जाता है। क्योंकि इस प्रकार की मिट्टी वायु संचरण और उचित जल निकासी युक्त होती है। दोमट मिट्टी खासकर जड़ वाली सब्जियों के लिए अत्यधिक उपजाऊ होती है। इसमें लगभग 40% सिल्ट, 20% चिकनी मिट्टी तथा शेष 40% बालू होता है। मिट्टी में पानी तथा वायु के प्रवेश हेतु अधिक छिद्रित होने के कारण फसलों के उत्पादन में वृद्धि होती है। ऐसी मिट्टी अपने कुल भार का 50% पानी रोकने की क्षमता रखती है। इस मिट्टी में पोषक तत्व की मात्रा भी अधिक होती है।

बीटरूट या चुकंदर की खेती के लिए मिट्टी का पीएच स्तर 6.3 और 7.5 के बीच सबसे उपयुक्त माना जाता है। चुकंदर को उदासीन, नम और उपजाऊ मिट्टी में उगाया जा सकता है। यदि इसे जमीन पर लगाना चाहते हैं, तो ऐसी जगह का चयन करें, जहां पर्याप्त धूप हो और चुकंदर उगाने के लिए पर्याप्त जगह हो। आप चुकंदर या अन्य जड़ वाली सब्जियों को लगाने के लिए आसान तरीकों से उपजाऊ मिट्टी तैयार कर सकते हैं।

(और पढ़ें: पौधे लगाने के लिए गमले की मिट्टी कैसे तैयार करें…)

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चुकंदर को गमले में लगाने का तरीका – Best way to grow beetroot in pot in Hindi

बीट्स या चुकंदर के बीजों पर एक ठोस बाहरी परत होती है, इसलिए उन्हें लगाने से पहले रात को पानी में भिगोकर रखना बेहतर होता है। इससे बीज का आवरण नरम होगा और अंकुरण तेजी से होगा। गार्डन में चुकंदर लगाने के दो तरीके हैं;

मिट्टी या पॉटिंग मिश्रण में चुकंदर के बीजों को लगभग 1.5 से 2 सेंटीमीटर गहराई पर लगाया जाना चाहिए। अंकुरण दर में तेजी लाने के लिए बीजों को सीडलिंग ट्रे या गमले में बोए या फिर बीज बोये गए गमले को छिद्रयुक्त प्लास्टिक कवर से ढक दें। ध्यान रखें चुकंदर के प्रत्येक पौधे के बीच 5 से 10 सेमी की दूरी होनी चाहिए। अतः एक साथ बीजों को अंकुरित करने के बाद पौधों को अलग गमले या ग्रो बैग में सावधानीपूर्वक निश्चित दूरी पर रोपें।

(और पढ़ें: जड़ वाली सब्जियों के नाम और उगाने से सम्बंधित जानकारी…)

चुकंदर उगाने के लिए ग्रो बैग का साइज़ – Size of grow bag for growing beetroot in Hindi

चुकंदर उगाने के लिए ग्रो बैग का साइज़ - Size of grow bag for growing beetroot in Hindi

घर पर चुकंदर को लगाने के लिए आप निम्न साइज़ के ग्रो बैग या गमले का चयन कर सकते हैं, जैसे:

(और पढ़ें: रेक्टेंगुलर ग्रो बैग और उगाई जाने वाली सब्जियों की जानकारी…)

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घर पर चुकंदर के पौधे की देखभाल कैसे करें – How to take care beet plant at home in Hindi

यदि आप घर पर गमले में चुकंदर उगा रहे हैं तो चुकंदर के उच्च उत्पादन के लिए आप निम्न देखभाल संबंधी जानकारी को ध्यान में रखें, जैसे:-

चुकंदर को पानी देने का सही समयHow much water does beetroot need in Hindi

यह सुनिश्चित करने के लिए कि चुकंदर कोमल और रसदार हो, तो इसके लिए आपको पौधे लगे गमले की मिट्टी में नियमित रूप से उचित मात्रा में पानी देना होगा। जब तक बीज अंकुरित न हो जाएं, मिट्टी को नम बनाए रखें, अधिक पानी न डालें। बीज अंकुरित होने के बाद पहले महीने में नियमित रूप से पानी दें और इसे सूखने से रोकें। पानी देने के लिए वाटर कैन या स्प्रे बोतल को प्रयोग में लायें।

(और पढ़ें: यह संकेत बताएंगे, पौधों को नहीं मिल रहा पर्याप्त पानी…)

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चुकंदर ग्रो करने के लिए आवश्यक तापमान – Beetroot growing temperature in Hindi

चुकंदर 18-25°C तापमान वाली मिट्टी में सबसे अच्छी तरह विकसित होता है। यह गर्म तापमान के लिए अत्यधिक  संवेदनशील है। 27°C या इससे अधिक तापमान चुकंदर में संभावित रूप से बोल्टिंग (bolting), खराब रंग और खराब जड़ के आकार का कारण बनता है। मिट्टी का उच्च तापमान भी डंपिंग ऑफ (damping off) बीमारियों के साथ समस्याओं को बढ़ाता है।

कम तापमान (5°C या उससे कम) के साथ चुकंदर को ग्रो करने से पोषक तत्वों के विकारों जैसे बोरॉन की कमी के साथ-साथ कैल्शियम की कमी से सम्बंधित बीमारियाँ उत्पन्न होती हैं, जिसके परिणामस्वरुप चुकंदर विकसित नहीं हो पाता है।

घर पर चुकंदर लगाने के लिए सूर्य प्रकाश – Sunlight for planting beetroot at home in Hindi

बीटरूट या चुकंदर को कंटेनर या गमले में उगाना बहुत आसान है। चुकंदर के पौधे को विकसित या उगने के लिए रोजाना 6 से 8 घंटे धूप की जरूरत होती है। हालांकि, यह आंशिक छाया में भी ग्रो कर सकता है।

(और पढ़ें: सर्दियों में खिलने वाले फूलों की जानकारी…)

चुकंदर के लिए आवश्यक उर्वरक – Best fertilizer for growing beetroot in Hindi

चुकंदर के लिए आवश्यक उर्वरक - Best fertilizer for growing beetroot in Hindi

मिट्टी में पोषक तत्वों की संतुलित आपूर्ति स्वादिष्ट चुकंदर और अच्छी गुणवत्ता वाली पत्तियों का उत्पादन करने में मदद करेगी। इसके अलावा आप महीने में 1 या 2 बार चुकंदर लगे गमले की मिट्टी में तरल (liquid) उर्वरक डालें। इसके अलावा आप इसमें गोबर की खाद का उपयोग भी कर सकते है। आमतौर पर जड़ वृद्धि को प्रोत्साहित करने के लिए फॉस्फोरस और पोटेशियम में उच्च जैविक उर्वरकों का प्रयोग किया जाना चाहिए। चुकंदर की अच्छी ग्रोथ के लिए कुछ आवश्यक उर्वरक निम्न हैं:

मिट्टी में पोटाश (Potash) की उचित मात्रा मिलाने के लिए आप लकड़ी की राख को खाद के रूप में इस्तेमाल कर सकते हैं, जो कि स्वस्थ जड़ विकास के लिए फायदेमंद होता है। ध्यान रखें नाइट्रोजन युक्त उर्वरक का प्रयोग पौधे की पत्तियों के उत्पादन के लिए बेहतर होता है, जबकि फॉस्फोरस पौधे की जड़ वृद्धि को प्रोत्साहित करता है। यदि आप चुकंदर उत्पादन में वृद्धि करना चाहते हैं तो इसके लिए फॉस्फोरस युक्त उर्वरक का प्रयोग करें।

(और पढ़ें: महत्वपूर्ण जैविक उर्वरक और उनका एनपीके अनुपात..)

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चुकंदर में होने वाले रोग – Beetroot diseases in Hindi

चुकंदर की फसल में लीफ स्पॉट (leaf spot) सबसे आम बीमारी है, जो एक विशिष्ट स्पोटिंग का कारण बनती है जिसे बहुत आसानी से पहचाना जा सकता है। यह रोग गर्म और अत्यधिक गीली मिट्टी के परिणामस्वरुप उत्पन्न होता है। रूट-नॉट नेमाटोड (Root-knot nematodes) जड़ो पर गॉल (galls) या सूजन का कारण बनते हैं। मुख्य जड़ विकृत होने के साथ, इससे अत्यधिक प्रभावित पौधे आमतौर पर छोटे होते है।

(और पढ़ें: सब्जियों के रोग और उनका नियंत्रण…)

चुकंदर की हार्वेस्टिंग – Beetroot harvesting in Hindi

चुकंदर की कटाई - Beetroot harvesting in Hindi

घर पर चुकंदर को लगाने के लगभग 2 से 3 महीने बाद के समय को चुकंदर की कटाई के लिए सबसे अच्छा समय तब होता है। जब चुकंदर के कंद छोटे हो तब इनकी खुदाई करना फायदेमंद होता है, क्योंकि चुकंदर जितने बड़े होते हैं, उतने ही सख्त होते जाते हैं, और मिठास भी कम होती जाती है।

चुकंदर की कटाई या हार्वेस्टिंग करने का सबसे अच्छा तरीका यह है कि सबसे पहले चुकंदर के चारों ओर की मिट्टी को ढीला करें और फिर पौधों को तब तक खींचे जब तक कि वह मिट्टी से अलग न हो जाए। अतः चुकंदर को खोदकर निकालने के लिए आप खुदाई वाले गार्डनिंग टूल्स का इस्तेमाल कर सकते हैं।

(और पढ़ें: गार्डनिंग टूल्स और उनके उपयोग की जानकारी…)

चुकंदर के फायदे Health Benefits of Beets in Hindi

  • हृदय को स्वस्थ रखने के लिए अच्छा है (Good For Heart)
  • रक्तचाप को नियंत्रित करने या कम करने में मदद करता है (Lowers Blood Pressure)
  • कैंसर को बढ़ने से रोकने में मदद करता है (Helps Prevent Cancer)
  • लीवर को मजबूत बनाता है (Good For Liver)
  • सूजन से लड़ता है तथा आंतरिक सूजन को कम करने में मदद करता है (Fights Inflammation)
  • ऊर्जा के स्तर को बढ़ाता है (Boosts Energy Levels)
  • ब्लड शुगर को नियंत्रित करता है (Controls Blood Sugar)
  • मस्तिष्क स्वास्थ्य को बढ़ावा देता है (Promotes Brain Health)

चुकंदर उगाने से संबंधित मुख्य तथ्य – Beetroot growing fact in Hindi

  • चुकंदर के बीजों को बसंत की अंतिम ठण्ड से लगभग 3 सप्ताह पहले बोएं।
  • बीटरूट या चुकंदर की फसल 50 से 60 दिन में तैयार हो जाती है।
  • चुकंदर के पौधों को बढ़ने के लिए कार्बनिक पदार्थों से भरपूर मिट्टी के साथ धूप वाले स्थान की आवश्यकता होती है।
  • तेजी से अंकुरण के लिए, चुकंदर के बीजों को बोने से पहले कुछ समय के लिए पानी में भीगनें के लिए रख दें।
  • चुकंदर के बीजों को अंकुरित होने में लगभग 2 सप्ताह तक का समय लगता है।
  • अगर चुकंदर के पत्ते पीले हो रहे हैं ,तो इसका मतलब कि मिट्टी में पोषक तत्वों की कमी है।

(और पढ़ें: जानें अच्छे अंकुरण के लिए बीज बोने की उचित गहराई…)

चुकंदर के बीज कहां से खरीदें – Where To Buy Beetroot Seeds In Hindi

चुकंदर के बीज कहां से खरीदें - Where To Buy Beetroot Seeds In Hindi

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(और पढ़ें: गार्डन का सामान कहाँ से खरीदें…)

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