डाउनी मिल्ड्यू रोग क्या है, जानिए लक्षण, कारण और नियंत्रण के उपाय – Downy Mildew Disease In Plants In Hindi 

आमतौर पर गार्डन के पौधे विभिन्न रोगों से संक्रमित होते हैं, जो उनकी ग्रोथ और उपजाऊ क्षमता को प्रभावित कर सकते हैं। इन रोगों में से एक है- डाउनी मिल्ड्यू रोग, इसे कोमल फफूंदी भी कहा जाता है। यह एक फंगल रोग है, जिसके प्रभाव से सब्जियों, फलों, फूलों और सजावटी पौधों जैसे सभी पौधे संक्रमित हो सकते हैं। हालाँकि कुछ बचाव के तरीकों को अपनाकर इस फंगस रोग से छुटकारा पाया जा सकता है, लेकिन पौधों को डाउनी मिल्ड्यू से बचाने के उपाय जानने से पहले उसकी पहचान करना जरूरी है। आज इस लेख में हम पौधों में डाउनी मिल्ड्यू रोग के कारण, लक्षण और नियंत्रण के उपायों पर चर्चा करेंगे। डाउनी मिल्ड्यू या कोमल फफूंदी क्या है, पौधों को डाउनी मिल्ड्यू बीमारी से कैसे बचाएं? जानने के लिए आर्टिकल को पूरा पढ़ें। (Downy Mildew Disease Symptoms And Their Control in hindi)

डाउनी मिल्ड्यू रोग क्या है – What Is Downy Mildew Disease In Hindi 

डाउनी मिल्ड्यू रोग क्या है - What Is Downy Mildew Disease In Hindi 

कोमल फफूंदी पौधों में होने वाला एक फंगल रोग है, जो पेरोनोस्पोरेसी (Peronosporaceae) परिवार से संबंधित कवक के कारण होता है। यह रोग लगातार नम स्थितियों में पनपता है, जो हवा और पानी के माध्यम से लंबी दूरी तक फैल सकता है। डाउनी मिल्ड्यू सबसे पहले पौधों की पत्तियों को प्रभावित करता है और संक्रमण बढ़ने पर यह पूरे पौधे और फलों को भी प्रभावित करने लगता है। इस रोग के प्रभाव से पौधे की ग्रोथ और उत्पादन क्षमता प्रभावित हो सकती है।

(यह भी जानें: जानिए किन-किन कारणों से लग सकती है पौधों में फंगस….)

पौधों में डाउनी मिल्ड्यू रोग के लक्षण – Symptoms Of Downy Mildew Disease In Plants In Hindi

पौधों में डाउनी मिल्ड्यू रोग के लक्षण - Symptoms Of Downy Mildew Disease In Plants In Hindi

होम गार्डन के पौधों में डाउनी मिल्ड्यू रोग की पहचान करने के तरीके निम्न हैं:-

  • डाउनी मिल्ड्यू रोग से संक्रमित पौधों की पत्तियाँ पीली पड़ने लगती हैं।
  • संक्रमित पत्तियों की ऊपरी सतह पर पीले या ब्राउन रंग के धब्बे दिखाई देने लगते हैं।
  • पत्तियों की निचली सतह पर सफ़ेद या स्लेटी रंग की फंगस दिखाई दे सकती है।
  • संक्रमित पौधों की वृद्धि रुक जाती है और उत्पादन क्षमता कम हो जाती है।
  • संक्रमण फैलने से पौधों की पत्तियाँ मुरझा जाती हैं और अंततः पौधा मर भी सकता है।

(यह भी जानें: पौधों में होने वाले सामान्य रोग और उनकी रोकथाम….)

पौधों में डाउनी मिल्ड्यू रोग होने के कारण – Causes Of Downy Mildew Disease In Plants In Hindi

आमतौर पर यह फंगस रोग नमी की अधिकता के कारण होता है, लेकिन इसके अलावा और भी बहुत से कारण हैं, जो इसे बढ़ने के लिए अनुकूल स्थितियां प्रदान करते हैं, इनकी जानकारी आपको लेख में आगे मिलेगी। पौधों में कोमल फफूंदी रोग लगने के कारण कुछ इस प्रकार है:-

  • पौधों को अत्यधिक पानी देने से नमी की स्थिति पैदा हो सकती है।
  • लगातार बारिश के पानी में पत्तियों के गीले होने से फंगस लग सकती है।
  • गार्डन में बहुत पास-पास पौधे लगे होने के कारण उमस की स्थिति बनती है।
  • खराब वायु परिसंचरण की वजह से यह रोग हो सकता है।
  • पौधों को पानी देते समय पत्तियां गीली होने से फंगस लग सकती है।
  • पौधे में पोषक तत्वों की कमी या कीट संक्रमण के कारण भी यह रोग हो सकता है।
  • मौसम में अचानक से होने वाला बदलाव इस फंगल रोग का कारण बन सकता है।

गार्डन के पौधों में डाउनी मिल्ड्यू के कारण और लक्षण जानने के बाद अब हम जानेंगे कि- पौधों को डाउनी मिल्ड्यू रोग से कैसे बचाएं?

 

पौधों को डाउनी मिल्ड्यू रोग से बचाने के उपाय – Ways To Protect Plants From Downy Mildew Disease In Hindi 

गमले में लगे पौधों को डाउनी मिल्ड्यू रोग से बचाने के लिए आप निम्न उपायों को अपना सकते हैं:-

(यह भी जानें: पौधों की कटाई छटाई के काम को बनाएं आसान, करें इन प्रूनिंग टूल्स का इस्तेमाल…)

डाउनी मिल्ड्यू रोग की रोकथाम के उपाय – How To Control Downy Mildew Disease In Plants In Hindi 

डाउनी मिल्ड्यू रोग की रोकथाम के उपाय - How To Control Downy Mildew Disease In Plants In Hindi 

यदि आपके गार्डन के पौधों में डाउनी मिल्ड्यू रोग के लक्षण दिखाई देते हैं, तो आप इस डाउनी मिल्ड्यू रोग का नियंत्रण या बीमारी की रोकथाम के लिए निम्न तरीके अपना सकते हैं:-

  • सबसे पहले पौधे के संक्रमित हिस्से को काट कर गार्डन से हटा दें, इसे खाद के ढेर में न मिलाएं, इसमें कवक कई वर्षों तक जीवित रह सकती है।
  • संक्रमित हिस्से की प्रूनिंग करते समय प्रत्येक कट के बाद प्रूनर को कीटाणुरहित कर लें, इससे संक्रमण का ख़तरा कम होगा।
  • मिल्ड्यू रोग से प्रभावित पौधे को अन्य पौधों से दूर रखें।
  • पौधों पर जैविक फंगीसाइड नीम तेल का स्प्रे करें।
  • यदि संक्रमण बहुत अधिक हो गया है, तो पौधे को गमले या गार्डन से उखाड़कर अलग करना बेहतर है।

(नोट:- किसी भी कवकनाशी का प्रयोग करने से पहले ध्यान रहे, कि उपयोग उचित मात्रा में अर्थात पैकेजिंग पर दिए गए निर्देशों के अनुसार करें।)

(यह भी जानें: नीम तेल और कॉपर कवकनाशी में से कौन है बेहतर….)

इस लेख में आपने पौधे में होने वाला डाउनी मिल्ड्यू रोग की सम्पूर्ण जानकारी प्राप्त की, तथा आपने यह भी जाना कि पौधों को डाउनी मिल्ड्यू से कैसे बचाएं? उम्मीद है लेख की मदद से आप अपने गार्डन के पौधों को स्वस्थ रख पायें, लेख के संबंध में आपके जो भी सुझाव हैं हमे कमेंट करके जरूर बताएं।

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