ऐसे करेंगे गुलदाउदी की देखभाल, तो खिलेंगे ढेरों फूल – Chrysanthemum Plant Care Tips In Hindi

आज कल शायद ही कोई गार्डन गुलदाउदी या मम्स फ्लावर (Mums flower) के बिना बेहद सुन्दर दिखता होगा। गुलदाउदी के कलरफुल फूल इतने सुंदर और आकर्षक होते हैं, कि इन्हें सभी लोग अपने होम गार्डन या बालकनी में लगाना पसंद करते हैं। ग्रीष्म ऋतु से शरद ऋतु तक जब गार्डन के अधिकांश फूल खिलना बंद हो जाते हैं, तब यह फूल, सर्दियों में हमारे गार्डन में चार चाँद लगा देते हैं। अक्सर देखा गया है, कि गुलदाउदी के कुछ पौधे में अधिक फूल खिलते हैं, तो कुछ में बहुत ही कम या नाम मात्र के फूल खिलते हैं, ऐसा पौधों की प्रॉपर केयर न होने के कारण हो सकता है। आज इस लेख में हम बात करेंगे, सर्दियों में बड़े फूल पाने के लिए गुलदाउदी के पौधे की देखभाल कैसे करें, गुलदाउदी प्लांट केयर टिप्स के बारे में जानने के लिए आर्टिकल को पूरा पढ़ें।

गुलदाउदी प्लांट केयर टिप्स – Care Tips Of Chrysanthemum Plant In Hindi

अच्छी ग्रोथ तथा अधिक फूल पाने के लिए गुलदाउदी की देखभाल की टिप्स निम्न हैं:-

गमला या ग्रो बैग – Best Pot For Growing Chrysanthemum Plant In Hindi

गमला या ग्रो बैग - Best Pot For Growing Chrysanthemum Plant In Hindi

आमतौर पर गुलदाउदी फूल के पौधे को अच्छी तरह विकसित होने के लिए कम से कम 12 इंच समान लंबाई व चौड़ाई वाला पॉट उचित होता है। यदि आपने गुलदाउदी के पौधे को एक छोटे पॉट में ग्रो किया है, तो जड़ों को पर्याप्त सहारा देने और अच्छी तरह विकसित करने के लिए लगभग 12 इंच या इससे कुछ बड़े साइज़ के, ड्रेनेज होल्स युक्त गमले में रिपॉट करना होगा।

(यह भी जानें: फूल वाले पौधे लगाने के लिए ग्रो बैग का साइज…..)

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सूर्य का प्रकाश – Sunlight For Better Growth Of Chrysanthemum Plant In Hindi

सूर्य का प्रकाश - Sunlight For Better Growth Of Chrysanthemum Plant In Hindi

गुलदाउदी के पौधे पूर्ण सूर्य प्रकाश में अच्छी तरह से ग्रो करते हैं, समर सीजन के अलावा प्रत्येक मौसम में आप इन्हें रोजाना 5-6 घंटे की सीधी धूप में रख सकते हैं। ग्रीष्म ऋतु में इन्हें अत्यधिक तेज धूप से बचाने के लिए कुछ समय के लिए आंशिक छाया प्रदान कर सकते हैं। फ्लावरिंग के समय इस पौधे को पर्याप्त धूप मिलने से इसमें फूल बड़े तथा अधिक मात्रा में खिलते हैं।

(यह भी जानें: जरूरत से ज्यादा धूप पड़ने पर पौधों में दिखाई देते हैं ये लक्षण…..)

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पानी – How Much Water For Chrysanthemum Plant In Hindi

पानी - How Much Water For Chrysanthemum Plant In Hindi

गुलदाउदी फूल के पौधे उथली जड़ प्रणाली वाले होते हैं, जो कम समय में पानी अवशोषित कर लेते हैं, इसीलिए इन्हें बसंत, गर्मी और पतझड़ के महीनों में अधिक बार पानी देने की आवश्यकता होती है। लेकिन ध्यान रखें, कि ओवर वाटरिंग की स्थिति इस पौधे की जड़ों के सड़ने की वजह बन सकती है, इसलिए गमले की मिट्टी सूखी दिखने पर ही पौधे को पानी दें, अन्यथा पानी न दें। पानी देते समय यह भी ध्यान रखें कि सीधे गमले की मिट्टी में पानी दें, पौधे की पत्तियों को गीला न करें। इसके अतिरिक्त आप इस पौधे को रिपॉट करने के लिए, जो भी गमला और मिट्टी लेते हैं, उनका बेहतर ड्रेनेज सिस्टम होना चाहिए, जिससे जल भराव न हो।

(यह भी जानें: यह संकेत बताएंगे, पौधों को नहीं मिल रहा पर्याप्त पानी…..)

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तापमान – Temperature For Best Growing Chrysanthemum Plant In Hindi

गमले में लगे गुलदाउदी के पौधे में अधिक फूल खिलने के लिए आदर्श तापमान 15-28 डिग्री सेल्सियस होना चाहिए। हालाँकि यह पौधा कुछ कम तापमान को भी सहनकर कर सकते हैं, लेकिन 10 डिग्री सेल्सियस से कम तापमान पर आपको इन्हें घर के अन्दर (इनडोर) रखना होगा।

खाद व उर्वरक – Fertilizer For Blooming Chrysanthemum Plant In Hindi

खाद व उर्वरक - Fertilizer For Blooming Chrysanthemum Plant In Hindi

गुलदाउदी एक हैवी फीडर फ्लावर प्लांट है, जिसकी अच्छी ग्रोथ के लिए मिट्टी में नाइट्रोजन रिच खाद मिलाना सबसे अच्छा होता है, इसके अतिरिक्त फ्लावरिंग के समय गुलदाउदी के अधिक फूल खिलने के लिए फास्फोरस रिच खाद तथा शुरूआती सर्दियों के समय जड़ों को स्वस्थ रखने के लिए पोटेशियम रिच खाद दे सकते हैं।

गुलदाउदी के पौधे को दिए जाने वाले जैविक तरल उर्वरक निम्न हैं:-

  • प्लांट ग्रोथ प्रमोटर (Plant Growth Promoter)
  • कम्पोस्ट टी (Compost Tea)
  • फिश इमल्शन (Fish Emulsion)
  • NPK फर्टिलाइजर (NPK Fertilizer)

(यह भी जानें: पौधे में फूल नहीं आ रहे हैं, तो करें इन खाद और उर्वरकों का इस्तेमाल…..)

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पौधे को बारिश से बचाएं – Protect The Chrysanthemum Plant Of Rainfall In Hindi

गुलदाउदी की पत्तियों में फंगस लगने का खतरा अधिक होता है, इसलिए बारिश के मौसम में पत्तियों को गीला होने से बचाने के लिए, इस पौधों को अपने घर के अंदर बालकनी या बेसमेंट में रखें। यदि आप इसे मूव करने में असमर्थ हैं, तो पॉलीथिन बैग से इसे कवर करके गीला होने से बचा सकते हैं।

अभी तक आपने अधिक फूल खिलने के लिए गुलदाउदी के पौधे की देखभाल के बारे में जाना। अब आगे हम जानेंगे कि सर्दियों में गुलदाउदी की देखभाल कैसे करें, या गुलदाउदी को अधिक ठंड से कैसे बचाएं?

(यह भी जानें: बारिश के मौसम में फूलों की देखभाल कैसे करें…..)

सर्दियों में गुलदाउदी के पौधे की देखभाल कैसे करें – How To Take Care Of Chrysanthemums Plant In Winter In Hindi

सर्दियों में गुलदाउदी के पौधे की देखभाल कैसे करें - How To Take Care Of Chrysanthemums Plant In Winter In Hindi

आइये जानते हैं सर्दियों के समय में गुलदाउदी के पौधे की देखभाल करने के तरीके के बारे में, जो कि निम्न हैं:-

  • शुरूआती ठंड के समय, जड़ों के विकास को प्रोत्साहित करने के लिए, फास्फोरस तथा पोटेशियम रिच तरल उर्वरक दें।
  • जब तापमान अधिक (10 डिग्री सेल्सियस) ठंडा होने लगे, तो पौधों को इंडोर जैसे पोर्च, कोरिडोर या बालकनी में रखें।
  • यदि तापमान 32 डिग्री फ़ारेनहाइट (0 डिग्रीसेल्सियस) से नीचे गिरता है, तो पौधे लगे पॉट या गमले को अखबारों से लपेटें।
  • पौधे की डेडहेडिंग करने के लिए सूखे फूल तथा पत्तियों को हटाएं, लेकिन शाखाओं को लगा रहने दें।
  • गुलदाउदी के पौधे की गीली घास, पुआल या लकड़ी के बुरादे से मल्चिंग करें, यह मिट्टी को अधिक ठंडा होने से रोकेगी।
  • पौधे की सूखी हुई तथा मृत या रोगग्रस्त शाखाओं की प्रूनिंग करें, जिससे इन्फेक्शन न फैल पाए।
  • सर्दियों के समय गुलदाउदी के पौधे को अधिक पानी की आवश्यकता नहीं होती है, लेकिन मिट्टी को नम बनाए रखने के लिए, महीने में दो या तीन बार लगभग 1 से 2 इंच गहरा पानी दें तथा दोबारा तभी पानी दें, जब गमले की मिट्टी सूखी हुई दिखे।

(यह भी जानें: अधिक ठंड में इन पौधों को जरूर रखें घर के अंदर…..)

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गुलदाउदी के पौधे में लगने वाले कीट और रोग – Insect And Disease Of Chrysanthemum Plant In Hindi

गुलदाउदी के पौधे में लगने वाले कीट और रोग - Insect And Disease Of Chrysanthemum Plant In Hindi

गुलदाउदी के पौधों में पाइरेथ्रिन नामक यौगिक पाया जाता है, जो कुछ कीटों को पसंद नहीं होता है, इसलिए इसे कीट विकर्षक प्लांट कहा जाता है। हालाँकि कुछ कीट जैसे माइट्स, एफिड्स और लीफ माइनर आदि इसकी पत्तियों के रस को चूसना पसंद करते हैं। अतः पौधे को इन कीटों से बचाने के लिए पत्तियों पर नीम के तेल का स्प्रे करें।

मम्स फ्लावर प्लांट फंगल रोग जैसे पाउडरी मिल्ड्यू, डाउनी मिल्ड्यू व रस्ट रोगों से अधिक प्रभावित होता है। इन बीमारियों के इन्फेक्शन से पौधे को बचाने के लिए पत्तियों को गीला करने से बचें, तथा मौसम में बदलाव होने पर, जैविक कीटनाशक व कवकनाशी (fungicide) का स्प्रे करें।

(यह भी जानें: ठंड के समय गार्डन में लगने वाले कीट और नियंत्रण के उपाय…..)

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अक्सर पूँछे जाने वाले प्रश्न और उनके उत्तर – Frequently Asked Question And Their Answer In Hindi

प्रश्न:- गुलदाउदी में बड़े फूल प्राप्त करने के लिए क्या किया जाता है?

उत्तर:- फ्लावरिंग के समय फास्फोरस रिच जैविक तरल उर्वरक जैसे कम्पोस्ट चाय, फिश इमल्शन और NPK फर्टिलाइजर देने से गुलदाउदी के पौधे में अधिक मात्रा में तथा बड़े फूल खिलते हैं।

प्रश्न:- क्या गुलदाउदी को सर्दियों से बचाया जा सकता है?

उत्तर:- हाँ, विंटर सीजन के समय कुछ विशेष देखभाल के साथ, इस पौधे को सर्दियों की अधिक ठंड से बचाया जा सकता है।

प्रश्न:- गुलदाउदी का पौधा कितने वर्ष तक जीवित रह सकता है?

उत्तर:- आमतौर पर यह एक वार्षिक पौधा है, लेकिन उचित देखभाल के साथ यह 4 से 5 साल तक भी जीवित रह सकता है।

इस लेख में आपने जाना, कि सर्दियों के मौसम में गुलदाउदी के अधिक फूल खिलने के लिए पौधे की देखभाल कैसे करें? इसके अलावा गुलदाउदी प्लांट केयर टिप्स के बारे में। यदि आपको हमारा यह लेख पसंद आया हो, तो इसे शेयर जरूर करें तथा इस लेख से सम्बंधित आपके सवाल व सुझाव हों तो, हमें कमेंट बॉक्स में जरूर बताएं।

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