महत्वपूर्ण जैविक उर्वरक और उनका एनपीके अनुपात – Best Organic Fertilizers And Their Npk Ratio In Hindi

यदि आपके पौधे वृद्धि नहीं कर रहें हैं, पत्ते पीले या रोगग्रस्त हैं या फिर पत्ते झड़ रहे हैं, तो यह समस्या मिट्टी के पोषक तत्वों में असंतुलन के कारण उत्पन्न हो सकती है और इसे जैविक उर्वरकों का प्रयोग कर दूर भी किया जा सकता है। आप पौधों की समस्या के आधार पर एक उत्तम NPK आर्गेनिक फ़र्टिलाइज़र का चुनाव कर सकते हैं, तथा अपने पौधों को मरने से बचा सकते हैं। यह लेख आपके लिए बेहद फायदेमंद होने वाला है, जहाँ पर आप कुछ प्रमुख जैविक खाद या उर्वरक के नाम व एनपीके (NPK) अनुपात क्या है, उनकी उपयोगिता और उनके NPK अनुपात के बारे में जानेंगे। इसके अलावा आर्गेनिक खाद बनाने की विधि और उन्हें गार्डन में उपयोग करने के तरीके के बारे में भी जानेगें।

जैविक उर्वरक क्या है – What Is Organic Fertilizers In Hindi

जैविक उर्वरक क्या है - What Is Organic Fertilizers In Hindi

जैविक उर्वरक को प्राकृतिक रूप से जैविक स्रोतों से प्राप्त किया जाता है। उर्वरक ऐसी सामग्री है जिसे पौधों के विकास के लिए और उन्हें पोषक तत्व प्रदान करने के लिए मिट्टी या पौधों पर उपयोग किया जा सकता है। कुछ जैविक उर्वरक स्रोत के अंतर्गत जैविक खाद (organic compost), पशु खाद (cattle manures), मुर्गी पालन और घरेलू सीवेज (domestic sewage) शामिल हैं।

चूँकि रासायनिक या सिंथेटिक उर्वरकों का उपयोग पृथ्वी पर रहने वाले सभी जीवों के लिए हानिकारक और खतरनाक होता है। वहीं दूसरी ओर हम जैविक उर्वरक का प्रयोग पौधों और पर्यावरण दोनों के लिए पूर्ण रूप से सुरक्षित और फायदेमंद होता है। आर्गेनिक फ़र्टिलाइज़र में पौधों के लिए आवश्यक पोषक तत्व पाए जाते हैं, जिनमें नाइट्रोजन, फास्फोरस और पोटेशियम बेहद महत्वपूर्ण तत्व हैं। जैविक उर्वरकों में इन तीन पोषक तत्वों की मात्रा को दर्शाने के लिए NPK अनुपात का प्रयोग किया जाता है।

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एनपीके क्या है – What Is Npk Value In Hindi

उर्वरक में नाइट्रोजन, फास्फोरस और पोटेशियम के अनुपात को NPK से प्रदर्शित किया जाता है। पौधों के विकास के लिए विशेष रूप से 6 पोषक तत्वों या माइक्रोन्यूट्रिएंट (Macronutrient) की आवश्यकता होती है जिनमें कार्बन, हाइड्रोजन, ऑक्सीजन, नाइट्रोजन, फास्फोरस और पोटेशियम शामिल हैं। किसी भी जैविक उर्वरक का NPK नंबर उस उत्पाद के वजन के आधार पर पाए जाने वाली क्रमशः नाइट्रोजन, फास्फोरस और पोटेशियम की प्रतिशत मात्रा को इंगित करता है।

उदाहरण के लिए, यदि 1000 ग्राम उर्वरक के पैकिट में npk अनुपात 10-10-10 है जिसका मतलब हैं कि उस उर्वरक में नाइट्रोजन (N), फास्फोरस (P) और पोटेशियम (K) प्रत्येक की मात्रा 100 ग्राम होती है। पौधों के लिए उपयोग में लाये जाने वाले जैविक उर्वरक का NPK अनुपात इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि:

  1. नाइट्रोजन (N) पर्णसमूह की वृद्धि (growth of foliage) अर्थात पौधे की पत्तियों के लिए आवश्यकता होता है।
  2. फास्फोरस (P) मजबूत और स्वस्थ जड़ वृद्धि और पौधे के फूलने, फलने के लिए महत्वपूर्ण होता है।
  3. पोटेशियम (K) पौधे के सभी महत्वपूर्ण कार्यों को नियंत्रित करने, पौधे को स्वस्थ रखने और तापमान सहन करने में मदद करता है।

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सर्वोत्तम जैविक उर्वरक और उनकी NPK वैल्यू – Best Organic Fertilizers Npk Value In Hindi

पौधों के विकास के लिए आवश्यक पोषक तत्वों में से सर्वाधिक महत्वपूर्ण पोषक तत्व नाइट्रोजन, फास्फोरस, पोटैशियम होते हैं, जिनकी पूर्ति जैविक उर्वरकों के माध्यम से आसानी से की जा सकती है। आर्गेनिक गार्डनिंग में क्रांति लाने वाले कुछ शक्तिशाली जैविक या प्राकृतिक उर्वरकों के बारे में विस्तार से जानेगें:

गोबर खाद – Cow Dung Manure In Hindi

गोबर खाद - Cow Dung Manure In Hindi

गाय के गोबर की खाद को प्राचीन काल से ही एक प्राकृतिक जैविक उर्वरक के रूप में उपयोग किया जा रहा है। केवल गाय का गोबर ही नहीं, अपितु घोड़े, बकरी का गोबर भी उर्वरक के रूप में उपयोग किया जा सकता है। ध्यान देने योग्य बात है कि, गोबर की खाद पूरी तरह से अपघटित होनी चाहिए अर्थात ताजे गोबर को खाद के रूप में इस्तेमाल नहीं किया जाना चाहिए, क्योंकि इसमें अमोनिया और संभावित रोगजनकों के उच्च स्तर होते हैं। इसलिए जितनी पुरानी गोबर खाद होती है पौधों के लिए उतनी ही फायदेमंद होती है।

गोबर की खाद कैसे बनाएं – How To Make Cow Dung Manure In Hindi

घर पर गोबर खाद बनाने का सबसे अच्छा तरीका पशु अपशिष्ट और फल सब्जियों के अपशिष्ट को किसी नम स्थान पर ढेर के रूप में एकत्रित करके रख दें। हालाँकि मौसम और अपशिष्ट के ढेर के आधार पर गोबर खाद तैयार होने में 1 साल या इससे भी अधिक का समय लग सकता है।

इसके अलावा गाय का ताजा गोबर और मूत्र को बैरल या किसी धातु, प्लास्टिक के पात्र में 10 भाग पानी के साथ अच्छी तरह मिलाकर 24 घंटों के लिए रखा रहने दें। इसके बाद इसमें अपघटित फलों (जैसे केला), सब्जियों या अन्य वनस्पति पदार्थ को डालकर इसमें 1 किलो गुड़ डाल दें। अब इस मिश्रण को अपघटित होने के लिए रख दें, तथा हर महीने बाद इस मिश्रण को चलायें। 6 महीने बाद आपकी गोबर खाद बनकर तैयार हो जाएगी।

गोबर खाद का NPK कितना होता है – Npk Value Of Cow Manure In Hindi

आम तौर पर, गाय के गोबर की खाद का NPK अनुपात 2:1:1 से लेकर 3:2:1 तक हो सकता है अर्थात इसमें लगभग 2 से 3 प्रतिशत नाइट्रोजन, 1 से 2 प्रतिशत फास्फोरस और 1 प्रतिशत पोटेशियम होता है। इसके अलावा इसमें कई आवश्यक पोषक तत्व जैसे कैल्शियम (Ca), मैग्नीशियम (Mg), सल्फर (S), जिंक (Zn), बोरॉन (B), कॉपर (Cu), मैंगनीज (Mn) भी उपस्थित होते हैं।

गाय के गोबर की खाद का उपयोग कैसे करें? – How To Use Cow Dung Manure In Hindi

गार्डन या गमले की मिट्टी तैयार करते समय 30% गोबर खाद को मिट्टी में मिलाना फायदेमंद होता है। इसके अलावा, पौधे लगे गमलों में महीने में एक बार या महीने में लगभग दो बार एक मुट्ठी गाय के गोबर की खाद को डाला जा सकता है। यह पौधों में अधिकांश फूल और फल आने के लिए पर्याप्त होता है।

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वर्मीकम्पोस्ट – Vermicompost In Hindi

वर्मीकम्पोस्ट - Vermicompost In Hindi

केंचुआ के मल (earthworm poop) या केंचुआ कास्टिंग (earthworm castings) को वर्मीकम्पोस्ट कहा जाता है। इसके अलावा वर्मीकम्पोस्ट में कुछ ओर नहीं पाया जाता है। वर्मीकम्पोस्ट को केंचुआ खाद भी कहा जाता है।

वर्मी कम्पोस्ट कैसे बनाते हैं? How To Make Vermicompost In Hindi

  • वर्मी कम्पोस्ट तैयार करने के लिए आप एक हवादार नम पात्र या किसी समतल भूमि को चुनें।
  • इसके बाद 6 इंच मोटी काली या दोमट मिट्टी की परत बिछा दें। मिट्टी में कांच, पत्थर और धातु के दुकड़े नहीं होने चाहिए।
  • अब इस मिट्टी पर आप आसानी से अपघटित होने वाली पदार्थ जैसे- नारियल की बूछ, गन्ने के पत्तेज्वार के डंठल और केले जैसे अपशिष्ट की 2 इंच मोटी परत बिछाएं।
  • इसके ऊपर 2 इंच मोटी अच्छी तरह से अपघटित हुई गोबर खाद की परत बिछाएं।
  • अब केचुओं को डालकर, गोबर और अन्य अपशिष्ट की 6 इंच मोटी परत से ढक दें।
  • ध्यान रखें यह पूरा मिश्रण पर्याप्त नमी और हवायुक्त होना चाहिए। तथा तापमान 25 से 30 डिग्री सेंटीग्रेट होना चाहिए।
  • नमी बनाये रखने के लिए इसपर प्रतिदिन पानी छिड़कते रहें, और प्रतिसप्ताह ऊपरी गोबर खाद और कचड़े को पलटकर हल्का करते रहें।
  • यदि 30 दिन बाद छोटे छोटे केंचुएँ दिखाई देने लगें तो इसपर कूड़े-कचड़े की 2 इंच मोटी परत बिछा दें और पानी छिडकें।
  • लगभग 2 महीने में वर्मी कम्पोस्ट या केंचुआ खाद बनकर तैयार हो जाएगी।

वर्मीकम्पोस्ट का NPK कितना होता है – What Is The Npk Of Vermicompost In Hindi

आम तौर पर वर्मीकम्पोस्ट का एनपीके अनुपात 2:1:1 से लेकर 3:2:2 तक होता है अर्थात वर्मीकम्पोस्ट में नाइट्रोजन 2 से 3%, पोटेशियम 1 से 2% और फास्फोरस 1 से 2% होता है। इस जैविक खाद में सूक्ष्म पोषक तत्व और लाभकारी मिट्टी सूक्ष्म जीवाणुओं के अलावा पौधे के वृद्धि हार्मोन और एंजाइम भी उपस्थित होते हैं।

वर्मीकम्पोस्ट का उपयोग कैसे करें? – How To Use Vermicompost In Hindi

केंचुआ खाद (वर्मीकम्पोस्ट) को गोबर की खाद के स्थान पर या दोनों को एक साथ इस्तेमाल किया जा सकता है। पौधे लगाने के लिए गमले की मिट्टी तैयार करते समय इसे मिट्टी के साथ लगभग 30% अनुपात में मिलाया जाता है। यदि आप पौधे लगे गमले की मिट्टी में इस जैविक खाद का उपयोग करना चाहते हैं, तो इसे आम तौर पर महीने में एक या दो बार, एक मुट्ठी वर्मीकम्पोस्ट को मिट्टी की ऊपरी सहत पर डाल सकते हैं।

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बोन मील – Bone Meal In Hindi

बोन मील - Bone Meal In Hindi

बोन मील, एक जैविक उर्वरक (organic fertilizer) है, जिसे जानवरों की हड्डियों से बनाया जाता है। इसे बनाने की प्रक्रिया में हड्डियों को उबालना या भाप देना और फिर उन्हें एक महीन पाउडर में पीसना शामिल है। यह धीमी गति से पोषक तत्वों को रिलीज करता है। यह स्टीम्ड बोन मील पाउडर के रूप में या मोटे पाउडर के रूप में उपलब्ध होता है।

आर्गेनिक फ़र्टिलाइज़र बोन मील कैसे बनता है? – How To Make Bone Meal Fertilizer In Hindi

बोन मील आर्गेनिक फ़र्टिलाइज़र को निम्न विधि से तैयार किया जाता है:

  1. हड्डियों को एकत्रित कर उन्हें साफ और कीटाणुरहित करना ऐसा करने के लिए हड्डियों को पर्याप्त पानी के साथ धीरे धीरे 5 घंटे तक उबलने दिया जाता है। फिर इन हड्डियों को साफ़ कर लगभग 200°C पर 1 घंटे तक ओवन या भट्टी में सेंका जाता है।
  2. हड्डियाँ सिकने के बाद इन्हें हवादार क्षेत्र में सुखाया जाता है। सूखने के बाद हड्डियां अधिक भंगुर हो जाती है, जिन्हें आसानी से कुचलकर या पीस कर पाउडर बनाया जा सकता है। पाउडर बनकर तैयार होने के बाद, इसे आप अपने गार्डन की मिट्टी में जैविक उर्वरक के रूप में उपयोग कर सकते हैं।

बोन मील का NPK अनुपात कितना होता है – What Is The Npk Of Bone Meal In Hindi

अधिकांश स्टीम्ड बोन मील (Steamed bone meal) में NPK वैल्यू 3:15:0 होती है, इसका मतलब है कि इसमें 3 प्रतिशत नाइट्रोजन (nitrogen), 15 प्रतिशत फॉस्फोरस (phosphorus) और 0 प्रतिशत पोटैशियम (potassium) पाया जाता है। NPK वैल्यू के आधार पर बोन मील, फॉस्फोरस का एक उत्तम स्रोत होता है। कुछ बोन मील जैविक उर्वरक में 4:20:0 का NPK अनुपात पाया जाता है।

बोन मील का उपयोग कैसे करें? – How To Use Bone Meal Organic Fertilizer In Hindi

फास्फोरस का उत्तम स्रोत होने के कारण बोन मील मजबूत जड़ों तथा फूल और फलों की पैदावार बढाने के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। इसका एक बार प्रयोग करने पर यह लगभग 4 महीनों तक पोषक तत्वों को प्रदान करता है। पौधे लगाने से पहले प्रत्येक 100 वर्ग फुट मिट्टी के लिए 4-5 किलोग्राम की दर से बोन मील उर्वरक का उपयोग किया जा सकता है। रोपण करते समय रोपण छेद में या खाद के ढेर में बोन मील के कुछ बड़े चम्मच को शामिल कर सकते हैं। पौधे लगे मध्यम आकार के गमले में आधा मुट्ठी और बड़े आकार के गमले में एक मुट्ठी बोन मील को ऊपरी मिट्टी में मिलाया जा सकता है।

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नीम खली – Neem Cake In Hindi

नीम खली - Neem Cake In Hindi

neem cake अर्थात नीम केक पाउडर, एक अच्छा जैविक उर्वरक होने के साथ-साथ एक एक अच्छा मृदा कीटनाशक भी है। नीम तेल निकालने के बाद जो ठोस अवशेष बचता है उसे ही नीम खली या नीम केक कहा जाता है। मिट्टी के रोगजनक कीड़ों को दूर करने और नियंत्रित करने के लिए नीम खली में पर्याप्त मात्रा अज़ादिरेक्टिन (Azadirachtin) मौजूद होता है। इसे प्राकृतिक नेमैटिसाइड (natural nematicide) और कीटनाशक (insecticide) के रूप में जाना जाता है।

नीम खली का NPK अनुपात कितना होता है – What Is Npk Ratio Of Neem Cake In Hindi

पूरी तरह से प्राकृतिक नीम उत्पाद होने के कारण इसमें 100% प्राकृतिक एनपीके सामग्री और अन्य आवश्यक सूक्ष्म पोषक तत्व मौजूद होते हैं नीम केक पाउडर में एनपीके (NPK) अनुपात सामान्यतः 4:1:2 और अधिकतम 6:1:2 होता है। इसके अलावा नीम की खली में कैल्शियम, मैग्नीशियम, सल्फर, जिंक, कॉपर, आयरन और मैंगनीज जैसे खनिज भी पाए जाते हैं।

नीम की खली का उपयोग कैसे करें? – How To Use Neem Cake Fertilizer In Hindi

मिट्टी को रोगजनक कीटाणुओं, नेमाटोड से सुरक्षित रखने के लिए पोटिंग मिश्रण तैयार करते समय लगभग 5 से 10% नीम खली पाउडर मिलाना चाहिए। आप नीम खली का घोल बनाकर पौधों पर छिड़काव भी कर सकते हैं। इसके लिए 1 लीटर पानी में एक मुट्ठी नीम खली को घोले और इसे कम से कम 24 घंटे तक पकने दें। 24 घंटे बाद इस घोल में पानी मिलाकर पतला करें और पौधे पर स्प्रे करें। आप इस घोल को सीधे मिट्टी में भी डाल सकते हैं।

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सरसों की खली – Mustard Cake Fertilizer In Hindi

सरसों की खली - Mustard Cake Fertilizer In Hindi

सरसों के बीज से तेल निकालने के बाद बचा हुआ ठोस अवशेष मस्टर्ड केक या सरसों की खली कहलाता है। एक अच्छे आर्गेनिक फ़र्टिलाइज़र (organic fertilizer) के रूप में इसमें पोटैशियम, नाइट्रोजन, प्रोटीन, मैग्नीशियम, सल्फर और फास्फोरस इत्यादि पोषक तत्वों की भरपूर मात्रा पाई जाती है।

मस्टर्ड केक (सरसों की खली) का NPK कितना होता है – Mustard Cake Fertilizer Npk Value In Hindi

मस्टर्ड केक या सरसों की खली का एनपीके अनुपात 4:1:1 है अर्थात इसमें नाइट्रोजन 4%, फास्फोरस 1% और पोटैशियम (K) 1% होता है।

सरसों की खली का उपयोग कैसे करें? – How To Use Mustard Cake In Hindi

  1. यह नेमाटोड (nematodes) और एफिड्स (aphides) जैसे कीटों को नियंत्रित करता है स्वस्थ पौधों के विकास में योगदान देता है। इसके अलावा मस्टर्ड केक एक अच्छा पेस्टिसाइड भी होता है।
  2. सरसों की खली को पाउडर या घोल के रूप में पौधों की मिट्टी को दिया जा सकता है। 10 भाग मिट्टी में गमले की मिट्टी के साथ 1 भाग मस्टर्ड केक पाउडर या सरसों की खली के चूर्ण को मिश्रित किया जाना चाहिए।
  3. इसके अलावा सरसों की खली का घोल बनाने के लिए 100 ग्राम सरसों की खली को 1 लीटर पानी में घोलें और 2-3 दिनों के लिए किण्वित (Ferment) होने के लिए रख दें। इसके बाद घोल में 2 से 5 लीटर पानी मिलाएं और सभी पौधों की मिट्टी में डालें।

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रॉक फॉस्फेट – Rock Phosphate In Hindi

Rock Phosphate, फास्फोरस का एक महत्वपूर्ण प्राकृतिक स्रोत है, जिसे बोन मील के स्थान पर एक शाकाहारी उत्पाद के रूप में उपयोग लाया जा सकता है रॉक फॉस्फेट का उपयोग रासायनिक फॉस्फेटिक फ़र्टिलाइज़र (phosphatic fertilizers) के उत्पादन में कच्चे माल के रूप में किया जाता है। इसका सीधा प्रयोग अम्लीय मिट्टी में किया जा सकता है क्योंकि कम पीएच होने के कारण रॉक फॉस्फेट आसानी से घुल जाता है।

रॉक फॉस्फेट का NPK कितना होता है – What Is Npk Of Rock Phosphate In Hindi

जैविक उर्वरक रॉक फॉस्फेट का एनपीके अनुपात लगभग 0:20:0 होता है, जो फास्फोरस का उच्चतम स्रोत है।

रॉक फॉस्फेट उर्वरक का उपयोग कैसे करें? – How To Use Rock Phosphate In Hindi

यदि मिट्टी का पीएच 5.5 से ऊपर है तो रॉक फॉस्फेट अच्छी तरह से नहीं घुलता है। इसे पौधों की जड़ों द्वारा पूरी तरह से अवशोषित करने के लिए अम्लीय माध्यम की आवश्यकता होती है। रॉक फॉस्फेट को रोपण से पहले मिट्टी के साथ मिश्रित कर या रोपण छेद में डालकर उपयोग किया जा सकता है। पौधे लगाने से पहले मिट्टी तैयार करते समय आधा या एक मुट्ठी रॉक फॉस्फेट को 12 से 15 इंच के गमले की मिट्टी के साथ किया जा सकता है। इसके अलावा 3 महीने में एक बार 1 से 2 चम्मच रॉक फॉस्फेट को पौधा लगे गमले की मिट्टी के उपयोग डाला जा सकता है।

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एप्सम सॉल्ट – Epsom Salt In Hindi

यह पौधों में मैग्नीशियम की कमी को पूरा करने के लिए जैविक उर्वरक के रूप में एप्सम सॉल्ट का उपयोग किया जा सकता है। रासायनिक रूप से एप्सम सॉल्ट को मैग्नीशियम सल्फेट के रूप में जाना जाता है। पौधों में क्लोरोफिल का प्रमुख घटक मैग्नीशियम है। एप्सम सॉल्ट के लिए एनपीके (NPK) वैल्यू 0-0-0 होती है। यदि मिट्टी में मैग्नीशियम या सल्फर की कमी है तो आप इन पोषक तत्वों की कमी को पूरा करने के लिए आर्गेनिक खाद के रूप में एप्सम सॉल्ट को मिट्टी में मिला सकते हैं। आप इसे घोल के रूप में या पाउडर के रूप में मिट्टी में शामिल कर सकते हैं।

ब्लड मील जैविक उर्वरक – Blood Meal Fertilizer In Hindi

यह एक उच्च नाइट्रोजन वाला जैविक उर्वरक है। ब्लड मील जानवरों के खून से बना सूखा और निष्क्रिय पाउडर होता है।

ब्लड मील कैसे बनता है? – How To Make A Blood Meal In Hindi

सौर विधि (solar method) का उपयोग करके ब्लड मील बनाने के लिए, बूचड़खानों (abattoirs) से रक्त को एकत्रित किया जाता है। इस ब्लड को लगातार हिलाते हुए उबाला जाता है, और जब 10-12% नमी बचती है, तो इसे एक साफ सतह पर फैलाकर धूप में सुखाया जाता है। इसे ओवन में सुखाया जा सकता है। ब्लड सूखने के बाद पाउडर में परिवर्तित हो जाता है।

ब्लड मील का NPK कितना होता है – What Is Npk Of Blood Meal In Hindi

आम तौर पर, ब्लड मील में 12-1.5-0.5 का एनपीके होता है। इसका मतलब है कि इसमें नाइट्रोजन की मात्रा सर्वाधिक 12 से 13%, फॉस्फोरस (P) 1.5%, और पोटैशियम (K) 0.5% उपस्थित होता है। इन पोषक तत्वों के अलावा अन्य तत्वों की मात्रा कम होती है।

ब्लड मील का उपयोग कैसे करें? – How To Use Blood Meal As A Fertilizer In Hindi

  1. यह उर्वरक तेजी से लेकिन नाइट्रोजन को रिलीज करता है और इसका उपयोग नाइट्रोजन की कमी की कारण बीमार पौधों को जल्दी ठीक करने के लिए किया जा सकता है।
  2. ब्लड मील अधिक अम्लीय होता है और इसका अधिक मात्रा में उपयोग नुकसानदायक हो सकता है जिससे पौधे झुलस सकते हैं। अतः इसे निश्चित मात्रा में ही उपयोग करना चाहिए।
  3. आप पौधे की जड़ों के पास आधा से 1 चम्मच ब्लड मील को डालकर, पौधे को पर्याप्त पानी दें।

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फिश मील जैविक उर्वरक – Fish Meal Organic Fertilizer In Hindi

मछली की हड्डियों से बना उत्पाद जिसका उपयोग जैविक खाद के रूप में किया जाता है, फिश मील कहलाता है। यह NPK के साथ साथ अन्य पोषक तत्वों का एक उत्तम स्रोत है। फिश मील आर्गेनिक फ़र्टिलाइज़र पत्तेदार सब्जियों और पौधों के लिए बेहद लाभदायक होता है।

फिश मील उर्वरक कैसे बनाएं? – How To Make Fish Meal Fertilizer In Hindi

फिश मील को मछली और उसके अपशिष्ट को पकाकर, दबाकर, सुखाकर और मछली पीसकर ठोस पाउडर के रूप में तैयार किया जाता है। फिश मील बनाते समय मछली अपशिष्ट से अधिकांश पानी और तेल को निकाल लिया जाता है। एक टन फिश मील पाउडर का निर्माण करने के लिए चार से पांच टन मछली की जरूरत होती है।

फिश मील जैविक उर्वरक का NPK कितना होता है – What Is Npk Fish Meal Fertilizer In Hindi

आम तौर पर, फिश मील का एनपीके अनुपात (NPK ratio) 5: 2: 2 होता है। विभिन्न कंपनी के प्रोडक्ट्स के आधार पर फिश मील के NPK में भिन्नता पाई जा सकती है।

फिश मील उर्वरक का उपयोग कैसे करें? – How To Use Fish Meal Fertilizer In Hindi

  1. प्रोटीन का उत्तम स्रोत होने के कारण फिश मील जैविक उर्वरक का उपयोग अन्य फ़र्टिलाइज़र के साथ किया जा सकता है। ब्लड मील के साथ मिश्रित कर यह अच्छे परिणाम प्रदान करता है।
  2. फिश मील फर्टिलाइजर देते समय सावधानी बरतें। बहुत अधिक फिश मील का प्रयोग पौधों को नुकसान पहुंचा सकता है और पौधों की वृद्धि को भी प्रभावित कर सकता है। पौधे के विकास के लगभग सभी चरणों में फिश मील का उपयोग किया जा सकता है।
  3. 4 लीटर पानी में 14 ग्राम फिश मील मिलाएं, और इस मिश्रण से पौधों की मिट्टी को पानी दें। अच्छे परिणाम प्राप्त करने के लिए आप इसे सप्ताह में दो बार उपयोग कर सकते हैं।

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