गार्डनिंग के लिए बेस्ट फास्फोरस युक्त खाद तथा उर्वरक – Best Phosphorus Rich Fertilizer For Gardening In Hindi

होम गार्डन में लगे हुए पौधों की हेल्दी ग्रोथ के लिए नाइट्रोजन, फास्फोरस तथा पोटेशियम तीनों पोषक तत्वों की आवश्यकता होती है, जो पौधों को, खाद व उर्वरकों से प्राप्त होते हैं। ये पोषक तत्व पौधों के भिन्न-भिन्न कार्यों तथा पौधे की ग्रोथ के लिए उत्तरदायी होते हैं। नाइट्रोजन पौधों में पत्तियों की ग्रोथ तथा पोटेशियम रोग प्रतिरोध क्षमता को बढ़ाने में पौधों की मदद करता है, वहीं फॉस्फोरस पौधों में मजबूत जड़ विकास से लेकर फलों व फूलों के बेहतर उत्पादन में पौधों की मदद करता है। आज इस आर्टिकल में हम आपको पौधों में फल-फूल की उपज को बढ़ाने के लिए उपयोग किये जाने वाले फास्फोरस युक्त उर्वरकों के बारे में बताएंगे। गार्डन में उपयोग किये जाने वाले फास्फोरस युक्त जैविक खाद व उर्वरक कौन-कौन से हैं, फास्फोरस रिच खाद के नाम तथा गार्डन में इनका उपयोग आदि जानने के लिए आर्टिकल को पूरा पढ़ें।

फास्फोरस रिच फर्टिलाइजर के नाम – Name Of Phosphorus Rich Fertilizer In Hindi

सब्जियों, फल तथा फूल वाले पौधों के फलने-फूलने को बढ़ावा देने के लिए आप निम्न फास्फोरस युक्त खाद व उर्वरकों का उपयोग कर सकते हैं:

  1. रॉक फॉस्फेट (rock phosphate)
  2. बोन मील (bone meal)
  3. सीबर्ड गुआनो (seabird guano)
  4. फिश बोन मील फर्टिलाइजर (fish bone meal fertilizer)
  5. प्रोम फर्टिलाइजर (PROM Fertilizer)

रॉक फॉस्फेट – Rock Phosphate Is Best Phosphorus Rich Fertilizer In Hindi

रॉक फॉस्फेट - Rock Phosphate Is Best Phosphorus Rich Fertilizer In Hindi

राक फॉस्फेट (rock phosphate)” फास्फोरस का सबसे अच्छा स्रोत है, जिसका उपयोग पौधों में अधिक फूल खिलने या फलों की अधिक उपज प्राप्त करने के लिए किया जाता है। फास्फोरस के साथ ही इसमें कैल्शियम की मात्रा भी पाई जाती है, जो पौधों को स्वस्थ व मजबूत बनाता है। जैविक उर्वरक रॉक फॉस्फेट का एनपीके अनुपात 0:20:0 होता है, जो पौधों में फोस्फोरस की कमी को दूर करने के लिए तथा पौधों को जरूरत के अनुसार आवश्यक फास्फोरस प्रदान करने के लिए इस्तेमाल किया जाता है।

रॉक फॉस्फेट का उपयोग कैसे करें – गार्डन में रॉक फॉस्फेट को अन्य पदार्थ जैसे खाद, कोकोपीट, पीट मॉस या पॉटिंग मिक्स के साथ मिलाकर टॉप ड्रेसिंग के लिए उपयोग किया जाता है। पौधों को तुरंत फास्फोरस पोषक तत्व देने के लिए आप इसे लिक्विड फर्टिलाइजर के रूप में भी इस्तेमाल कर सकते हैं।

(यह भी जानें: पौधों में फास्फोरस की कमी के लक्षण और उपाय…)

बोन मील – Phosphorus Rich Fertilizer Bone Meal In Hindi

अस्थि भोजन अर्थात् बोन मील (Bone Meal) हड्डियों का चूर्ण होता है, जिसके कारण इसमें काफी अधिक मात्रा में फास्फोरस, कैल्शियम और प्रोटीन पाया जाता है। इसके अलावा इसमें बहुत ही कम मात्रा में नाइट्रोजन होता है, जिसके कारण इसका उपयोग पौधों में फास्फोरस की कमी को दूर करने, अधिक फलों का उत्पादन करने के लिए किया जाता है। बोन मील का एनपीके अनुपात 3:15:0 होता है, जिसका अर्थ है कि इसमें 3 प्रतिशत नाइट्रोजन तथा 15 प्रतिशत फास्फोरस की मात्रा होती है।

बोन मील का उपयोग कैसे करें – बोन मील को फूलों व सब्जियों वाले पौधों के ग्रोइंग सीजन के समय या पौधों में फूल आने के दौरान टॉप ड्रेसिंग के रूप में उपयोग किया जा सकता है। आप पौधों की आवश्यकता अनुसार पानी देने के दौरान बोन मील को पानी में मिलाकर लिक्विड फर्टिलाइजर के रूप में भी इस्तेमाल कर सकते हैं।

नोट – बोन मील में फास्फोरस की मात्रा अधिक होती है, इसीलिए पौधों की किस्म, आकार व आवश्यकता अनुसार ही बोन मील फर्टिलाइजर का उपयोग करें।

(यह भी जानें: हैवी फीडर पौधे क्या हैं, जानें किन पौधों को दें अधिक खाद…)

सीवर्ड गुआनो Seabird Guano Phosphorus Rich Fertilizer In Hindi

मछलियों तथा अन्य समुद्री पक्षियों के मलमूत्र को एकत्रित कर उसे संसोधित करके पौधों के लिए तैयार की गई खाद को सीबर्ड गुआनो कहा जाता है। यह खाद विशेष रूप से उच्च फास्फोरस फर्टिलाइजर है, जो सब्जियों तथा फल-फूल वाले पौधों में फलने-फूलने को प्रोत्साहित करने के लिए सबसे अच्छा होता है। जैविक तरीके से तैयार सीवर्ड गुआनो का एनपीके अनुपात 0:12:0 होता है, जिसका अर्थ है इसमें फास्फोरस पोषक तत्व की उच्च मात्रा पाई जाती होता है। सी बर्ड गुआनो फर्टिलाइजर, ट्रेस खनिजों में भी उच्च होते हैं और पौधों को अच्छी तरह पोषण प्रदान करता है।

सीवर्ड गुआनो का उपयोग कैसे करें – सीवर्ड गुआनो का उपयोग फल और फूल वाले पौधों के आस-पास की मिट्टी में टॉप ड्रेसिंग के रूप में किया जाता है।

(यह भी जानें: महत्वपूर्ण जैविक उर्वरक और उनका एनपीके अनुपात…)

फिश बोन मील फर्टिलाइजर – Fish Bone Meal Fertilizer Fertilizer In Hindi

मछलियों के बचे हुए अवशेष से तैयार की गई जैविक खाद को फिश बोन मील फर्टिलाइजर के रूप में जाना जाता है। फिश बोन मील का एनपीके अनुपात 4:17:0 होता है, जिसमें 17% फास्फोरस तथा 4% नाइट्रोजन पाई जाती है। फिश बोन मील फर्टिलाइजर का उपयोग अधिकांशतः सब्जियों तथा फूलों वाले पौधों के लिए किया जाता है, जब पौधे फलना फूलना शुरू कर देते हैं।

फिश बोन मील फर्टिलाइजर का उपयोग कैसे करें – फिश बोन मील का उपयोग मिट्टी में ट्रॉप ड्रेसिंग या लिक्विड फर्टिलाइजर के रूप में किया जा सकता है।

(यह भी जानें: सब्जियों के छिलकों से जैविक खाद कैसे बनाएं…)

प्रोम फर्टिलाइजर – PROM Phosphorus Rich Fertilizer In Hindi

फास्फोरस रिच ऑर्गेनिक मैन्योर अर्थात् प्रोम (PROM) पौधों में फास्फोरस पोषक तत्व देने तथा पौधों की बेहतर ग्रोथ में मदद करने के लिए तैयार किया गया है। इसे रॉक फॉस्फेट, अन्य जैविक खाद तथा कम्पोस्ट के मिश्रण से तैयार किया जाता है। प्रोम में भरपूर मात्रा में फास्फोरस तथा कई ट्रेस तत्व भी पाए जाते हैं, जो पौधों की हेल्दी ग्रोथ में सहायक होते हैं।

प्रोम फर्टिलाइजर का उपयोग कैसे करें – फास्फोरस रिच ऑर्गेनिक मैन्योर एक दानेदार उर्वरक के रूप में आता है, जिसे बारीक चूर्ण के रूप में या पानी में घोल तैयार कर लिक्विड फॉर्म में पौधों पर उपयोग कर सकते हैं। आप गमले या गार्डन की मिट्टी तैयार करते समय मिट्टी में प्रोम (prom) खाद का पाउडर मिला सकते हैं। प्रोम फर्टिलाइजर का उपयोग करने के लिए पानी में लगभग 2 बड़े चम्मच प्रोम खाद डालकर घोल तैयार कर लें, अब इस घोल को स्प्रे पम्प या वाटरिंग केन की मदद से गमले की मिट्टी में डालें।

(यह भी जानें: चाय पत्ती से खाद कैसे बनाएं…)

फास्फोरस युक्त उर्वरक का उपयोग कब करना चाहिए – When To Use Phosphorus Fertilizer In Hindi

पेड़-पौधों की ग्रोथ में सूक्ष्म पोषक तत्व फास्फोरस काफी महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। अगर आपके होम गार्डन में फल, फूल तथा सब्जियों वाले पौधे लगे हुए हैं, तो आप उनकी ग्रोइंग स्टेज में फास्फोरस युक्त खाद का उपयोग कर सकते हैं, ताकि आपको अधिक उपज की प्राप्ति हो सके। इसके अतिरिक्त पौधों में फास्फोरस की कमी के लक्षण दिखाई देने पर भी आपको पौधों को फास्फोरस युक्त खाद या उर्वरक देना चाहिए। पौधों में निम्न लक्षण दिखाई देने पर आप फास्फोरस युक्त खाद का उपयोग कर सकते हैं, जैसे:

  1. पत्तियों का रंग गहरा हरा या बैंगनी दिखाई देने पर।
  2. पत्तियों के आगे का भाग सूखा या मुरझाया हुआ दिखाई देने पर।
  3. प्रॉपर देखभाल के बाद भी पौधे की ग्रोथ न होने पर।
  4. ग्रोइंग स्टेज में पौधों में फल-फूल न आने पर।

(यह भी जानें: पोटेड प्लांट्स के लिए टॉप 10 होममेड जैविक खाद…)

उपरोक्त आर्टिकल में आपने जाना कि होम गार्डन में लगे हुए वेजिटेबल प्लांट्स, फ्रूट प्लांट तथा फ्लावर प्लांट में अधिक उपज प्राप्त करने के लिए फास्फोरस रिच खाद कौन सी है, गार्डनिंग में उपयोग की जाने वाली फास्फोरस युक्त उर्वरक के नाम तथा उनके उपयोग आदि के बारे में भी जाना। इस आर्टिकल से संबंधित आपके जो भी सवाल या सुझाव हों उन्हें कमेन्ट करके अवश्य बताएं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *